बहा है खून जिनका धरती पर सलाम उनको…
साहित्यकारों ने मनाया कारगिल विजय दिवस
चण्डीगढ़ : साहित्य के क्षेत्र के प्रतिष्ठित मंच भंडारी अदबी ट्रस्ट ने कारगिल विजय दिवस का आयोजन किया। ट्रस्ट के संरक्षक अशोक भंडारी नादिर ने बताया कि इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सेना के सेवानिवृत्त मेजर जनरल राज मेहता, मेजर जनरल पुष्पेंद्र सिंह, कर्नल एस एस कालिया, ब्रिगेडियर ओंकार सिंह होरा द्वारा शहीद सेना अधिकारी अनुज सूद के पिता ब्रिगेडियर सीके सूद को विशेष तौर पर सम्मानित किया गया। इस मौके पर सभी फौजी अफसरों ने कारगिल की विजय का इतिहास और प्रमुख घटनाओं को विस्तार से बताया। इसके साथ ही ट्राइसिटी के प्रसिद्ध कवि एवं शायरों ने अपने ओजस्वी और वीर रस की रचनाओं से कार्यक्रम को राष्ट्रभक्ति के रंग में सराबोर कर दिया। मंच का आगाज़ संचालक डॉ. अनीश गर्ग ने अपनी सशक्त पंक्तियों “मैं बेशुमार अपना वतन चाहता हूं…तिरंगे में लिपटा कफ़न चाहता हूं…से किया। कार्यक्रम के आयोजक एवं प्रसिद्ध शायर अशोक भंडारी ‘नादिर’ की ग़ज़ल “बहा है खून जिनका धरती पर सलाम उनको, कोई दे आए हमवतनों के दिल का ये पैगाम उनको” ने श्रोताओं को जय हिंद के उद्घोष करने पर विवश कर दिया। इसके उपरांत वरिष्ठ साहित्यकार एवं शायर सिरी राम अर्श ने कारगिल की विजय पर अपनी खूबसूरत ग़ज़ल कारगिल की जीत का आज दिन मनाओ दोस्तो..पर शहीदों के सामने भी सर झुकाओ दोस्तों पढ़ी। इसके उपरांत प्रेम विज,आर पी मल्होत्रा, सविता गर्ग, विजेंद्र चौहान, डेज़ी बेदी,सन्नी सागर, कर्नल महेश चड्डा ने अपनी वीर रस की सशक्त कविताओं से शहीदों एवं भारत माता को नमन किया। प्रसिद्ध शिक्षाविद् पुनीत बेदी ने कारगिल की विजय के अनछुए पन्नों को साझा किया। अशोक नादिर ने कहा कि हमारा मंच हर वर्ष कारगिल विजय दिवस मनाया करेगा।