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Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020

जे.सी. बोस विश्वविद्यालय के लोकार्पण समारोह में शामिल हुए हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय

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जे.सी. बोस विश्वविद्यालय के लोकार्पण समारोह में शामिल हुए हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय

– हरियाणा में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के प्रभावी क्रियान्वयन पर देना होगा ध्यानः श्री बंडारू दत्तात्रेय
– विश्वविद्यालय में 30 करोड़ रुपये लागत की दो छात्र-केन्द्रित परियोजनाओं का किया लोकार्पण
– एनईपी-2020 के क्रियान्वयन में जे.सी. बोस विश्वविद्यालय निभाये अग्रणी भूमिकाः श्री मूलचंद शर्मा
– वर्ष 2024 के अकादमिक सत्र से प्रदेश में एनईपी-2020 का 70 प्रतिशत क्रियान्वयन हो जायेगाः श्री आनंद मोहन शरण
– दूसरा कैंपस विश्वविद्यालय की भावी योजनाओं का प्रमुख केन्द्र बिन्दू, जे.सी. बोस विश्वविद्यालय निरंतर प्रयासरतः कुलपति प्रो. तोमर

चंडीगढ़,  17 जुलाई – हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के प्रभावी क्रियान्वयन को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि यह नीति विद्यार्थियों के कौशल प्रशिक्षण एवं रोजगार पाने की संभावनाओं को बढ़ावा देती है। इसलिए, हरियाणा के शिक्षण संस्थानों को इसके प्रभावी क्रियान्वयन पर ध्यान देना होगा।
राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय आज जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद में आयोजित लोकार्पण समारोह की अध्यक्षता कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने विश्वविद्यालय में लगभग 30 करोड़ रुपये लागत की दो छात्र-केन्द्रित परियोजनाओं का लोकार्पण किया। समारोह में उच्च शिक्षा मंत्री श्री मूलचंद शर्मा ने मुख्य अतिथि तथा अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री आनंद मोहन शरण ने विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।
समारोह को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि जे.सी. बोस विश्वविद्यालय प्रदेश का प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान है और विश्वविद्यालय में नई परियोजनाएं विद्यार्थियों के लिए उच्च शिक्षा को सुविधाजनक बनायेंगी। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय ने हाल के वर्षों में ढांचागत सुविधाओं में विस्तार किया है, जोकि एक सराहनीय पहल है। उन्होंने प्रसन्नता जताई कि विश्वविद्यालय अनुसंधान, इनोवेशन और उद्यमशीलता को बढ़ावा दे रहा है। उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा औद्योगिक सहभागिता तथा सामाजिक सरोकार के लिए किये जा रहे कार्यों की भी सराहना की।
राज्यपाल द्वारा जिन दो नई परियोजनाओं का लोकार्पण किया गया, उनमें से एक बहुमंजिला बालिका छात्रावास है, जिसका नाम भारत की पहली महिला इंजीनियर ए. ललिता के नाम पर रखा गया है। इस बहुमंजिला भवन में 83 कमरें है, जिसमें छात्राओं के लिए आवासीय सुविधाओं के साथ-साथ चीफ हाॅस्टल वार्डन कार्यालय, विजिटर रूम तथा अन्य जरूरी व्यवस्थाओं का प्रावधान किया गया है। दूसरी परियोजना जलपान गृह एवं छात्र गतिविधि केन्द्र है, जिसका नाम भगवान श्री कृष्णा के नाम पर रखा गया है। इस बहुमंजिला भवन में कैंटीन, छात्रों के लिए मैस, छात्र क्लबों के लिए व्यवस्था के साथ-साथ छात्र पंजीकरण, छात्रवृत्ति एवं छात्रों से जुड़ी अन्य कल्याणकारी योजनाओं को एक छत के नीचे लाया गया है ताकि विश्वविद्यालय में छात्रों को सुविधाजनक व्यवस्था प्रदान की जा सके।
समारोह को संबोधित करते हुए कुलपति प्रो. सुशील कुमार तोमर ने राज्यपाल को अवगत करवाया कि विश्वविद्यालय द्वारा आगामी सत्र से राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के प्रावधानों के अनुरूप तीन और चार वर्षीय स्नातक डिग्री प्रोग्राम की शुरूआत की गई है, जिससे विद्यार्थियों को मुख्य डिग्री के साथ-साथ चुनिंदा विषयों में माइनर डिग्री करने तथा मल्टीपल एंट्री व एग्जिट विकल्पों की सुविधा मिलेगी। विश्वविद्यालय के विस्तार एवं भावी योजनाओं का उल्लेख करते हुए कुलपति प्रो. तोमर ने कहा कि गुरूग्राम-फरीदाबाद मार्ग पर बनने वाले विश्वविद्यालय के दूसरे कैंपस विस्तार के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन निरंतर प्रयासरत है। इस संबंध में वन विभाग से निर्माण गतिविधियों के लिए अनुमति मांगी गई है, जोकि प्रतीक्षित है। उन्होंने कहा कि दूसरा कैंपस विश्वविद्यालय की भावी योजनाओं का प्रमुख केन्द्र बिन्दू है, जिसमें विश्वविद्यालय की योजना नई प्रौद्योगिकी एवं इंटर-डिसिप्लनरी के पाठ्यक्रमों तथा शोध कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने की है। इसके अलावा, विश्वविद्यालय द्वारा मौजूदा परिसर में लड़कों के पुराने छात्रावास के स्थान पर लगभग 800 विद्यार्थियों की क्षमता का नया बहुमंजिला छात्रावास बनाने की परियोजना पर काम कर रहा है।
बालिका शिक्षा एवं छात्र कल्याण को लेकर विश्वविद्यालय द्वारा की जा रही पहल पर कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय ने छात्राओं के लिए दाखिले में 25 प्रतिशत हाॅरिजोंटल आरक्षण सुनिश्चित किया है तथा विश्वविद्यालय स्तर पर संचालित सभी पाठ्यक्रमों में सिंगल गर्ल चाइल्ड के लिए एक-एक सीट का प्रावधान किया है। इसके अलावा, विश्वविद्यालय द्वारा जे.सी. बोस जनरल आफ साईंस एंड इंजीनियरिंग के नाम से शोध पत्रिका शुरू करने की निर्णय लिया है। इस शोध पत्रिका का सभी तरह का संपादकीय कार्य महिला शिक्षकाएं कर रहीं है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा ऐसी व्यवस्था बनाने का प्रयास किया है कि कोई भी बच्चा धन के आभाव में शिक्षा से वंचित न रहे। इसके लिए विश्वविद्यालय छात्रों को सरकारी योजनाओं के अलावा सामाजिक संगठन एवं पूर्व छात्र संघ ‘माॅब’ के माध्यम से छात्रवृत्ति दिलाने में सहयोग करता है।
इससे पहले, समारोह के मुख्य अतिथि उच्च शिक्षा मंत्री श्री मूलचंद शर्मा तथा अतिरिक्त मुख्य सचिव, उच्च शिक्षा श्री आनंद मोहन शरण ने विश्वविद्यालय द्वारा एनईपी-2020 के प्रावधानों के अनुरूप शुरू किये गये माइनर डिग्री पाठ्यक्रमों की सूचना पुस्तिका का विमोचन भी किया। समारोह के अंत में कुलसचिव डाॅ. सुनील कुमार गर्ग ने धन्यवाद प्रस्ताव ज्ञापित किया।
समारोह को संबोधित करते हुए श्री आनंद मोहन शरण ने कहा कि हरियाणा में राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 के प्रभावी क्रियान्वयन को सुनिश्चित किया जा रहा है। केन्द्र सरकार ने 2030 तक देश में एनईपी-2020 को लागू करने का लक्ष्य रखा है, लेकिन हरियाणा ने इसे वर्ष 2025 तक लागू करने की पहल की है। उन्होंने कहा कि यह बताते हुए प्रसन्नता हो रही है कि वर्ष 2024 के अकादमिक सत्र से प्रदेश में एनईपी-2020 का 70 प्रतिशत क्रियान्वयन हो जायेगा। जे.सी. बोस विश्वविद्यालय को नई परियोजनाओं के लिए बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि फरीदाबाद की तरक्की और इस विश्वविद्यालय की तरक्की परस्पर जुड़ी हुई है।
समारोह को संबोधित करते हुए उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि जे.सी. बोस विश्वविद्यालय को एक शिक्षण संस्थान के रूप में उन्होंने बचपन से देखा है और इस संस्थान से उनका एक अलग जुड़ाव रहा है। अब उच्च शिक्षा मंत्री के रूप में वह इस विश्वविद्यालय की प्रगति को लेकर और अधिक सजक है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 लागू की गई है, जिसे हरियाणा ने वर्ष 2025 तक लागू करने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने आशा जताई कि विश्वविद्यालय एनईपी को लागू को करने में अग्रणी भूमिका निभायेगा।
समारोह को फरीदाबाद विधायक श्री नरेन्द्र गुप्ता, बड़खल विधायिका श्रीमती सीमा त्रिखा, तिगांव विधायक श्री राजेश नागर ने भी संबोधित किया। समारोह में गुरूग्राम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. दिनेश कुमार, श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के कुलपति श्री राज नेहरू तथा विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र संघ के प्रतिष्ठित सदस्य भी उपस्थित थे।