श्री राम कथा
भक्ति सेतू के समान, जिसमें चल कर भक्त भगवान को प्राप्त करता है: कथा व्यास श्री कार्तिक गोस्वामी जी महाराज
चंडीगढ़ 29 जून 2023: भक्ति वह सेतू है जिसमें भक्त चलकर भगवान को प्राप्त करता है भक्ति से आत्मा का परमात्मा से मिलन होता है। श्री रामायण जी में भरत जी महाराज ने भगवान श्री राम की भक्ति की इसलिए वह शिरोमणि कहलाए। रामायण में भरत जी की भक्ति वियोग को दर्शाती है जबकि श्री हनुमान जी की भक्ति संयोग की बताई गई है। यह प्रवचन गुरु पूर्णिमा के उपलक्ष्य पर सेक्टर 23 स्थित श्री सनातन धर्म मंदिर में आयोजित भगवान श्रीराम कथा के दौरान श्री मनमाधव गौड़ेश्वर वैष्णवाचार्य पूज्य श्री कार्तिक गोस्वामी जी महाराज ने श्रद्धालुओं को दिए।
पूज्य श्री कार्तिक गोस्वामी जी महाराज ने बताया कि जीवन में प्रार्थना और प्रतीक्षा होनी चाहिए। भरत जी महाराज इन दोनों भावों में डूबे हुए थे। वे नित्य राम नाम का उच्चारण करते रहे और 14 वर्ष पूरे होने की प्रतीक्षा करते रहे। उन्होंने बताया कि भक्तों को प्रार्थना व प्रतीक्षा दोनों का सानिध्य साथ-साथ करना चाहिए। गोस्वामी जी ने पहला प्रणाम हनुमान जी, सुग्रीव जी, केवट व शबरी को ना करके भरत जी महाराज को किया है केवल भरत जी महाराज ही प्रभु श्री राम के वियोग में रुदन करते थे।
इस अवसर पर पूज्य श्री कार्तिक गोस्वामी जी महाराज ने श्री रामचरित्रमनास की कुछ चौपाइयां भी सुनाई और भजन भी गाये, जिससे श्रद्धालु भाव विभोर हो गए। श्री राम जय राम जय जय राम के भजन से मंदिर परिसर गुंजायमान हो गया।
इस अवसर पर कथा व्यास कार्तिक गोस्वामी जी महाराज ने श्री राम जन्म की सुंदर कथा का रसपान श्रद्धालुओं को करवाया। श्री राम जन्म पर महाराज जी ने व्यासपीठ से बिस्कुट टॉफी एवं फल लुटाए जिसको प्राप्त कर भक्तजन आनंद विभोर हो गए और नृत्य करने लगे।
कार्यक्रम के उपरांत विशाल भंडारे का आयोजन किया गया। इस अवसर पर समस्त भक्त मंडल में भक्त ललित कुमार आहूजा, ब्रिज भूषण गुप्ता, सुनील शर्मा व अन्य विशेष तौर से उपस्थित रहे।
भक्त ललित कुमार व ब्रिज भूषण गुप्ता ने बताया कि कथा का आयोजन 3 जुलाई तक मंदिर में होगा जिसके उपरांत गुरु पूर्णिमा महोत्सव मनाया जाएगा।