27 जून, 2023
नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति(कार्यालय-1) की बैठक का आयोजन
केंद्रीय सरकारी कार्यालयों उपक्रमों एवं निगमों इत्यादि में राजभाषा का प्रयोग बढ़ाने के उद्देश्य से भारत सरकार द्वारा गठित चंडीगढ़ नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति(कार्यालय-1) की प्रथम छमाही बैठक किसान भवन, सैक्टर 35, चण्डीगढ़ में आयोजन की गई। बैठक की अध्यक्षता समिति अध्यक्ष श्रीमती आम्रपाली दास, प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त, उत्तर पश्चिम क्षेत्र, चंडीगढ़ ने की। बैठक में चंडीगढ़ स्थित केंद्रीय सरकारी कार्यालयों/निगमों, बोर्डों एवं उपक्रमों के लगभग 130 कार्यालयाध्यक्षों एवं वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। बैठक में चंडीगढ़ स्थित केंद्रीय सरकारी कार्यालयों में हिंदी के प्रयोग की समीक्षा की गई तथा केंद्रीय सरकार द्वारा वर्ष 2023-24 के लिए रखे गए लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए विचार-विमर्श किया गया। बैठक में सूचित किया गया कि चण्डीगढ़ स्थित केंद्रीय सरकारी कार्यालयों, उपक्रमों एवं निगमों के कार्मिकों के लिए इस वर्ष भी समिति द्वारा हिंदी निबंध, हिंदी शब्द ज्ञान, कंप्यूटर पर हिंदी टाइप, हिंदी आशुलिपि, स्व-रचित हिंदी काव्य पाठ तथा पावर प्वाइंट प्रस्तुतिकरण इत्यादि हिंदी प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा। समिति, राजभाषा अधिकारियों के लिए सेमिनार, अनुवादकों के लिए कार्यशाला तथा कर्मचारियों के लिए हिन्दी कार्यशालाओं का आयोजन भी करेगी। हिंदी लेखन को प्रोत्साहित करने के लिए समिति के सदस्य कार्यालयों में कार्यरत हिंदी लेखकों तथा कार्यालयों द्वारा प्रकाशित पत्रिकाओं के लिए पत्रिका प्रतियोगिता भी आयोजित करने का भी निर्णय लिया। अपने अध्यक्षीय संबोधन में श्रीमती आम्रपाली दास ने अधिक से अधिक सरकारी कार्य सरल हिन्दी में करने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि, हिन्दी विश्व पटल पर अपनी पहचान कायम कर चुकी है। हमारा भी यह कर्तव्य है कि इसके प्रचार-प्रसार और विकास में हम अपना योगदान दें। सभी कार्यालय समिति द्वारा आयोजित की जाने वाली हिन्दी कार्यशाला तथा अन्य प्रशिक्षण कार्यक्रमों में अधिक से अधिक कर्मचारी नामित करें। सभी कार्यालयों में नियम 8(4) के अधीन आदेश अवश्य जारी किए जाएं। यह प्रयास होना चाहिए कि राजभाषा अधिनियम की धारा 3(3) का उल्लंघन न हों और कार्यालयों में लक्ष्यों के अनुसार हिन्दी का प्रयोग बढ़ाया जाए। समिति की बैठकों में कार्यालय अध्यक्ष स्वयं भाग लें ताकि बैठकों में सार्थक चर्चा हो और निर्णयों को लागू किया जा सकें। सभी कार्यालय अपने स्तर पर वार्षिक कार्य योजना बनाकर लक्ष्य निर्धारित करें और राजभाषा विभाग द्वारा निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करें। कार्यालय में प्राप्त प्रत्येक पत्र की पावती हिन्दी में अवश्य भेजी जाए। इस हेतु ऑटो जनरेटिड ई-मेल को हिन्दी में बनाकर कंप्यूटरों पर सक्रिय किया जाए। हिन्दी हमारे मन की भाषा है और हमारी भावना से जुड़ी हुई है अत: इसके प्रयोग में किसी को कोई कठिनाई नहीं हो सकती है। हिन्दी का प्रयोग बढ़ाना और इसमें अधिक से अधिक काम करना हम सबकी नैतिक जिम्मेदारी है।”