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Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020

मानव तस्करी के खिलाफ हरियाणा पुलिस सख्त, चलाएगी विशेष अभियान 1 अप्रैल से 30 अप्रैल तक प्रदेश भर में चलेगा अभियान

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मानव तस्करी के खिलाफ हरियाणा पुलिस सख्त, चलाएगी विशेष अभियान
1 अप्रैल से 30 अप्रैल तक प्रदेश भर में चलेगा अभियान

चंडीगढ़, 30 मार्च- हरियाणा पुलिस अप्रैल माह में समस्त राज्य में मानव तस्करी के खिलाफ एक महीने का अभियान चलाएगी। इसके माध्यम से पुलिस का उद्देश्य मानव तस्करी के मुद्दे के बारे में जागरूकता बढ़ाना और लोगों को मानव तस्करी से संबंधित किसी भी संदिग्ध गतिविधि की रिपोर्ट करने के लिए प्रोत्साहित करना है।
1 अप्रैल से 30 अप्रैल, 2023 तक चलने वाले इस अभियान में सेमिनार, कार्यशाला, नुक्कड़ नाटक और जागरूकता अभियान जैसी विभिन्न गतिविधियाँ शामिल होंगी। इस दौरान हरियाणा पुलिस बचाव अभियान चलाते हुए मानव तस्करी के पीड़ितों को पुनर्वास प्रदान करने के लिए गैर सरकारी संगठनों और अन्य हितधारकों के साथ मिलकर काम करेगी।
डीजीपी प्रशांत कुमार अग्रवाल ने कहा कि मानव तस्करी एक जघन्य अपराध है जो देश में हर साल हजारों लोगों को प्रभावित करता है। राज्य ने हाल के वर्षों में मानव तस्करी के कई मामलों का खुलासा किया है और हरियाणा पुलिस इस खतरे को जड़ से खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है।
अभियान के बारे में बात करते हुए उन्होंने आगे कहा कि मानव तस्करी के खिलाफ महीने भर चलने वाला अभियान इस अपराध से निपटने के हमारे चल रहे प्रयासों का एक हिस्सा है। हम अपने नागरिकों के लिए एक सुरक्षित वातावरण बनाने और यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि इस अपराध को अंजाम देने वालों को न्याय के कटघरे में लाया जाए।
हरियाणा पुलिस ने नागरिकों से आग्रह किया है कि वे मानव तस्करी से संबंधित किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तत्काल पुलिस को उसके आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर 112 पर दें। पुलिस ने आश्वासन दिया है कि मुखबिर की पहचान गोपनीय रखी जाएगी।
फील्ड यूनिट्स को भेजे गए संदेश में सभी एसपी और डीसीपी को अभियान चलाने के लिए कहा गया है। सीपी और आईजी/एडीजी रेंज साप्ताहिक प्रगति की समीक्षा करेंगे। लापता बच्चों और वयस्कों की संख्या का पता लगाने और भिखारियों और मजदूरों को बचाए जाने पर महीने के अंत में फील्ड इकाइयों के प्रदर्शन की समीक्षा की जाएगी। इस दिशा में, पुलिस गुमशुदा व्यक्तियों के मामलों की फिर से जांच करेगी और आस-पास के राज्यों में आश्रयों और बाल गृहों में पुलिस टीमों को यह देखने के लिए भेजेगी कि उनमें से कोई वहां रह रहा है या नहीं। गुमशुदा बच्चों के मामले धारा 363-366 आईपीसी के तहत दर्ज किए जाते हैं, जबकि लापता वयस्कों के मामले 346 आईपीसी के तहत दर्ज किए जाते हैं।
हरियाणा पुलिस ने वर्ष 2022 में, 3379 लापता महिला और 6340 पुरुष वयस्कों का पता लगाया। साथ ही, लापता 1144 लड़कों और 1426 लड़कियों को भी बरामद किया। इसके अतिरिक्त, इसने 41 बंधुआ मजदूरों को भी मुक्त कराया।
इसी अवधि में, राज्य अपराध शाखा की 22 एंटी-ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट्स (एएचटीयू) ने लापता 316 पुरुष वयस्कों और 373 महिलाओं का पता लगाया। साथ ही, वर्ष के दौरान लापता हुए 313 लड़कों और 227 लड़कियों का भी पता लगाया। इसके अतिरिक्त, 2022 में 639 पुरुष और 294 महिला भिखारियों और 1300 पुरुष और 52 महिला बंधुआ मजदूरों को बचाया। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, लापता व्यक्ति का मामला आगे की जांच के लिए राज्य अपराध शाखा को स्थानांतरित कर दिया जाता है, अगर यह जिले में चार महीने से अधिक समय तक अनसुलझा रहता है।
अभियान के माध्यम से, हरियाणा पुलिस का लक्ष्य महिला एवं बाल कल्याण विभाग, अन्य राज्य पुलिस और गैर सरकारी संगठनों के साथ मिलकर बिछुड़ों को उनके प्रियजनों के साथ फिर से जोडते हुए परिवार में मुस्कान वापस लाना है।
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