पी जी आई के शोधकार्य को थाईलैंड में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय एच टी ए सम्मेलन में प्रथम पुरस्कार
पीजीआई के रिसर्च स्कॉलर डॉ. गौरव ज्याणी को भारतीय आबादी में स्वास्थ्य संबंधी जीवन की गुणवत्ता पर शोधकार्य प्रस्तुत करने के लिए थाईलैंड के पटाया में आयोजित 10वें एच टी एशियालिंक सम्मेलन अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में प्रथम पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। पिछले महीने एम्स पटना में आयोजित एपिडेमियोलॉजी फाउंडेशन ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय सम्मेलन में इस अध्ययन को प्रस्तुत करने के लिए भी डॉ. ज्याणी को प्रथम पुरस्कार मिला था। इस राष्ट्रव्यापी अध्ययन का नेतृत्व डॉ. शंकर प्रिंजा ने किया है, जो पीजीआई में स्वास्थ्य अर्थशास्त्र के प्रोफेसर हैं। यह अध्ययन भारत के पांच अलग-अलग राज्यों-हरियाणा, गुजरात, उत्तर प्रदेश, ओडिशा और तमिलनाडु में वहां के प्रमुख संस्थानों के साथ सहयोग किया गया है। हालाँकि ऐसे अध्ययन अन्य देशों में भी छोटे स्तर पर हो चुके हैं, परन्तु यह दुनिया का अपनी तरह का सबसे बड़ा अध्ययन है।
इस शोध के महत्व के बारे में बात करते हुए प्रोफेसर प्रिंजा ने बताया कि इस अध्ययन से मिली जानकारी का उपयोग स्वास्थ्य कार्यक्रमों की रूपरेखा बनाने और अस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधाएँ उपलब्ध करवाने में किया जाएगा। इस अध्ययन से मिली जानकारी का उपयोग का उपयोग वर्तमान में आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी पीएम-जेएवाई) में रोगियों को उपचार से हुए लाभ को मापने के लिए भी किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थियों को अस्पतालों द्वारा प्रदान की जाने वाली स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता का आकलन करने में यह जानकारी बहुत उपयोगी है। वैल्यू-बेस्ड केयर पर भारत सरकार की हाल ही में जारी नीति ने इस अध्ययन के निष्कर्षों का उपयोग किया है, जिसे 5 राज्यों के अस्पतालों में किए जाने वाले पायलट में लागू किया जा रहा है। इस शोध से भारत के लिए एक वैल्यू-सेट (एक डेटाबेस) बनाया गया है, जिसमें विभिन्न गंभीरता की स्वास्थ्य स्थितियों के बारे में भारतीय आबादी की वरीयता की जानकारी शामिल है। इस जानकारी का उपयोग सरकार के स्वास्थ्य कार्यक्रमों के लिए सबसे लागत प्रभावी स्वास्थ्य तकनीकों के चयन में किया जाएगा।
एच टी एशियालिंक कॉन्फ़्रेंस को सामुदायिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम करने वाले पेशेवरों के बीच एक प्रतिष्ठित सम्मेलन माना जाता है। 35 से अधिक देशों के स्वास्थ्य अर्थशास्त्रियों, वैज्ञानिकों और नीति निर्माताओं ने इस वर्ष कॉन्फ़्रेंस में भाग लिया, जिसका आयोजन ‘ कोविड के बाद स्वास्थ्य प्रणाली को आगे बढ़ाने ‘ की थीम के तहत किया गया था। इस कॉन्फ़्रेंस में प्रोफेसर प्रिंजा के नेतृत्व में पीजीआई के प्रतिनिधिमंडल ने देशों में कुशल स्वास्थ्य मूल्यांकन प्रणाली की स्थापना के लिए एक सत्र भी आयोजित किया गया, जिसका आयोजन पीजीआई ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यू एच ओ), जिनेवा के सहयोग से किया।