उद्यमी मानसिकता युवाओं को आत्मनिर्भर और निर्णय लेने वाला बनना सिखाती है : डॉ. सुदर्शन
चण्डीगढ़ : एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट सेल और पोस्ट ग्रेजुएट गवर्नमेंट कॉलेज, सेक्टर-46, चण्डीगढ़ के विज्ञापन और बिक्री प्रबंधन विभाग ने “बडिंग एंटरप्रेन्योर्स” विषय पर एक इंटरैक्टिव सत्र का आयोजन किया। कॉलेज के पूर्व छात्र प्रशांत शर्मा, जो चंडीगढ़ में एक कोचिंग सेंटर सफलतापूर्वक चला रहे हैं, मुख्य वक्ता थे। उन्होंने समझाया कि किस तरह एक उद्यमी मानसिकता के साथ-साथ ध्यान, प्रतिबद्धता और जोखिम लेने की क्षमता एक दृष्टि को वास्तविकता में बदलने के लिए महत्वपूर्ण अवयवों के रूप में काम कर सकती है। इसके अलावा, “सीखते हुए कमाई” का एक आदर्श उदाहरण स्थापित करते हुए, बीए-तृतीय के छात्र रजत गोयल, जो खाना पकाने के तेल का व्यापार करते हैं, और बीए-द्वितीय की छात्रा दिव्या बंसल, जो एक चॉकलेटियर हैं, ने भी छात्रों के साथ अनुभव साझा किए। उन्होंने छात्रों को उद्यमशीलता की यात्रा पर जाने, अपनी असफलताओं को गले लगाने, लगातार बने रहने और परिणाम के डर के बिना जीवन की चुनौतियों का सामना करने के लिए प्रेरित किया। विद्यर्थियों ने सत्र में भाग लिया और अपने उद्यमशीलता कौशल को बढ़ाने में गहरी रुचि दिखाई। इसके अलावा, छात्रों के लिए स्टार्ट-अप पर प्रकाश डालने वाला एक वीडियो भी दिखाया गया जिसमें स्टार्ट अप शुरू करने की प्रक्रिया पर प्रकाश डाला । कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ आभा सुदर्शन ने छात्रों को संबोधित किया और ईडीपी सेल और विज्ञापन और बिक्री प्रबंधन विभाग द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की। छात्रों को संबोधित करते हुए, डॉ. आभा सुदर्शन ने कहा कि एक उद्यमी मानसिकता न केवल भविष्य के कैरियर पथ में परिवर्तित हो सकती है, बल्कि इससे परे भी इसका मूल्य है। यह युवाओं को आत्मनिर्भर और मजबूत निर्णय लेने वाला बनना सिखाता है जिससे उनके विचारों और उनकी सफल होने की क्षमता में आत्मविश्वास पैदा होता है। उद्यमिता विकास प्रकोष्ठ की संयोजक सुश्री वंदना और विज्ञापन और बिक्री प्रबंधन विभाग की प्रभारी डॉ. सुगंधा मित्तल ने इस कार्यक्रम का समन्वय किया। डॉ. राजेश कुमार, डीन और डॉ. बलजीत सिंह, वाइस प्रिंसिपल ने भी आयोजन टीम को बधाई दी। इस अवसर पर उपस्थित अन्य संकाय सदस्यों में डॉ उमा नारंग, सुश्री रिजू शर्मा और सुश्री पूजा सरीन शामिल थीं।