महिलाओं की समान संसाधनों और अवसरों तक पहुंच होनी चाहिए : डॉ. आभा सुदर्शन
जेंडर इक्विटी एंड वीमेन डेवलपमेंट सोसाइटी ‘साहसी’ ने वृत्तचित्र “इक्वल हाफ” की स्क्रीनिंग का आयोजन
चण्डीगढ़ : पीजीजीसी -46 की जेंडर इक्विटी एंड वीमेन डेवलपमेंट सोसाइटी ‘साहसी’ ने आज कॉलेज परिसर में वृत्तचित्र “इक्वल हाफ” की स्क्रीनिंग का आयोजन किया। वृत्तचित्र इक्वल हाफ में लैंगिक समानता और महिला सशक्तिकरण लाने के लिए भारत की राष्ट्रीय विकास योजनाओं में जेंडर उत्तरदायी बजट की आवश्यकता पर प्रकाश डाला गया है। भारत में महिलाएं आधी आबादी बनाती हैं और इस प्रकार समाज में बहुत बड़ा योगदान देती हैं। फिर भी वे सामाजिक व आर्थिक संकेतकों में पीछे हैं। जेंडर रिस्पॉन्सिव बजटिंग यह सुनिश्चित करने के लिए सरकार द्वारा की गई एक पहल है कि पूरी बजट प्रक्रिया को जेंडर संभावना के माध्यम से पूरा किया जाता है। डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग के बाद छात्रों और शिक्षकों के बीच चर्चा हुई। कॉलेज की प्राचार्य डॉ. आभा सुदर्शन ने इस अवसर पर कहा कि भारत में महिलाओं की समान संसाधनों और अवसरों तक पहुंच होनी चाहिए। डीन, डॉ राजेश कुमार और वाइस प्रिंसिपल डॉ बलजीत सिंह ने इस तरह के वृत्तचित्रों की स्क्रीनिंग आयोजित करके विभिन्न लिंग मुद्दों को उजागर करने के लिए जेंडर इक्विटी सोसायटी के प्रयासों की सराहना की।