कैसे रखें अपनी रीढ़ की हड्डी को तंदरुस्त और पाएं पीठ दर्द से छुटकारा – डॉ जसकरण सिंह
हाल के वर्षों में, विभिन्न आयु वर्ग के लोगों, विशेषकर युवाओं में रीढ़ की हड्डी की समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं। इस मुद्दे
को हल करने के लिए, पटियाला के कंसलटेंट न्यूरोसर्जरी डॉ जसकरन सिंह ने रीढ़ की हड्डी की कुछ
सामान्य बीमारियों और उनसे बचने के तरीकों पर प्रकाश डाला। जीवनशैली में तेजी से बदलाव के साथ, जोखिम वाले
कारकों से बचने के लिए रीढ़ की हड्डी में दर्द और बीमारी के वैश्विक बोझ को दूर करने की आवश्यकता है।
डॉ जसकरण सिंह, कंसलटेंट न्यूरोसर्जरी मणिपाल अस्पताल पटियाला ने लोगों को अपनी रीढ़ की हड्डी से सम्बंधित
बिमारियों ओर उनसे बचने के उपाय बताते हुए कहते है की, “रीढ़ कि हड्डी को मजबूत करना और रीढ़ कि हड्डी कि हड्डी कि
स्वस्थता को बहाल करना है I रीढ़ की हड्डी शरीर की अन्य हड्डियों से बिलकुल अलग एवं नाज़ुक है I इसकी संभाल करना
बहुत ही जरूरी है और अगर 15-20 मिनट रोज़ बयायाम किया जाये तो रीढ़ की हड्डी की बिमारियों से बचा जा सकता हैI
उन्होंने बतया की सर्वाइकल स्पोन्डयलिटीज़ में गर्दन से लेकर सर तक तेज़ दर्द की शिकायत रहती है और कई बार चक्कर भी
आने लगते हैंI यह बिमारी गलत लाइफ स्टाइल से जुडी है जैसे की गलत तरीके से उठना बैठना आदिIअगर गर्दन और कमर
का ठीक से ख्याल रखा जाये तो कमर और पीठ दर्द से पक्का छुटकारा पाया जा सकता हैI”
अपनी व्यस्त दिनचर्या में से कम से कम 15 -20 मिनट एक्सरसाइज के लिए ज़रूर निकालेंI कोशिश करें कंप्यूटर आँखों के
लेवल पर हो और गर्दन झुका कर न बैठना पड़ेI फील्ड जॉब वाले बाइक चलते समय इस बात का ध्यान रखें की बाइक चलाते
समय वो झुक कर तो नहीं बैठ रहे I अगर ऐसा है तो बाइक का हैंडल ठीक करवाएं और रोज़ाना गर्दन और कमर की
एक्सरसाइज ज़रूर करें I अपने वज़न को कण्ट्रोल में रखें जिससे कमर दर्द का चांस काफी कम रहता हैI एक्सरसाइज के साथ
साथ संतुलित आहार का भी इसमें बहुत योगदान है I अपने भोजन में कैल्शियम और विटामिन डी युक्त पदार्थ ज़रूर लें और
कैल्शियम की जाँच भी करवाते रहेI अगर सर्वाइकल या कमर दर्द ज़रूरत से जयादा लम्बे समय से परेशान कर रहा है तो
तुरंत स्पाइन स्पेशलिस्ट की सलाह ज़रूर लें और लापरवाही न बरतें I