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Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020

हरियाणा पुलिस- जिला प्रशासन- खेल विभाग का संयुक्त प्रयास, मनाया राज्य स्तरीय साइबर राहगीरी कार्यक्रम (17,000 लोगों ने लिया भाग, लाखों हुए सोशल मिडिया से जागरूक, इस वर्ष बचाये है तकरीबन पौने 13 करोड़ रु। )

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हरियाणा पुलिस- जिला प्रशासन- खेल विभाग का संयुक्त प्रयास, मनाया राज्य स्तरीय साइबर राहगीरी कार्यक्रम
(17,000 लोगों ने लिया भाग, लाखों हुए सोशल मिडिया से जागरूक, इस वर्ष बचाये है तकरीबन पौने 13 करोड़ रु। )

चंडीगढ़, 7 सितंबर – गृह मंत्रालय के निर्देश पर पिछले वर्ष से माह का पहला बुधवार प्रदेश में साइबर जागरूकता दिवस के तौर पर मनाया जा रहा है। स्टेट क्राइम ब्रांच हरियाणा , साइबर नोडल एजेंसी के तौर पर कार्य कर रही है। अधिक जानकारी देते हुए अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह , आईपीएस, अपराध ने बताया की अपराध ऑफलाइन ना होकर ऑनलाइन होता जा रहा है। प्रदेश में जनता को जागरूक करने के लिए बुधवार को हर जिले में साइबर राहगीरी कार्यक्रम आयोजित करने का निर्णय लिया गया है। पुलिस विभाग ने जिला प्रशासन और अन्य विभागों के साथ बुधवार को प्रदेश में साइबर राहगीरी कार्यक्रम आयोजित किये जिसे करीबन 17000 से अधिक लोगों ने भाग लिया। वहीं सब कार्यक्रमों को सोशल मीडिया के द्वारा भी साझा किया गया।

साइबर हेल्पलाइन 1930 की तर्ज पर हुआ 1930 मीटर वाल्कथॉन, 2.5 किमी की मैराथन व साइकिल रैली से किया जागरूक  
बुधवार को सभी जिलों में आयोजित किये गए राहगीरी कार्यक्रमों की मुख्य थीम साइबर अपराध रही। साइबर हेल्पलाइन 1930 बाबत जनता को जागरूक करने के लिए जिलों में 1930 मीटर वाल्कथॉन, 2.5 किमी की मैराथन व 5 किमी की साइकिल रैली का आयोजन किया गया।  वहीँ युवाओं की कार्यक्रमों में भागीदारी बढ़ाने के लिए पुलिस के अधिकारीयों के साथ रस्साकशी प्रतियोगिताएं में भाग लिया।  इसके अलावा 5 किमी साइकिल रैली और मैराथन में का भी आयोजन जिला पुलिस द्वारा किया गया जिसमें आम जनता , छात्रों, व्यापारियों ने भाग लिया।

नुक्क्ड़ नाटक, नृत्य व कवितायेँ रही आकर्षण का केंद्र , पपेट शो, माईम ने भी सिखाया साइबर अपराध से बचाव के तरीके।
जागरूकता और मनोरंजन का समावेश इस बुधवार को प्रदेश के अलग अलग जिलों में देखने को मिला। प्रत्येक जिले में रंगारंग कार्यक्रम का आयोजन किया गया।  सभी कार्यक्रम साइबर अपराध ,बच्चों में बढ़ता ड्रग्स का प्रभाव, सड़क सुरक्षा कार्यक्रम और बच्चों के खिलाफ होने वाले अपराध के इर्द गिर्द रहे।  सभी कार्यक्रमों का मुख्या उद्देश्य साइबर हेल्पलाइन 1930 पर शिकायत करने और नई नई साइबर अपराध की मोडस ऑपरेंडी से कैसे सुरक्षा की जाए, पर आधारित रहा। कविताओं और नृत्य के माध्यम से बताया गया की किसी को भी अपनी निजी जानकारी ना दें।  सोशल मिडिया पर अनजान व्यक्तियों से दोस्ती करने से परहेज़ करें। लाटरी और नौकरी से संबंधित झूठे प्रलोभनों से बचें।  कोई अगर ब्लैकमेल कर रहा है तो डरें नहीं, माता पिता को बताएं। इसके अलावा स्कूलों के छात्रों के लिए पेंटिंग व स्लोगन प्रतियोगिताओं व मादक पदार्थों जैसे संवेदनशील मुद्दों पर व पुलिस के स्टाफ के लिए योग सत्र का आयोजन किया गया।

जागरूकता का हो रहा है असर, 510 अभियुक्त किये इस वर्ष गिरफ्तार, बचाये पौने 13 करोड़ रु।
पुलिस प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया की प्रदेश में 29 साइबर थाने और 309 साइबर डेस्क संचालित है। अगस्त माह तक प्रदेश में 1455 केस दर्ज किये जा चुके है, जिनमें तकरीबन 510 अभियुक्त गिरफ्तार किये गए है। पुलिस ने साइबर हेल्पलाइन 1930 और साइबर थानों व साइबर डेस्क के संयुक्त प्रयासों  से अगस्त माह तक 12.45 करोड़ रूपए साइबर अपराधियों से बचाये है। साइबर टीम ने कई हाई प्रोफाइल केस सुलझाने में भी कामयाबी हासिल की है। इस वक्त, प्रदेश में साइबर शिकायतों पर काम करने के लिए डायल 112 को भी साइबर हेल्पलाइन के साथ समावेशित किया गया है। 15000 के करीब शिकायतों का निपटारा किया जा चुका है ।

प्रदेश में किये इस वर्ष किये जा चुके है 1000 से अधिक साइबर जागरूकता कार्यक्रम, सोशल मीडिया से पहुँच रहे है लाखों तक।  
पुलिस प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया की इस वर्ष साइबर जागरूकता पर कार्य करते हुए विभिन्न जिलों में तकरीबन 1000 से अधिक कार्यक्रम आयोजित किये जा चुके है। सभी जिलों के पुलिस के ट्विटर एकाउंट्स, फेसबुक व अखबार के माध्यम से भी जनता को साइबर अपराध की नयी मोडस ऑपरेंडी के बारे में जागरूक किया जा रहा है। वर्तमान में  साइबर जागरूक पोस्ट सोशल मीडिया द्वारा तकरीबन 11 लाख से अधिक लोगों के पास पहुंच चुकी है। सोशल मिडिया के सभी एकाउंट्स पर स्टेट क्राइम ब्रांच और जिला पुलिस रोज़ साइबर हेल्पलाइन 1930 और cybercrime.gov.in वेबसाइट को प्रचारित कर रही है। पम्पलेट्स हर महत्वूर्ण जगह लगाए जा रहे है। पम्पलेट्स द्वारा जनता को बताया जा रहा है की साइबर अपराध की शिकायत कहाँ और कैसे की जाए।  इसके अलावा सोशल मीडिया का सही उपयोग कैसे करें। इसके अतिरिक्त शिक्षा विभाग से समन्वय कर गाँव देहात के विद्यालयों में भी पुलिस द्वारा प्रत्येक बुधवार को साइबर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे है।

साइबर राहगीरी से पहुंचेंगे जनता के बीच, साइबर अपराध से होगी निर्णायक जंग : ओ पी सिंह आईपीएस
कोविड के बाद नौकरियों से लेकर शिक्षा तक ऑनलाइन माध्यम से आ गयी है।  इसी कारण से अपराधियों ने भी अपने मोडस ऑपरेंडी साइबर दुनिया के अनुरूप बना ली। सोशल मीडिया पर कभी लाटरी का लालच दिया जा रहा है तो कभी पार्ट टाइम नौकरी का। युवा व छात्र जल्द पैसा कमाने के चक्कर में ऐसे झांसे में आकर लाखों गँवा देता है। इसके अलावा सोशल मीडिया पर दोस्त बनाने के चलन में भी लोग सेक्सटॉर्शन के केस में फंस रहे है। इसके अतिरिक्त बैंक खाते संबंधित जानकारी देने के कारण भी फ्रॉड हो रहे है। साइबर राहगीरी का आयोजन जिलों में साइबर अपराध के बारे में आम जनता को जागरूक करने के लिए किया गया है। सोशल मीडिया के सभी अकाउंट पर हेल्पलाइन 1930 को प्रचारित कर रही है। कभी नुक्क्ड़ नाटक , तो कभी मैराथन से, तो कभी प्रिंट मिडिया की मदद से जनता को ओटीपी ना देने, बैंक जानकारी ना शेयर करने, अनजान लोगों से ना दोस्ती करने और सोशल मिडिया अकाउंट को लॉक रखने बाबत जागरूक किया जा रहा है। साइबर राहगीरी कार्यक्रम में जनता को जागरूक किया गया की यदि आपके साथ अपराध हो जाए तो शिकायत 1930 पर जल्द से जल्द करें।