कुरुक्षेत्र की पावन धरा से विश्व में गीता उपदेशों के रुप में पहुंच रहा आलौकिक दिव्य ज्ञान:दत्तात्रेय
राज्यपाल बंडारु दत्तात्रेय ने विश्व वैष्णव सम्मेलन में श्री व्यास गौड़ीय मठ की प्रदर्शनी का किया उदघाटन, राज्यपाल ने श्री व्यास गौड़ीय मठ को 10 लाख रुपए का अनुदान देने की घोषणा, सांसद नायब सिंह सैनी ने भी 21 लाख रुपए एमपी लैड फंड से अनुदान देने की घोषणा
चंडीगढ़ 25 अगस्त —- हरियाणा के राज्यपाल बंडारु दत्तात्रेय ने कहा कि कुरुुक्षेत्र की पावन धरा से विश्व में गीता उपदेशों के रुप में आलौकिक दिव्य ज्ञान पहुंच रहा है। इस दिव्य ज्ञान से पूरे विश्व को शांति का संदेश मिल रहा है। इस दिव्य रुपी ज्ञान में ही पूरी मानव सभ्यता की तमाम समस्याओं का हल भी मिल रहा है। इसलिए कुरुक्षेत्र की धरा से पूरे विश्व को शिक्षा और संस्कृति का ज्ञान मिल रहा है। इतना ही नहीं भारतीय संस्कृति में विभिन्न सम्प्रदायों, ऋषियों, मुनियों, मठों, मंदिरों व सन्त महात्माओं का एक सम्मानीय स्थान है और इन सभी समुदायों व विभुतियों ने समय-समय पर देश व समाज को नई दिशा दी है, जिससे मानव को अलौकिक दिव्य ज्ञान की प्राप्ति हुई है और मानव जीवन के विकास में निरंतरता आई है। वैष्णव सम्प्रदाय की इस विचारधारा को बढ़ाने में गोडिय़ा मठ ने अपनी जिम्मेवारी निभाई है।
राज्यपाल बंडारु दत्तात्रेय वीरवार को श्री व्यास गौड़ीय मठ संस्थान के प्रांगण में आयोजित गौड़ीय मिशन के संस्थापक आचार्य श्रील प्रभुपाद का त्रिवर्ष व्यापी 150वां जन्मोत्सव एवं विश्व वैष्णव सम्मेलन में बतौर मुख्यातिथि बोल रहे थे। इससे पहले राज्यपाल बंडारु दत्तात्रेय ने श्री व्यास गौड़ीय मठ की तरफ से लगाई गई प्रदर्शनी का उदघाटन किया। इसके बाद राज्यपाल बंडारु दत्तात्रेय, सांसद नायब सिंह सैनी, विधायक सुभाष सुधा, श्री व्यास गौड़ीय मठ कुरुक्षेत्र के संचालक श्रीमद भक्ति सुंदर सन्यासी महाराज, श्रीमद भक्ति विचार विष्णु महाराज, श्रीमद भक्ति रक्षक हरिकेश महाराज, श्रीमद भक्ति बैभव आश्रम महाराज, श्रीमद भक्ति तिलक निसकिंचन महाराज, श्रीमद भक्ति गौरव गिरि महाराज, श्रीमद भक्ति सर्बस्वा गोबिंदा महाराज ने प्रदर्शनी के साथ-साथ मठ के तमाल वृक्ष का अवलोकन किया। इसके बाद राज्यपाल ने दीप प्रज्जवलित करके सम्मेलन व जन्मोत्सव के दूसरे दिन के कार्यक्रम का विधिवत रुप से शुभारंभ किया। इस दौरान राज्यपाल बंडारु दत्तात्रेय ने 10 लाख रुपए की राशि का अनुदान देने की घोषणा की है। इसके साथ ही सांसद नायब सिंह सैनी ने भी संस्था को 21 लाख रुपए की राशि एमपी लैड फंड से देने की घोषणा की है। इतना ही नहीं विधायक सुभाष सुधा ने श्री व्यास गौड़ीय मठ को हर संभव सहयोग देने का आश्वासन दिया।
राज्यपाल बंडारु दत्तात्रये ने स्वामी श्रील भक्तिसिद्धान्त प्रभुपाद की 150वीं जयंती के अवसर पर देश व प्रदेशवासियों तथा सभी श्रद्धालुओं को हार्दिक शुभकामनाएं दी और जयंती अवसर पर विश्व वैष्णव सम्मेलन के आयोजन के लिए श्री व्यास गोडिय़ा मठ को हार्दिक बधाई देते हुए कहा कि कुरूक्षेत्र की इस पवित्र भूमि पर भगवान श्री कृष्ण ने मानव कल्याण के लिए गीता का उपदेश देकर समस्त संसार में अपनी आभा को बिखेरा तथा भगवान विष्णु की सदाचारी, सर्वाेच्च, दीप्तिमान, अतुल्य, बद्री, दक्ष तथा चरित्रवान नामकरण परम्परा को आगे बढ़ाया। वैष्णव सम्प्रदाय भगवान विष्णु को ईश्वर मानने वालो का सम्प्रदाय है। इस सम्प्रदाय के प्रवर्तक भगवान श्री कृष्ण जी हैं। ज्ञान, शक्ति, बल, वीर्य, ऐश्वर्य और तेज इन छ: गुणों से सम्पन्न होने के कारण ही श्री कृष्ण जी को भगवान माना गया है। भगवान विष्णु व भगवान श्री कृष्ण के आदर्श व उपदेशों का अपने जीवन में अनुशरण कर भक्तिसिद्धांत स्वामी प्रभुपाद ने भागवत् संदेश को देश-विदेश में जन-जन तक पहुंचाने का बीड़ा उठाया। भक्तिसिद्धांत स्वामी प्रभुपाद विशूद्ध रूप से कृष्ण भक्ति के प्रवर्तक थे, जिन्होंने भगवान श्री कृष्ण भावना व श्री ब्रह्म-मध्व-गौड़ीया संप्रदाय के आचार्यो की वाणी व शिक्षाओं को पश्चिमी जगत में पहुंचाने का काम किया।उन्होंने कहा कि आज गोडिय़ा मिशन भारत सहित विश्व के सैंकड़ों देशों में मठों-मन्दिरों के माध्यम से श्रीमद् भगवतगीता की शिक्षाओं, उपदेशों व भारतीय दर्शन के प्रचार-प्रसार में लगा है। अपने संक्षिप्त जीवन काल के दौरान, श्रीमद् भक्ति सिद्धांत सरस्वती गोस्वामी प्रभुपाद ने देश और विदेश में मंदिरों के साथ-साथ चौंसठ (64) मठों (मंदिर) की स्थापना की। उन्होंने दुनिया में भागवत संदेश को जन-जन तक पहुंचाने के लिए अपने पहले वैष्णव अखबार और पांच पत्रिकाओं के प्रकाशन के साथ-साथ संस्कृत, बंगाली, हिंदी, उड़ीया और अंग्रेजी सहित विभिन्न भाषाओं में पत्र-पत्रिकाएं प्रकाशित की। इस पावन पवित्र अवसर पर जब हम श्री भक्ति सिद्धांत प्रभुपाद जी की 150वीं जयंती मना रहे है। इस मौके पर श्री परमहंस योगानन्द जी को याद किए बिना नहीं रह सकते।
उन्होंने कहा कि हमारे ऋषि मुनियों, संत महात्माओं व स्वामी प्रभुपाद जैसी हस्तियों की शिक्षाओं से प्रेरणा पाकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 लागू की गई है। इस नई शिक्षा नीति में भारतीय संस्कृति के अनुरूप मिशन नालंदा, मिशन तक्षशिला संचालित करने का प्रावधान किया गया है। इन प्राचीन विश्वविद्यालयों की तर्ज पर शिक्षा पाकर देश की युवा पीढ़ी चरित्रवान बनेंगी और पुरुषार्थ से लबरेज बनेगी। यह हमारे लिए गौरव का विषय है कि गोडिया मठ व मिशन की भांति आज देश के विभिन्न स्थानों पर विभिन्न संस्थाओं द्वारा स्वामी प्रभुपाद जी की 150वीं जयंती मनाई जा रही है। आजादी के अमृत महोत्सव काल में ऐसी महान आत्माओं के जन्मदिन पर भव्य व गरिमामयी कार्यक्रम आयोजित किया जाना प्रदेशवासियों के लिए गर्व का विषय है।
सांसद नायब सिंह सैनी ने जन्मोत्सव की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि 5160 वर्ष पूर्व भगवान श्री कृष्ण ने इसी पावन धरा पर गीता के उपदेश दिए थे, ये उपदेश आज भी पूरी तरह प्रासंगिक है, जिस प्रकार श्री व्यास गौड़ीय मठ में राधा का प्यारा पेड़ तमाल और ज्योतिसर में वट वृक्ष अभी भी विराजमान है, इस वट वृक्ष की सुरक्षा की आवाज को संसद में उठाया गया और इसके बाद इस वट वृक्ष को संरक्षित किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कुरुक्षेत्र ज्योतिसर तीर्थ के विकास के लिए 200 करोड़ रुपए से भी ज्यादा की राशि जारी की है।
विधायक सुभाष सुधा ने मेहमानों का स्वागत करते हुए कहा कि कुरुक्षेत्र का सौभाग्य है कि आचार्य श्रील प्रभुपाद का 150वां जन्मोत्सव कुरुक्षेत्र में मनाया जा रहा है। इस कार्यक्रम में संचालक श्रीमद भक्ति सुंदर सन्यासी महाराज ने श्री व्यास गौड़ीय मठ के इतिहास पर विस्तृत प्रकाश डाला। इस मौके पर उपायुक्त मुकुल कुमार, एडीसी अखिल पिलानी, आदि मौजूद थे।