Panchkula. Former IAS officer Vivek Atre today released a book of English poems composed by Prisha Sharma, a 12 year old girl from Panchkula. Prisha’s book was released in a simple program in the premises of JP Toddler School, Sector 10. Addressing on this occasion, Atre said,
I am amazed and astounded by the special talent that young Prisha has for writing and the poetic word. All of 12 years of age, she is a surprising package of creativity and verve. Her parents are obviously extremely supportive of her creative art as all parents should be, but only rare ones are.
The mettle of her poetry lies in the simplicity of her language and the directness of her message. Poems such as “The Things I love” and “My wonderful Life” are reflective of her perceptive and grateful mind, well beyond her years.
My best wishes to Prisha for her poetic tryst with destiny. May many young poets and writers take heart from her example and surge ahead in the literary world
The need for young people to read more and write more has never been more pressing. I am sure that Prisha and rare gems of her ilk will be torchbearers of the written world in the years to come.
विवेक अत्रे ने किया 12 वर्ष की बच्ची प्रिशा शर्मा की अंग्रेजी कविताओं की बुक का विमोचन
पंचकूला : पूर्व आई ए एस अधिकारी विवेक अत्रे ने आज पंचकूला की 12 वर्षीय बच्ची प्रिशा शर्मा द्वारा रचित अंग्रेजी कविताओं की बुक का विमोचन किया । सेक्टर 10 स्थित जेपी टोडलर स्कूल परिसर में एक सादे कार्यक्रम में प्रिशा की बुक का वोमोचन किया। इस मौके पर अत्रे ने संबोधित करते कहा युवा प्रिशा में लेखन और काव्यात्मक शब्द की विशेष प्रतिभा से मैं चकित हूं। 12 साल की उम्र में, वह रचनात्मकता और उत्साह का एक आश्चर्यजनक पैकेज है। उसके माता-पिता स्पष्ट रूप से उसकी रचनात्मक कला के लिए अत्यंत सहायक हैं जैसा कि सभी माता-पिता को होना चाहिए, लेकिन केवल दुर्लभ ही हैं। उनकी कविता की सूक्ष्मता उनकी भाषा की सरलता और उनके संदेश की प्रत्यक्षता में निहित है। “द थिंग्स आई लव” और “माई वंडरफुल लाइफ” जैसी कविताएँ उनके वर्षों से परे, उनके बोधगम्य और कृतज्ञ मन को दर्शाती हैं। प्रिशा को नियति के साथ उनके काव्यात्मक प्रयास के लिए मेरी शुभकामनाएं और साहित्य जगत में आगे बढ़े । विश्वास है कि प्रिशा और उनके जैसे दुर्लभ रत्न आने वाले वर्षों में लिखित दुनिया के पथ प्रदर्शक होंगे।