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Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020

भाजपा नेता नवीन गोयल के साथ एस्टेट ऑफिसर-2 से की मुलाकात

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आठ साल से बंद सामुदायिक केंद्र की नवीन गोयल ने ली सुध
-सामुदायिक केंद्र सोसायटी को सौंपने की मांग
-भाजपा नेता नवीन गोयल के साथ एस्टेट ऑफिसर-2 से की मुलाकात
गुुरुग्राम। पिछले करीब आठ साल से बंद पड़े सेक्टर-43 के सामुदायिक केंद्र की पर्यावरण संरक्षण विभाग भाजपा हरियाणा प्रमुख नवीन गोयल ने सुध ली है। निवासियों की मांग पर उन्होंने पहले क्षेत्र का दौरा करके पूरी स्थिति का जायजा लिया। इसके बाद उन्होंने एचएसवीपी एस्टेट ऑफिसर-2 को क्षेत्र के मौजिज लोगों और प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य कर्मचारी प्रकोष्ठ भाजपा हरियाणा बाली पंडित, भाजयुमो प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य गगन गोयल, विजय वर्मा आदि के साथ मांग पत्र सौंपा।
सेक्टर-43 में रहने वाले स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी समिति के अध्यक्ष कपूर सिंह दलाल, रॉ के पूर्व संयुक्त मुख्य सचिव कान्त, बिग्रेडियर एसकेएस राणा, दीपक कुमार वर्मा, सुबोध कुमार मिश्रा, वासु शास्त्री समेत कई लोगों ने नवीन गोयल को अवगत कराया कि सेक्टर-43 का सामुदायिक केंद्र यहां सेक्टर विकसित होने के साथ बना दिया गया था। बाद में इस सामुदायिक केंद्र को एक निजी टैंट हाउस संचालक को बैंक्वेट हॉल बनाने के लिए लीज पर दे दिया गया। इसके लिए कानूनी लड़ाई लड़ी गई। कुछ समय पूर्व विभाग की ओर से सार्वजनिक सूचना दी गई है कि इसे फिर से बैंक्वेट हॉल बनाया जाएगा। यहां के निवासियों ने का कहना है कि सेक्टर विकसित होने के साथ ही सामुदायिक केंद्र बनाने का नियम होता है। इसके लिए पैसा भी घर खरीदारों का ही लगता है। यहां दर्जनों सोसायटी हैं और हजारों लोग रहते हैं। इन सबके लिए एक ही सामुदायिक केंद्र हैं। यह सभी की जरूरत है। ऐसे में सामुदायिक केंद्र का स्वरूप बदलना सही नहीं है। उन्होंने बताया कि इस संबंध में विभाग को आरटीआई भी लगाई गई थी, लेकिन कोई जानकारी नहीं दी गई। सोसायटी के लोगों ने बताया कि बंद सामुदायिक केंद्र से लगातार सामान भी चोरी हो रहा है।
एचएसवीपी एस्टेट ऑफिसर-2 को मांग पत्र सौंपते हुए भाजपा नेता नवीन गोयल ने कहा है कि लोगों की जरूरत को ध्यान में रखते हुए इस सामुदायिक केंद्र को बैंक्वेट हॉल में तब्दील ना किया जाए। क्षेत्र में रहने वाले लोगों के छोटे-मोटे पारिवारिक कार्यक्रम होते रहते हैं। उनके लिए कोई ऐसी जगह नहीं है जहां वे कम खर्च में अपने कार्यक्रम कर सकें। इसलिए जरूरी है कि सामुदायिक केंद्र का अस्तित्व बना रहे।