प्रेस नोट
पंचकूला 26 अप्रैल- हरियाणा के पूर्व उप मुख्यमंत्री चन्द्र मोहन ने हरियाणा सरकार से मांग की है कि किसानों को गेहूं पर 500 रुपए प्रति क्विंटल बोनस देने की तुरंत घोषणा करनी चाहिए ताकि किसानों की कम फसल की भरपाई हो सके। उन्होंने कहा कि हरियाणा प्रदेश में भाजपा और जजपा की गठबंधन सरकार को किसानों के हितों से कोई सरोकार नहीं है उसे तो सरोकार है केवल अपनी सत्ता बचाने के लिए । जिस प्रकार से किसानों का आन्दोलन केन्द्र सरकार द्वारा जबरदस्ती समाप्त करवाया गया और फिर उनके साथ धोखा किया गया है इस तथ्य से देश का किसान भली भांति परिचित हैं।
चन्द्र मोहन ने कहा कि किसानों की तूड़ी को जिस प्रकार से सरकार द्वारा गौशालाओं के नाम पर जबरदस्ती लूटने का प्रयास किया जा रहा है वह निंदनीय है । यह गठबंधन सरकार किसानों को प्रताड़ित करने के लिए कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि पशुओं के लिए तूड़ी ले जा रहे किसानों के साथ अधिकारी और पुलिस जिस प्रकार से सौतेला व्यवहार कर रही हैं वह अशोभनीय है। सरकार के अधिकारी धक्केशाही से तूड़ी से भरी ट्रालियों को गौशालाओं में खाली करवा रहे हैं। इससे सारे प्रदेश में किसानों में एक गलत संदेश जा रहा है। इसका खामियाजा सरकार को आने वाले चुनावों में भी भुगतना पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि गौशालाओं में पशुओं को चारा उपलब्ध करवाना सरकार की नैतिक जिम्मेदारी है, लेकिन किसानों को लूटने की अनुमति सरकार को किसी तरह से भी नहीं दी जायेगी। किसान पहले ही फसल कम होने की वजह से परेशान हैं और दूसरी ओर सरकार किसानों से जबरदस्ती चारा लूट रही है यह कहां तक न्याय संगत है।तापमान के निरन्तर बढ़ने के कारण इस बार गेहूं की पैदावार में काफी गिरावट आई है। लेकिन भाजपा सरकार के अफसर 500 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से जबरदस्ती तूड़ी की ट्राली को गौशालाओं में खाली करवा रहे हैं।
जो किसान अपनी तूडी गौशालाओं में देने से इन्कार करता है ।पुलिस उन किसानों के ट्रैक्टर और ट्रालियों पर भारी भरकम जुर्माना लगा कर उनके चालान काट रही है। उन्होंने कहा कि सरकार को 500 रूपए में किसानों की तूड़ी धक्केशाही करके लूटने का प्रयास करने की बजाय किसानों को गेहूं पर 500 रूपए प्रति क्विंटल बोनस देना चाहिए ताकि कुछ हद तक नुकसान की भरपाई संभव हो सके।
चन्द्र मोहन ने कहा कि वह मुख्यमंत्री को एक पत्र लिखकर मांग करेंगे कि किसानों के साथ हो रही इस लूटपाट को बंद करने के साथ चारे के न्याय संगत तरीके और सुचारू ढंग से वितरण करने के लिए समुचित व्यवस्था की जाए और हरियाणा प्रदेश के चारे की कमी वाले जिलों में चारे की उचित व्यवस्था करने के लिए भी कदम उठाए जाएं ताकि तुड़ी के आसमान छूते हुए भाव को नियंत्रित करने के साथ साथ समाज के उन गरीब पशुपालकों की दयनीय हालत को भी ध्यान में रखा जाए ताकि चारे की कमी की मार इन गरीब लोगों पर न पड़े क्योंकि यह लोग जैसे तैसे दूध बेच कर अपना गुजारा कर रहे हैं।