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Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020

बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ सार्थक कर रहा अम्बाला ऋषिकुल कॉलेज ऑफ़ एजुकेशन

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बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ सार्थक कर रहा अम्बाला ऋषिकुल कॉलेज ऑफ़ एजुकेशन
श्रीमती रीना सिंगला जी डायरेक्टर प्रिंसिपल ऋषिकुल कॉलेज ऑफ़ एजुकेशन सेक्ट 7 अम्बाला (8950016891) ने प्रेससनोट जारी करते हुए बताया कि उन्हें यह बताते हुए बहुत प्रसन्नता हो रही है कि नंदनी शर्मा, जो कि उनके शिक्षण संस्थान ऋषिकुल कॉलेज ऑफ़ एजुकेशन की नर्सरी टीचर ट्रेनिंग कोर्स (एनटीटी) की छात्रा है, ने 92.6 % अंक प्राप्त कर टॉप करते हुए पहला स्थान प्राप्त किया। उनको ऋषिकुल कॉलेज ऑफ़ एजुकेशन अम्बाला की डायरेक्टर प्रिंसिपल श्रीमती रीना सिंगला जी के द्वारा गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया. उन्होंने बताया कि नंदनी शर्मा ने अपने शिक्षण संस्थान का ही नहीं बल्कि अपने माता पिता का नाम भी रोशन किया है। एनटीटी कोर्स करने के बाद आप सरकारी या प्राइवेट नर्सरी स्तर के स्कूल में शिक्षक बन सकते हैं। एनटीटी कोर्स करने के बाद आप खुद का प्री प्राइमरी स्कूल/ क्रेच खोल सकते हैं। इस डिप्लोमा कोर्स को करने के बाद आंगनबाड़ी में जॉब कर सकते हैं। नर्सरी टीचर ट्रेनिंग (एनटीटी) कोर्स 12th के बाद किया जाने वाला एक/ दो वर्षीय डिप्लोमा कोर्स है। इस कोर्स में अभ्यर्थियों को प्री-प्राइमरी (नर्सरी/ प्री-नर्सरी आदि) स्कूल के छात्रों को पढ़ाने और संभालने की ट्रेनिंग दी जाती है। “भारतीय महिला उत्थान कार्यक्रम”गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने का एक कार्यक्रम है और संस्थान द्वारा लड़कियों/महिलाओं को आत्मनिर्भर और स्वरोजगार देने का हर संभव प्रयास किया जा रहा है। रीना सिंगला जी ने बालिका शिक्षा का महत्व बताते हुए कहा कि शिक्षित महिलाएं ही देश, समाज और परिवार में खुशहाली ला सकती है। यह कथन बिलकुल सत्य है कि एक आदमी सिर्फ एक व्यक्ति को ही शिक्षित कर सकता, पर एक महिला पूरे समाज को शिक्षित कर सकती है. जिससे पूरे देश को शिक्षित किया जा सकता है। हर बच्चा अपनी ज़िन्दगी की पहली सीख अपनी माँ से ही हासिल करता है। इसलिए माँ का शिक्षित होना बेहद जरुरी है, जिससे वह अपने बच्चे में वे गुण डाल सके, जो उसके जीवन को सही दिशा दे सके। शिक्षित महिलाएं सिर्फ अपने बच्चे ही नहीं बल्कि उनके आसपास और कई लोगों की जिंदगी को बदल सकती है, जो देश को विकसित करने में महत्वपूर्ण किरदार अदा कर सकते हैं। आज के समय में भारत महिला साक्षरता के मामले में लगातार प्रगति कर रहा है। हिंदुस्तान के इतिहास में भी बहादुर महिलाओं जिक्र किया गया है। मीराबाई, दुर्गावती, अहिल्याबाई, लक्ष्मीबाई जैसी कुछ मशहूर महिलाओं के साथ-साथ वेदों के समय की महिला दर्शनशास्त्री गार्गी, विस्वबरा, मैत्रयी आदि का भी उदाहरण इतिहास का पन्नो में दर्ज है। ये सब महिलाएं प्रेरणा का स्रोत थी। समाज और देश के लिए दिए गये उनके योगदान को हम कभी नहीं भूल सकते। उनका शिक्षण संस्थान माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ के नारे को सार्थक कर रहा है.