चंडीगढ़,27 फरवरी— हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने रविवार को हकेवि महेंद्रगढ़ के आठवें दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने 24 विद्यार्थियों व शोधार्थियों को स्वर्ण पदक, 19 को पीएच.डी., 14 को एम.फिल. और 1045 विद्यार्थियों को स्नातक व स्नातकोत्तर की उपाधि प्रदान की। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड के अध्यक्ष प्रो. के.के. अग्रवाल दीक्षांत समारोह में शामिल हुए। दीक्षांत समारोह में हरियाणा के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री श्री ओमप्रकाश यादव व पूर्व शिक्षा मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा भी उपस्थित रहे। राज्यपाल महोदय ने इस अवसर पर स्वतंत्रता सेनानी चंद्रशेखर आजाद के बलिदान दिवस के अवसर पर उन्हें श्रद्धासुमन भी अर्पित किए। विश्वविद्यालय में आयोजित इस दीक्षांत समारोह की शुरुआत कुलगीत के साथ हुई। इस अवसर पर विश्वविद्यालय का न्यूज लेटर व स्मारिका का विमोचन भी किया गया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि राज्यपाल माननीय श्री बंडारू दत्तात्रेय ने उपाधि प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि समाज और देश को डिग्री प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों से बहुत अपेक्षाएं हैं। हमें समाज और राष्ट्र के लिए योगदान देने के लिए कड़ी मेहनत करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि सरकार कौशल विकास व स्टार्ट अपस के क्षेत्र में रोजगार हेतु बहुत खर्च कर रही है। हमें नौकरी चाहने वाले की बजाय नौकरी देने वाले बनने की जरूरत है। उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा चलाए जा रहे डिजिटल इंडिया अभियान का उल्लेख करते हुए कहा कि इस अभियान के माध्यम से रोजगार, स्वरोजगार व आत्मनिर्भरता के नए मार्ग खुलने के साथ-साथ यह अभियान देश को डिजिटल रूप से सशक्त समाज व ज्ञान आधारित व्यवस्था में बदलाव लाने में सहायक साबित हो रहा है। उन्होंने कहा कि आज आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, स्मार्ट बोर्ड, ब्लॉकचेन, कंप्यूटिंग उपकरण आदि जैसे प्रौद्योगिकी क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावनाएं हैं। मुख्य अतिथि ने कोरोना महामारी के दौरान विश्वविद्यालय द्वारा किए गए कार्यों के लिए कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार व उनकी टीम को बधाई दी। उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू करने के लिए विश्वविद्यालय द्वारा किए गए प्रयासों की भी सराहना की।
दीक्षांत समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित प्रो. के.के. अग्रवाल ने कहा कि एक से अधिक विषयों का ज्ञान आवश्यक है। इसमें अंतःविषयी और लाइफ लांग लर्निंग पाठ्यक्रम महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने कहा कि शोध स्थानीय एवं राष्ट्रीय विकास में मदद देने वाला होना चाहिए। विश्वविद्यालय कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने अपने संबोधन में विश्वविद्यालय की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की और मुख्य अतिथि व विशिष्ट अतिथि का उनकी उपस्थिति के लिए हृदय से आभार प्रकट किया। इस अवसर पर कुलपति ने उपाधि व स्वर्ण पदक पाने वाले विद्यार्थियों को बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। साथ ही कुलपति ने उनके माता-पिता व शिक्षकों की भी सराहना की, जिन्होनें विद्यार्थियों की आकांक्षाओं को साकार करने में मदद की।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय की उपलब्धियों का ब्यौरा प्रस्तुत करते हुए कुलपति ने बताया कि महामारी की विभिन्न चुनौतियों एवं बाधाओं के बावजूद विश्वविद्यालय ने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और अनुसंधान को बढ़ावा देने के अपने उद्देश्य को दृढ़ रखा। विश्वविद्यालय की शोध उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए प्रो. टंकेश्वर कुमार ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि विश्वविद्यालय आने वाले वर्षों में अपने अनुसंधान एवं नवाचार कार्यों में अग्रणी स्थिति में होगा। दीक्षांत समारोह में विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद, शैक्षणिक परिषद व विश्वविद्यालय की कोर्ट के सदस्य, विभिन्न शिक्षण संस्थानों, विश्वविद्यालय की विभिन्न पीठों के अधिष्ठाता, कुलसचिव प्रो. सारिका शर्मा, परीक्षा नियंत्रक प्रो. राजीव कौशिक, वित्त अधिकारी डॉ. विकास कुमार, विभागों के विभागाध्यक्ष, शिक्षक, कर्मचारी, विद्यार्थी व शोधार्थी उपस्थित रहे।
————-24 स्वर्ण पदक सहित 1078 विद्यार्थियों को मिली उपाधियां
हकेवि के आठवें दीक्षांत समारोह में कुल 1078 विद्यार्थियों व शोधार्थियों को पीएच.डी., एम.फिल., स्नातक व स्नातकोत्तर की उपाधियाँ व स्वर्ण पदक प्रदान किए गए। इनमें स्नातक पाठ्यक्रमों के अंतर्गत बी.टेक. में 148 तथा बी.वॉक. में 72 विद्यार्थियों को तथा स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में 825 विद्यार्थियों को डिग्री प्रदान की गई। 19 शोधार्थियों को पीएच.डी. एवं 14 को एम.फिल. की उपाधि प्रदान की गई। 1078 विद्यार्थियों व शोधार्थियों में 604 छात्र और 474 छात्राएं शामिल हैं। 975 विद्यार्थी प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण हुए हैं।