शिक्षा का निजीकरण कर रही प्रदेश सरकार : कुमारी सैलजा
– नियमित भर्ती से अध्यापकों की भर्ती करे गठबंधन सरकार
– शिक्षा का बेड़ा गर्क करने के लिए ठेके पर कर्मचारी रखने की कोशिश
चंडीगढ़, 27 फरवरी
हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने कहा कि प्रदेश की भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार को शिक्षा का स्तर गिरने या बढ़ने से कोई लेना देना नहीं है। यह सरकार शिक्षा के ढांचे का बेड़ा गर्क करने पर तुली है। इसलिए अध्यापकों व लेक्चरर की नियमित भर्ती करने की बजाए उन्हें ठेके पर रखने की तैयारी में जुट गई है। ऐसा होने से प्रदेश की गिनती बदतर शिक्षा वाले राज्यों में होने से कोई नहीं रोक पाएगा।
मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि प्रदेश के सरकारी स्कूलों में इस समय 46, 459 पद खाली पड़े हैं। इनमें से पीजीटी के 14 हजार, टीजीटी के 20 हजार व प्राथमिक शिक्षकों के 4800 पद हैं। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रदेश सरकार बच्चों को शिक्षा मुहैया कराने में विफल साबित हो रही है। सरकार की गलत नीतियों के कारण नियमित भर्तियां नहीं हो पा रही हैं।
हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि शिक्षा के बिना कुछ भी संभव नहीं है। बच्चे शिक्षित नहीं होंगे तो उनका भविष्य अंधकारमय हो जाएगा और वे आगे चलकर न किसी तरह की नौकरी पा सकेंगे और न ही अपने अधिकारों के लिए आवाज उठा पाएंगे। इनका भविष्य बर्बाद करने के लिए अभी तक शिक्षकों के खाली पड़े पदों को भरा नहीं गया है।
कुमारी सैलजा ने कहा कि ओवरऑल देखा जाए तो स्कूलों में स्वीकृत पदों के मुकाबले 32 प्रतिशत पद खाली हैं। जबकि, सबसे ज्यादा टीजीटी, व पीजीटी के पद खाली हैं। टीजीटी के तो 55 प्रतिशत तक पद रिक्त पड़े हैं। अब इन पदों को ठेके पर भरने की तैयारी है, जो सरासर गलत है और शिक्षा के निजीकरण का प्रयास है।
कुमारी सैलजा ने कहा कि इसी तरह से उच्च शिक्षा का जनाजा प्रदेश सरकार पहले ही निकाल चुकी है। प्रदेश के सभी 172 सरकारी कॉलेजों में वर्कलोड के अनुसार 7559 प्रोफेसर/लेक्चरर होने चाहिए, लेकिन स्वीकृत पद सिर्फ 5068 ही हैं। जबकि, करीब 3600 लेक्चरर/प्रोफेसर ही सेवारत हैं।
कुमारी सैलजा ने कहा कि कांग्रेस किसी भी सूरत में शिक्षा का निजीकरण के प्रयास में जुटी भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार को उसके मंसूबों में कामयाब नहीं होने देगी। हमारी मांग है कि ठेके पर कर्मचारियों को लगाने की बजाए सरकार सीधी नियमित भर्ती कर स्कूल-कॉलेजों में स्टाफ की कमी को दूर करे, ताकि प्रदेश के बच्चे उच्च शिक्षित होकर देश व दुनिया में हरियाणा का नाम रोशन कर सकें।