हिंदी बीच छुपे रघुबीरा, रोज सुबह गुणगान करो–डॉ वर्मा
साहित्य-संस्कृति मंच, हरियाणा के तत्त्वावधान में विश्व हिंदी दिवस पर ऑन लाइन काव्य-सन्ध्या का आयोजन किया गया । कार्यक्रम की अध्यक्षता हरियाणा साहित्य अकादमी की डॉ मुक्ता ने किया और संचालन कवि-गीतकार डॉ सी एस वर्मा ‘प्रभाकर’ ने किया।
सभी प्रबुद्ध साहित्यकारों तथा विद्वतजन को आह्वान करते हुए डॉ मुक्ता ने कहा कि हिंदी को राष्ट्र भाषा का दर्जा दिलाने के लिए हमें हिंदी के प्रति दृढ़प्रतिज्ञ होना पड़ेगा । वरिष्ठ साहित्यकार सत्यवीर नाहड़िया ने ‘हिंदी म्हारी मात सै, फैल्या जग म्है मान’।डॉ चन्द्रदत्त शर्मा ने हिंदी वर्णमाला के ‘अ’ से लेकर ‘श्र’ तक के वर्णों से काव्य-पंक्तियाँ आरंभ कर हिंदी की इस प्रकार स्तुति की- ‘अज्ञान अंध दूर करती है हिन्दी । डॉ सी एस वर्मा ‘प्रभाकर’ ने कहा ‘हिंदी बीच छुपे रघुबीरा, रोज सुबह गुणगान करो। कवयित्री नीरू मित्तल ‘नीर’ ने हिंदी को सांस्कारिक भाषा बताते हुए कहा कि –
नहीं दुश्मनी अंग्रेजी से, ना उर्दू से कोई बैर रखा। सबको अपनाया हिंदी ने, जिसने दर पर पैर रखा। देश भर से कवियों ने इस कार्यक्रम में शिरकत की।