पूर्व उपमुख्यमंत्री चंद्रमोहन ने कहा आज 137 साल की हो गई देश की सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस। 28 दिसंबर 1885 को बनी कांग्रेस अपना स्थापना दिवस मनाने जा रही है। आजादी से पहले इसका राजनीतिक रूप नहीं था, बल्कि इसका उद्देश्य एक जन आंदोलन रहा।
पूर्व उपमुख्यमंत्री चंद्रमोहन जी आज कांग्रेस पार्टी के स्थापना दिवस के शुभ अवसर पर सेक्टर 20 पचकुलां बोलते हुए कहा हम अपनी पार्टी के राष्ट्रवाद व जनता के हितों के प्रति सच्ची सोच, जो सही मायने मेंराष्ट्रवाद है का उल्लेख करें।
कांग्रेस के लिए जनता के हित सर्वोपरि हैं, हमारी पार्टी ने हमेशा लोगों की भावनाओं के अनुरूप देश हित मे कार्य किए हैं, जो आज इसजनविरोधी भाजपा सरकार में कहीं नजर नहीं आता। राष्ट्रवाद सही मायने में लोगो की सुनवाई कर उनकी भावनाओं को समझना है, केवल प्रचार या दिखावा नही।सोनिया गांधी कांग्रेस का अतीत है व राहुल गांधी भविष्य
कांग्रेस के स्थापना दिवस के मौके पर पूर्व उपमुख्यमंत्री चंद्रमोहन ने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि आज फिर जनता के अधिकार कुचले जा रहे हैं और चारों तरफ तानाशाही का आलम है. इसके साथ ही भाई चन्द्रमोहन ने कांग्रेस के कार्यकर्ताओं से कहा कि हमारी जिम्मेदारी है कि हम देश को एक बार फिर तानाशाही ताकतों से बचाएं और उनसे लोहा लें.
कांग्रेस के इतिहास पर बात करते हुए पूर्व उपमुख्यमंत्री चंद्रमोहन
ने आगे कहा, “एक जन आंदोलन के रूप में शुरू हुई कांग्रेस के सामने ऐसे कई मोड़ आए जब कांग्रेस के कार्यकर्ताओं और नेताओं पर अत्याचार किए गए लेकिन कांग्रेसजन देशसेवा और भारत की आजादी के अपने लक्ष्य से पीछे नहीं हटे. जेल गए, कालापानी की सजा काटी, लाठियां खाईं, गोलियों के आगे खड़े रहे, जान की कुर्बानी दी पर आजादी के लिए लड़े और देश को आजादी हासिल हुई. आजादी के बाद भी कांग्रेस ने देशवासियों के साथ कदम से कदम मिला कर मजबूत भारत की नींव रखी.”
भाई चन्द्रमोहन ने आगे कहा, “जिस तिरंगे के नीचे आजादी हासिल की थी. आज उसी तिरंगे की आन, बान और शान के लिए हमें एकजुट होना होगा. कांग्रेस को हर मोर्चे पर मजबूत बनाना होगा. यह तिरंगा और कांग्रेस देशवासियों के लिए जीने का हौसला है, लोगों की आशाओं का प्रतीक है और देश का गौरव है. इसी को ध्यान में रखकर हमें आगे बढ़ना है, आमजन के दिलों को जीतना है, आज कांग्रेस के स्थापना दिवस पर हम प्रण लेते हैं कि देश के संविधान, प्रजातंत्र और देशवासियों के लिए आखिरी सांस तक लड़ेंगे.”
भाई चन्द्रमोहन ने कहा आजादी के बाद के 74 सालों में देश में सबसे ज्यादा इसी राजनीतिक दल की सरकार रही है। देश का संविधान बनने से लेकर देश की हर व्यवस्था में कांग्रेस की छाप दिखती है। देश के सबसे बड़े और महत्वपूर्ण नेता चाहे वे आजादी के आंदोलन से जुडे हों या फिर आजादी के बाद सभी की राजनीतिक जड़ें कांग्रेस से जुड़ी हुई थीं। चाहे वे जवाहरलाल नेहरु, महात्मा गांधी, सरदार वल्लभ भाई पटेल या फिर सुभाष चन्द्र बोस और भी कई बड़े नामों ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरूआत इसी कांग्रेस से की
स्वतंत्र भारत के इतिहास में कांग्रेस सबसे मज़बूत राजनीतिक ताकत के रूप में उभरी। महात्मा गाँधी की हत्या और सरदार पटेल के निधन
के बाद जवाहरलाल नेहरु के करिश्माई नेतृत्व में पार्टी ने पहले संसदीय चुनावों में शानदार सफलता पाई और ये सिलसिला 1967 तक लगातार चलता रहा। पहले प्रधानमंत्री के तौर पर नेहरू ने धर्मनिरपेक्षता, आर्थिक समाजवाद और गुटनिरपेक्ष विदेश नीति को सरकार का मुख्य आधार बनाया जो कांग्रेस पार्टी की पहचान बनी।
इंदिरा गांधी बनीं पहली महिला प्रधानमंत्री
अकेले दम पर बहुमत हासिल करने में सफलता पाई। साल 1964 में जवाहरलाल नेहरू के निधन के बाद
लाल बहादुर शास्त्री के हाथों में कमान सौंप गई लेकिन उनकी भी 1966 में ताशकंद में रहस्यमय हालात में मौत हो गई। इसके बाद पार्टी की मुख्य कतार के नेताओं में इस बात को लेकर ज़ोरदार बहस हुई कि अध्यक्ष पद किसे सौंपा जाए। आखीरकार नेहरु की बेटी इंदिरा गांधी के नाम पर सहमति बनी ईस अवसर पर पूर्व चैयरमेन विजय बंसल,वरिष्ठ कांग्रेस नेता शशी शर्मा,पूर्व मेयर उपीनदरं कोर आहलुवालीया,मनवीर कोर गिल, पूर्व प्रधान नगर परिषद पचकुलां,हेमन्त किगरं राजनीतिक सचिव,पार्षद गौतम प्रशाद,पूर्व पार्षद दलवीर बालमिकी
धार्मिक,समाजिक,व सिनीयर कांग्रेस नेता,विजय धीर जी,ज़िला महिला कांग्रेस अध्यक्ष सुषमा खन्ना,एडवोकेट नवीन बंसल व कांग्रेस पार्षद पद के उम्मीदवार रहै योगेन्द्र कवातरा कांग्रेस पार्षद पद के उम्मीदवार रहे कांग्रेस पार्षद पद के उम्मीदवार रहै ओम शुक्ला,प्रियंका सिंह हुड्डा,कांग्रेस पार्षद पद की उमीदवार रहीं,प्राण शर्मा,ज़िला महिला कांग्रेस की महासचिव मुदिता शर्मा,ज़िला महिला ,दीपांशु बंसल राष्ट्रीय कन्वीनर NSUI आरटीआई सेल,सुरेश खगेसरां, दिनेश मितल,अंकुर बिशनोई,राजू धीमान ,एडवोकेट यशपाल राणा अमरीक बिशनोई,रिकुं ,मुकेश महदींरता,सदरु खान,सुरजभान दहीया,अजय बबल,विनोद बिशनोई, विक्रम बिशनोई,
व अन्य कांग्रेस नेता भी उपस्थित थे
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