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Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020

मानव रचना इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च एंड स्टडीज  में दीक्षांत समारोह 17वें दीक्षांत समारोह में राज्यपाल ने बतौर मुख्य अतिथि की शिरकत

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मानव रचना इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च एंड स्टडीज  में दीक्षांत समारोह 17वें दीक्षांत समारोह में राज्यपाल ने बतौर मुख्य अतिथि की शिरकत
इसमें 1500 छात्रों को डिग्री और 6 प्रख्यात हस्तियां मानद उपाधि से किया गया सम्मानित:-
एक तिहाई डिग्रियां महिलाओं को, प्रदेश और विश्वविद्यालय के लिए गर्व बात
:- महामहिम राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय:-
चंडीगढ़,19 दिसम्बर।
मानव रचना इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च एंड स्टडीज में दीक्षांत समारोह 17वें दीक्षांत समारोह में हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने बतौर मुख्य अतिथि हिस्सा लिया। इसमें 1500 छात्रों को डिग्री और 6 प्रख्यात हस्तियां मानद उपाधि से सम्मानित किया गया। जिसमें एक तिहाई डिग्रियां महिलाओं को, प्रदेश और विश्वविद्यालय के लिए गर्व की   बात हैं।
दीक्षांत समारोह संस्मरण ‘प्रतिबिंब’ का विमोचन किया गया। मानव रचना इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च एंड स्टडीज और मानव रचना डेंटल कॉलेज (MRIIRS के तत्वावधान में)  ने अपने 2021 बैच के छात्रों के लिए 17 वां दीक्षांत समारोह आयोजित किया। हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि और शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के राष्ट्रीय सचिव अतुल कोठारी ने बतौर विशिष्ट अतिथि हिस्सा लिया। 17वें दीक्षांत समारोह में 1500+ छात्रों (स्नातक, स्नातकोत्तर और डॉक्टरेट 105 बीडीएस डिग्री और 15 एमडीएस डिग्री शामिल) को सम्मानित किया गया। उत्कृष्ट उपलब्धि और शैक्षणिक दक्षता के लिए 64 छात्रों को पदक दिए गए।
हरियाणा के महामहिम राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने आज रविवार को कहा कि भारतीय अध्यात्म व परम्परा के पुरोधा बाबा फरीद व भक्ति काल के महाकवि सूरदास जी की ऐतिहासिक धरा पर स्थापित प्रतिष्ठित मानव रचना इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च एंड स्टडीज विश्वविद्यालय,  फरीदाबाद के 17वें दीक्षांत समारोह के सुअवसर पर उपस्थित होकर उन्हें बहुत ही गौरवान्वित महसूस हुआ है। उन्होंने कहा कि आपकी इस यात्रा में आपके माता-पिता, शिक्षक और जिन साथियों ने आपको सहयोग दिया, उन सभी को भी  साधुवाद ।  आज विश्वविद्यालय के 91 विद्यार्थियों को दीक्षांत समारोह में उपाधियों से विभूषित किया गया। इसके साथ साथ विभिन्न क्षेत्रों में विख्यात सात सफल विभूतियों को भी डॉक्टरेट की डिग्री से सम्मानित किया जा रहा है।  खुशी है कि आज के दीक्षान्त समारोह में दो तिहाई महिलाओं को डिग्री प्रदान की जा रही है। यह किसी भी प्रदेश व विश्वविद्यालय के लिए गर्व की बात है। विश्वविद्यालय के इस दीक्षांत समारोह के आयोजन में कुलपति व उनकी पूरी टीम तथा विद्यार्थियों की कड़ी मेहनत का परिणाम है । स्वामी विवेकानंद जी ने कहा था शिक्षा वह प्रक्रिया है जिससे चरित्र का निर्माण होता है, मन की शक्ति बढ़ती है, और बुद्धि तेज होती है और नैतिक व मानवीय मूल्यों का बोध होता है। जिसके परिणामस्वरूप व्यक्ति अपने पैरों पर खड़ा होकर देश के निमार्ण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।  इसलिए शिक्षा व्यक्ति के सर्वांगीण विकास में महत्वपूर्ण योगदान देती है।
शिक्षा में सीखने की प्रक्रिया को कक्षा से भी आगे ले जाने की आवश्यकता है इसके लिए समाज को प्रभावित करने वाले विभिन्न पहलुओं को अपनाना चाहिए। इसके लिए आनॅ लाईन, ट्यूटोरियल कैम्प, शोर्ट कोर्सिस डिप्लोमा, प्रैक्टिल मोड अपनाने की आवश्यकता है। उन्होने कहा कि इसमें कोई शक नहीं कि एक मजबूत शिक्षा प्रणाली में एक राष्ट्र को बदलने की ताकत होती है। इसी व्यवस्था को मजबूत करने के लिए  जैसे सभी पहलुओं को सम्माहित किया गया है।
महामहिम राज्यपाल ने कहा कि  उपाधि प्राप्तकर्ताओं, विद्यार्थियों  सब इस बात पर गर्व है कि वर्तमान की आवश्यकताओं और विश्व व्यवस्था को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व मे राष्ट्रीय शिक्षा नीति -2020 लागू की गई है। जो शिक्षा के सुधार के क्षेत्र में एक क्रान्तिकारी कदम है।
यह शिक्षा नीति बंद कमरों में तैयार नहीं की गई बल्कि हजारों शिक्षाविदों के साथ एक लंबे विचार-विमर्श के पश्चात तैयार की गई है। इसके लिए प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी धन्यवाद के पात्र हैं। यह शिक्षा नीति छात्रों को उनकी पूरी क्षमता का अहसास कराने के लिए अत्यंत कारगर है। इसके साथ-साथ यह नीति उद्यमिता, स्वरोजगार, अनुसन्धान और नवाचार को बढावा देने वाली भी साबित होगी। हमारे कई विश्वविद्यालयों ने तो पहले से ही नई शिक्षा नीति के कई कार्यक्रम लागु भी कर दिए है।
उन्होंने कहा कि आज विश्व में कई देश कौशलता के क्षेत्र में हमसे कहीं आगे हैं। विश्व के कई विकसित देशों में तो 91 प्रतिशत से भी अधिक लोग किसी न किसी कार्य में कुशल हैं। जब कि भारत में केवल 4 प्रतिशत लोग ही कुशल कारीगर हैं। इसके लिए हमें कौशल शिक्षा को बढ़ावा देना है। महिलाओं में कौशलता प्राप्त करने की प्रतिभा पुरूषों से कहीं ज्यादा है इसलिए महिलाओं को विभिन्न कोर्सों, डिग्रीयों व कार्यक्रमों में दाखिला देकर अधिक से अधिक कुशल बनाना है। आज  आपके विश्वविद्यालय द्वारा जो डिग्रीयां प्रदान की जा रही है उनमें अधिकतर महिलाएँ हैं। केवल मात्र कौशलता से ही देश से बेरोजगारी की समस्या को खत्म किया जा सकता है। इसके लिए विश्वविद्यालयों, शिक्षण संस्थानों को स्किल्ड और रिस्किल्ड की प्रणाली पर काम करना होगा। सभी शिक्षण संस्थाओं, विश्वविद्यालयों, शिक्षकों, छात्रों , पूर्व छात्रों को बहुत ही जिम्मेदारी के साथ समर्पित भाव से नई शिक्षा नीति के  पर कार्य करना है। मेरा पूरा विश्वास है कि आप समाज और राष्ट्र की सभी अपेक्षाओं पर खरा उतरेंगे ।  उन्होंने कहा कि उपाधि प्राप्तकर्ताओं, विद्यार्थियो व शिक्षकगण आपके प्रत्येक कार्य से भारत प्रभावित होता है। आपकी सफलता भारत की सफलता है।
आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर आप सभी संकल्प ले कि शिक्षा से अर्जित ज्ञान व कौशलता का उपयोग न केवल  नौकरी पाने के लिए बल्कि नौकरी देने के लिए करेंगे। आप नौकरी पाने वाले नहीं नौकरी देने वाले बनें। इसके लिए आपको उद्यमिता के क्षेत्र में उतरना होगा। सरकार आपके साथ है। केन्द्र व राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ उठाकर अपने स्टार्ट-अप स्थापित करें जिससे आप युवाओं को भी रोजगार दे पाएंगे। देश में युवाओं को रोजगार मुहैया करवाने के लिए युवा पीढी को आत्मनिर्भर बनाने के लिए ‘मेक इन इंडिया’, ‘स्टार्ट अप इंडिया’, ‘आत्मनिर्भर भारत’  जैसे कई कार्यक्रम शुरू किए गए । इन कार्यक्रमों से अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग एवं महिलाओं आदि को जोड़ कर उद्यमिता के लिए प्रोत्साहित करना है। ‘मेक इन इंडिया’ व ‘स्टार्टअप’ को सहयोग प्रदान करने के लिए ‘स्किल इंडिया’ प्रधानमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट है। सरकार की इन नीतियों का लाभ उठाकर आप सफलता की कहानी लिख सकतें है।
राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि मुझे खुशी है कि मानव रचना शैक्षणिक संस्थान प्रासंगिक व  सामाजिक मुद्दों पर विचार-विमर्श के लिए हमेशा आगे बढ़ कर कार्य किया है।  यह उत्कृष्ट छात्रों और शिक्षकों की अदम्य भावना है जो एक मजबूत और गतिशील नेतृत्व के साथ मिलकर निरन्तर आगे बढ़ने के लिए प्रयास करते हैं जिससे संस्थान की अपनी पहचान भी बनती है और छात्रों का भविष्य स्वर्णिम होता है। मुझे पता चला है कि गत् 13 नवंबर, 2021 को राष्ट्रपति भवन, नई दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय खेल पुरस्कार 2021 समारोह के महत्वपूर्ण अवसर पर महामहिम राष्ट्रपति  राम नाथ कोविंद जी, द्वारा संस्था को राष्ट्रीय खेल प्रोत्साहन पुरस्कार 2021 से सम्मानित किया गया है । इसके लिए उन्होंने विश्वविदयालय के प्रबंधन को बधाई दी।
विश्व में आपको अपनी व देश की पहचान बनाने के लिए आधुनिक, रोजगारोन्मुखी शिक्षा के साथ नैतिक शिक्षा का भी पाठ पढ़ना होगा । जो हमारी संस्कृति का मूल तत्व है । जैसा की कहा गया है ’’धन गया तो कुछ नहीं गया, स्वास्थ्य गया तो कुछ गया, लेकिन चरित्र गया तो सब कुछ गया’’। मनुष्य का चरित्रवान होना जरूरी है। चरित्र नैतिक शिक्षा से ही कायम रह सकता है। आपको जो उपाधियां आज मिल रही हैं वे मात्र कागज की डिग्रियां नहीं हैं, यह आपके साथ साथ हमारे राष्ट्र की प्रगति का दस्तावेज हैं । दीक्षांत समारोह का यह शुभ दिन आपके लिए अपनी उपलब्धियों पर गर्व करने के साथ-साथ भविष्य की योजनाओं पर विचार करने का भी दिन है। आप देश का वर्तमान और भविष्य दोनों हैं। मैं आप सभी से आशा करता हूँ कि आप अपने परिवार, संस्थान, राज्य, राष्ट्र और समाज के प्रति अपने उत्तरदायित्व को बड़ी लगन और निष्ठा के साथ निभाते हुए, इन सबका नाम सिर्फ देश में नहीं बल्कि दुनिया में रोशन करेंगे। आप जहाँ भी जाएंगें इस विश्वविद्यालय का नाम, इस प्रदेश का नाम आपके साथ जुड़ा रहेगा । आप विश्वविद्यालय के नाम को भूलेंगे नहीं बल्कि नाम को आगे बढ़ाने का काम करेंगे। दीक्षांत समारोह के माध्यम से मेरी विश्वविद्यालय के शिक्षकों व पदाधिकारियों से अपील है कि वे स्थानीय मांग व वर्तमान की आवश्यकताओं पर आधारित कौशल प्रशिक्षण के ज्यादा से ज्यादा कोर्स शुरू करें। जैसाकि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में प्रायोगिकी शिक्षा का समय अनुपात बढ़ा कर दो तिहाई किया गया है। इसी अनुरूप कक्षाओं के प्रैक्टिकल पर जोर दे। इसके साथ विश्वविद्यालयों में इन्क्यूबेशन सैंटर स्थापित करें और प्रयोगशालाओं का अधिक से अधिक प्रयोग करते हुए अपने शोध कार्यो को लोकल से ग्लोबल तक ले जाएं।
उन्होंने कहा कि  विश्वविद्यालयों को चाहिए कि वे सरकार व प्रशासन से समन्वय कर ग्रामीण स्तर पर कलस्टर स्थापित कर गरीब वर्ग के युवाओं को प्रशिक्षण दें। इसके लिए लोकल मार्केट अनुसार प्लम्बर, डेरी, हथकरघा व कृषि आधारित कार्यों पर जोर देने की आवश्यकता है। आपके पड़ोसी जिला पलवल में श्री विश्वकर्मा विश्वविद्यालय देश का ऐसा अनूठा विश्वविद्यालय है जो ‘लोकल फार वोकल‘ के आधार पर प्रशिक्षण कार्यक्रमों को लागू कर देश में अपनी पहचान कायम कर रहा है। भाग्यशाली है हरियाणा के युवा जिन्हें केन्द्र सरकार द्वारा 1000 करोड़ खर्च करके इस कौशल विश्वविद्यालय मिला है।
मैं इस दीक्षांत समारोह में पधारे सभी उपाधि प्राप्तकर्ताओं, मैडल प्राप्त करने वाले छात्रों के साथ-साथ पूरे विश्वविद्यालय परिवार को हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं देता हॅू । मैं आशा करता हूं कि भारत में कौशलता, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी शिक्षा व उद्यमिता के क्षेत्र में वास्तविक लक्ष्यों को प्राप्त करने में आप सभी का निरंतर सहयोग मिलता रहेगा।

कार्यक्रम में मौजूद गणमान्य व्यक्तियों द्वारा दीक्षांत समारोह संस्मरण का विमोचन किया गया।
प्रो. (डॉ.) महेश वर्मा, कुलपति, गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय; रंजन कुमार महापात्रा, निदेशक (एचआर) इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड; रंजन सोढ़ी, डबल ट्रैप शूटर, राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार विजेता, अर्जुन पुरस्कार प्राप्तकर्ता; विजय देव, मुख्य सचिव, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, भारत सरकार और विक्रम टंडन, समूह मुख्य मानव संसाधन अधिकारी, अदानी समूह और अतुल कोठारी, राष्ट्रीय सचिव शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास को विद्यावाचस्पति की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया।
डॉ. संजय श्रीवास्तव ने विश्वविद्यालय की वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की। उन्होंने, स्नातक करने वाले छात्रों को बधाई दी और कहा, हमारी संस्था के इस रजत जयंती वर्ष ने कई पुरस्कार और मान्यताएं प्राप्त की हैं, जो एमआरआईआईआरएस को शीर्ष पर रखते हैं। उन्होंने कहा, दीक्षांत दिवस पर, सम्मानित गणमान्य व्यक्तियों कि उपस्थिति हमारे छात्रों को उनकी डिग्री प्राप्त करने और उनके जीवन को प्रेरित करती हैं।
कार्यक्रम में मानव रचना की मुख्य संरक्षक सत्य भल्ला, मुख्य संरक्षक, डॉ. प्रशांत भल्ला, अध्यक्ष, MREI; डॉ अमित भल्ला, वीपी, MREI; डॉ. संजय श्रीवास्तव, वीसी, एमआरआईआईआरएस; डॉ नरेश ग्रोवर व अ