पिछले 50 वर्षों से परिषद बाल कल्याण के क्षेत्र में कर रही सराहनीय कार्य-प्रवीण अत्री
प्रदेश के हर बच्चे के हुनर को उड़ान देना ही परिषद का उद्देश्य-अत्री
हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद ने प्रदेश भर के बच्चों को प्रतिभा निखारने के लिए उपलब्ध करवाया विश्व स्तरीय प्लेटफॉर्म-अत्री
परिषद ने बाल कल्याण के क्षेत्र में पूरे किए 50 वर्ष, स्वर्ण जयंती वर्ष में बढ़ाएंगे बाल कल्याण कार्यक्रम व गतिविधियां
कोरोना काल में परिषद ने निभाया मानवता धर्म
चंडीगढ़
हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद ने बाल कल्याण के क्षेत्र में 1971 से अब तक 50 वर्ष का सुनहरा सफर तय किया है। परिषद इस वर्ष को स्वर्ण जयंती वर्ष के रूप में मना रही है। उक्त अभिव्यक्ति परिषद के मानद महासचिव श्री प्रवीण अत्री ने पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए दी। उन्होंने कहा कि स्वर्ण जयंती वर्ष में बाल कल्याण की गतिविधियों, कार्यक्रमों को बढ़ावा देना मुख्य प्राथमिकता रहेगी। लंबे समय से कोरोना महामारी ने सभी को घेर रखा था। जिस कारण बाल कल्याण से जुड़ी गतिविधियां में कार्यक्रम ऑनलाइन माध्यम के द्वारा करवाए जा रहे थे लेकिन अब लंबे अंतराल के बाद बाल महोत्सव कार्यक्रम ऑफलाइन रूप से आयोजित करवाए जा रहे हैं। प्रदेश भर में आयोजित जिला स्तरीय कार्यक्रमों में एक लाख से अधिक प्रतिभागियों ने 19 प्रतियोगिताओं में भाग लिया। जिला स्तरीय प्रतियोगिताओं में विजेता प्रतिभागियों ने मंडल स्तरीय प्रतियोगिताओं में भाग लिया और अब परिषद जल्द राज्य स्तरीय बाल महोत्सव का आयोजन कर रही है। जिसके माध्यम से बच्चों के सपनों को उड़ान मिलेगी और उनके हुनर को नई पहचान मिल सकेगी। परिषद प्रदेश के हर जरूरतमंद बच्चे तक बाल कल्याण की योजनाओं और कार्यक्रमों का लाभ पहुंचाना चाहती है। उन्होंने कहा कि दीपावली के अवसर पर प्रदेश भर के बच्चों के माध्यम से लोकल फॉर वोकल और स्वदेशी का संदेश दिया जा रहा है। जरूरतमंद एवं गरीब बच्चों को कौशल को परिषद द्वारा बढ़ावा देने का कार्य किया जा रहा है। परिषद अब तक 55 हजार से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से नशा मुक्त करवा चुकी है। उन्होंने कहा कि समाधान से पहले समस्या को समझना होगा, तभी समस्या को जड़ से उखाड़ फेंका जा सकता है। प्रदेश को भीख मुक्त और नशा मुक्त बनाने को लेकर सकारात्मक दिशा में कार्य किया जा रहा है। प्रदेश भर में कई योजनाओं को लेकर रोडमैप तैयार कर लिया गया है और उन्हें जल्द जमीनी स्तर पर अमलीजामा पहनाया जाएगा। अत्री ने कहा कि बच्चों के सपनों को पंख लगाना परिषद का मुख्य उद्देश्य है और उसके लिए प्रदेश के सभी बच्चों को हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद बड़ा प्लेटफार्म उपलब्ध करवा रही है। कोरोना काल में बच्चों को लगातार ऑनलाइन काउंसिलिंग के माध्यम से परामर्श दिया गया और प्रदेश भर में 121 काउंसलिंग केंद्र स्थापित किए गए ताकि बच्चे अकेलापन न महसूस करें व सकारात्मक रहें। कोरोना काल में परिषद द्वारा प्रदेश भर में जिला बाल कल्याण परिषदों के माध्यम से 10 लाख सेफ्टी किट का वितरण जरूरतमंदों में किया गया। उन्होंने कहा कि परिषद को वित्तीय रूप से मजबूत बनाना भी उनकी प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि बाल कल्याण से ही समाज कल्याण और समाज कल्याण से ही देश कल्याण संभव है। वे लगातार बाल कल्याण को लेकर कई योजनाओं पर कार्य कर रहे हैं और इसमें उन्हें सरकार का हर संभव सहयोग भी मिल रहा है। मानद महासचिव प्रवीण अत्री ने कहा कि राज्यपाल एवं हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद के प्रधान श्री बंडारू दत्तात्रेय व मुख्यमंत्री व उपप्रधान परिषद श्री मनोहर लाल के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में परिषद प्रदेशभर के बच्चों के लिए बाल कल्याण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बढ़ा रही है। उन्होंने कहा कि बच्चे साक्षात ईश्वर का रूप होते हैं और उन्हें बच्चों के कल्याण की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिली है। वह बाल कल्याण को ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद भविष्य में भी परिषद की गतिविधियों और कार्यों को लेकर पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य करती रहेगी। अत्री ने सभी प्रदेशवासियों और बच्चों को दीपावली के शुभ पर्व की शुभकामनाएं दी।