Chandigarh Today

Dear Friends, Chandigarh Today launches new logo animation for its web identity. Please view, LIKE and share. Best Regards http://chandigarhtoday.org

Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020

पटाखों पर लगाए गए पूर्ण प्रतिबंध के फैसले पर पुनर्विचार कर सर्वोच्च न्यायालय की नवीनतम टिप्पणी के आधार पर आंशिक प्रतिबंध करके जो पटाखे प्रतिबंधित नही है उनकी बिक्री व चलाये जाने की मंजूरी दिए जाने की मांग की है।

0
275

उद्योग व्यापार मंडल चंडीगढ़ के अध्यक्ष कैलाश चंद जैन ने प्रशासक श्री बनवारी लाल पुरोहित को ज्ञापन भेज चंडीगढ़ में पटाखों पर लगाए गए पूर्ण प्रतिबंध के फैसले पर पुनर्विचार कर सर्वोच्च न्यायालय की नवीनतम टिप्पणी के आधार पर आंशिक प्रतिबंध करके जो पटाखे प्रतिबंधित नही है उनकी बिक्री व चलाये जाने की मंजूरी दिए जाने की मांग की है।
प्रशासक को भेजें ज्ञापन में कैलाश चंद जैन ने कहा है कि दिवाली व अन्य तीज त्योहारों पर पटाखे चलाना हिंदू संस्कृति का हिस्सा है और देश भर में लाखों कारीगर व कारोबारी इस धंधे से जुड़े हुए हैं । माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने भी सपष्ट किया है कि सभी तरह के पटाखों पर प्रतिबंध नहीं है। इसलिए जिन पटाखों पर प्रतिबंध नहीं उनको चलाने की इजाजत दी जानी चाहिए। केवल प्रतिबंधित रसायन के प्रयोग से बनने वाले पटाखों को प्रतिबंधित किया जाना चाहिए। प्रशासन इस बारे कैटेगराइज़ करके लिस्ट जारी करे तथा न्यूनतम प्रदूषण फलाने वाले पटाखों को चलाने व बिक्री की इजाजत दे। इससे प्रदूषण पर रोक भी लगेगी , न्यायालय के आदेशों का पालन भी होगा और त्योहार भी फीका नही रहेगा तथा इस कारोबार से जुड़े लाखो कर्मचारियों व दुकानदारों का नुकसान भी नही होगा ।
कैलाश जैन का कहना है कि बेशक यह सत्य है कि प्रदूषण से अपने शहर की रक्षा करना हमारा कर्तव्य है लेकिन प्रदूषण हर तरह के पटाखों से ही नहीं फैलता कुछ विशेष प्रकार के पटाखों से ज्यादा फैलता है जिन पर रोक लगाई जा सकती है ।
उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान में ही नहीं पूरे विश्व में खुशी जाहिर करने का माध्यम है पटाखे चलाना । इसके अलावा पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश में पटाखों पर बैन नहीं है। ट्राइसिटी के तहत ही पंचकूला व मोहाली में पटाखों पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया है।
कैलाश जैन ने प्रशासक से आग्रह किया है कि सर्वोच्च न्यायालय के स्पस्टीकरण के अनुसार केवल प्रतिबंधित रसायन के प्रयोग से बनने वाले पटाखों पर ही बैन लगाया जाना चाहिए, अन्य आम पटाखों को चलाने व बिक्री की मंजूरी दी जानी चाहिए।