सिंघु बॉर्डर पर कत्ल किए गए लखबीर को इंसाफ के लिए बीएस4 करेगी हाईवे जाम
युवा शक्ति दल बीएस4 के राष्ट्रीय अध्यक्ष गौतम ने कहा, लखबीर के परिवार को भी लखीमपुर खीरी पीड़ितों की तरह मिले मुआवजा
चंडीगढ़, 19 अक्टूबर
बहुजन समाज से जुड़े संगठन युवा शक्ति दल बीएस4 द्वारा सिंघु बॉर्डर पर हुए हत्याकांड में मारे गए लखबीर सिंह के लिए इंसाफ की मांग की गई है। संगठन नेताओं का कहना है कि पंजाब से सैकड़ों किलोमीटर दूर लखीमपुर खीरी में हुए घटनाक्रम के दौरान तुरंत पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी व अन्य नेता पहुंचे और पीड़ित परिवारों को मुआवजे का एलान किया, जबकि सिंघु बॉर्डर पर किसान आंदोलन में अंग काट काट कर मारे गए पंजाब के दलित युवक लखबीर सिंह के परिवार के लिए कुछ नहीं किया गया है।
संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष रवि गौतम ने मांग की है कि लखबीर सिंह के परिवार को 1 करोड़ रूपए मुआवजा और उसके परिवार के पालन पोषण के मद्देनजर सरकारी नौकरी भी दी जाए। इसके साथ ही लखबीर के परिवार को शहर में मकान भी दिया जाए। संगठन द्वारा बुधवार को पंजाब और हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर हाईवे पर धरना प्रदर्शन किया जाएगा और जाम लगाया जाएगा ताकि इंसाफ की आवाज पंजाब और हरियाणा दोनों सरकारों तक पहुंचाई जा सके। चंडीगढ़ प्रेस क्लब में पत्रकार वार्ता के दौरान संगठन के पंजाब अध्यक्ष विकी परोचा ने कहा के जिस तरीके से लखबीर सिंह की हत्या की गई है वह बहुत ही दुखद घटना है और पंजाब गाँव में आज दलितों का सोशल बॉकाट करते है। एस॰सी समाज के ख़िलाफ़ गाँव में मते डाले जाती है ।इससे ऐसा भी आभास हुआ है के देश के अन्य राज्यों की तरह पंजाब में भी दलित समुदाय के साथ अत्याचार वाला व्यवहार अभी भी जारी है। पोरचा ने कहा कि कभी पंचायतों द्वारा प्रस्ताव पारित करके दलित मजदूरों की मजदूरी जबरदस्ती तैय की जाती है।
संगठन के राष्ट्रीय प्रधान रवि गौतम ने कहा कि यह बड़ी हैरानी की बात है के किसान आंदोलन के नेताओं द्वारा पहले तो पूरे भारत वर्ष से किसान और मजदूरों को आंदोलन में शामिल होने के लिए बुलाया गया था लेकिन आंदोलन स्थल पर लखबीर सिंह की हत्या होने के बाद उन्ही किसान संगठनों और किसान नेताओं ने ना सिर्फ लखबीर सिंह से बल्कि लखबीर सिंह के कातिलों से भी पल्ला झाड़ लिया। यह सही व्यवहार नहीं है।
गौतम ने किसान आंदोलन में शामिल दलित समुदाय के सभी लोगों से आह्वान किया कि इस घटना से यह स्पष्ट होने के बाद कि किसान नेता किसी भी तरीके से दलितों मजदूरों के द्वारा दिए जा रहे योगदान को मान्यता नहीं देते हैं, इसलिए दलित समुदाय से जुड़े सभी लोग आंदोलन से वापस अपने घरों को लौट आएं। गौतम ने कहा कि इसके बाद देखा जाएगा कि आंदोलन को किसान संगठन अपने दम पर कितनी देर चलाते हैं। गौतम ने कहा कि लखबीर सिंह की हत्या के बाद से ही किसान आंदोलन से अपने आप दलित समुदाय से जुड़े लोग लौटना शुरू हो चुके हैं और यही कारण है कि आंदोलन स्थल पर 60_70 लोग ही बचे हैं।
संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष रवि गौतम ने कहा के अगर 3 दिन के अंदर पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी या किसान आंदोलन की जिथेबंदियों में से कोई नेता लखवीर सिंह के परिवार से मुलाकात करने ना पहुंचा तो उनका संगठन अपने संघर्ष को और तीखा करेगा।
इस मौके पर उनके साथ विक्की पोर्चा, राष्ट्रीय अध्यक्ष भगवान वाल्मीकि बीएस4, माझा इंचार्ज सतनाम सिंह, सरबजीत सिंह रॉकी, परवीन कुमार एवम बिल्लू वाल्मीकि भी मौजूद रहे।