अन-अर्नड प्रॉफिट के मुद्दे पर एडवाइजर से मिले सोसायटीज के रेजिडेंट्स, कहा-हमें किस बात की सजा मिल रही है…
– ग्रुप हाउसिंग कॉपरेटिव सोसायटीज वेलफेयर काउंसिल के पदाधिकारियों ने एडवाइजर को बताई अपनी समस्याएं
चंडीगढ़। सेक्टर-48 से 51 की सोसायटीज में रह रहे लोग काफी समय से अन-अर्नड प्रॉफिट के नियम को हटाने की मांग कर रहे हैं। प्रशासन की ओर से फ्लैट ट्रांसफर करने पर लोगों से लाखों रुपए अन-अर्नड प्रॉफिट वसूला जा रहा है। इस मुद्दे पर सोमवार को ग्रुप हाउसिंग कॉपरेटिव सोसायटीज वेलफेयर काउंसिल के पदाधिकारियों ने एडवाइजर धर्मपाल से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने एडवाइजर से सोसायटीज में रह रहे लोगों की कई अन्य समस्याओं पर भी चर्चा की। एडवाइजर ने उन्हें आश्वासन दिया कि वे उनकी इस मांग पर संबंधित अधिकारियों से बात करेंगे। इस मौके पर काउंसिल के चीफ एडवाइजर संदीप भारद्वाज, जनरल सेक्रेटरी प्रदीप कुमार, वाइस प्रेसिडेंट मंजीत सिंह, सरगोधा सोसायटी के प्रेसिडेंट बेअंत सिंह, पिंक रोज सोसायटी के प्रेसिडेंट करतार सिंह भी उपस्थित थे।
संदीप भारद्वाज ने कहा कि चंडीगढ़ में सेक्टर-48 से 51 तक 108 ग्रुप हाउसिंग सोसाइटीज हैं। वहां लगभग 13 हजार परिवार रहते हैं। उन्होंने कहा पिछले साल चंडीगढ़ ने हाउसिंग सोसायटीज की ट्रांसफर के लिए नई पॉलिसी लागू की जिसके तहत लोगों से लाखों रुपए अन-अर्नड प्रॉफिट वसूला जा रहा है। अगर कोई फ्लैट ट्रांसफर होता है तो उस पर 9 से 13 लाख रुपए अन-अर्नड प्रॉफिट चुकाना पड़ रहा है। भारद्वाज ने कहा कि प्रशासन की ये पॉलिसी सोसायटी रेजिडेंट्स के लिए सजा के बराबर है।
भारद्वाज ने कहा कि सोसायटीज के लोग हाउस टैक्स, रोड टैक्स और अन्य टैक्स भी दे रहे हैं, ऊपर से उन्हें पानी के बिल पर कमर्शियल चार्जेस लगाए जा रहे हैं तो उनसे अन-अर्नड प्रॉफिट क्यों लिया जा रहा है। जबकि शहर की बाकी प्रॉपर्टीज पर ऐसी पॉलिसी नहीं है। उन्होंने कहा कि सोसायटीज की सड़कों का भी बुरा हाल है। सेक्टर-49 और 50 में डिस्पेंसरीज हैं लेकिन वहां लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिल रही हैं। इसके अलावा उन्होंने एरिया में आवारा पशुओं की समस्या के बारे में भी बताया।
संदीप भारद्वाज ने कहा कि चंडीगढ़ में सेक्टर-48 से 51 तक 108 ग्रुप हाउसिंग सोसाइटीज हैं। वहां लगभग 13 हजार परिवार रहते हैं। उन्होंने कहा पिछले साल चंडीगढ़ ने हाउसिंग सोसायटीज की ट्रांसफर के लिए नई पॉलिसी लागू की जिसके तहत लोगों से लाखों रुपए अन-अर्नड प्रॉफिट वसूला जा रहा है। अगर कोई फ्लैट ट्रांसफर होता है तो उस पर 9 से 13 लाख रुपए अन-अर्नड प्रॉफिट चुकाना पड़ रहा है। भारद्वाज ने कहा कि प्रशासन की ये पॉलिसी सोसायटी रेजिडेंट्स के लिए सजा के बराबर है।
भारद्वाज ने कहा कि सोसायटीज के लोग हाउस टैक्स, रोड टैक्स और अन्य टैक्स भी दे रहे हैं, ऊपर से उन्हें पानी के बिल पर कमर्शियल चार्जेस लगाए जा रहे हैं तो उनसे अन-अर्नड प्रॉफिट क्यों लिया जा रहा है। जबकि शहर की बाकी प्रॉपर्टीज पर ऐसी पॉलिसी नहीं है। उन्होंने कहा कि सोसायटीज की सड़कों का भी बुरा हाल है। सेक्टर-49 और 50 में डिस्पेंसरीज हैं लेकिन वहां लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिल रही हैं। इसके अलावा उन्होंने एरिया में आवारा पशुओं की समस्या के बारे में भी बताया।