चण्डीगढ़ 12 अक्तूबर – हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि डा. राममनोहर लोहिया के सामाजिक और आर्थिक समानता सम्बन्धी विचार आज भी प्रासंगिक हैं। इन्हीं विचारों को आगे बढ़ाते हुए केन्द्र व राज्य सरकार सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास सिद्धान्त पर कार्य कर रही है। श्री दत्तात्रेय ने मंगलवार को राजभवन में डा. राममनोहर लोहिया जी की 54वीं पुण्यतिथि के मौके पर उनकी मूर्ति पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। उन्होंने डा. लोहिया जी की मूर्ति पर तिलक लगाकर माल्यार्पण किया और नमन किया। इस अवसर पर सचिव राज्यपाल श्री अतुल द्विवेदी, ए.डी.सी. जसदीप सिंह व अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
राज्यपाल श्री दत्तात्रेय ने कहा कि डा. राममनोहर लोहिया एक सच्चे देशभगत थे तथा वे वास्तविक मानवीय समाजवाद के पक्षधर थे। उन्होंने जीवनपर्यन्त गरीबों, वंचितों व पिछड़ों के सामाजिक जीवन को उंचा उठाने के लिए कार्य किया। देश की आजादी में डा. लोहिया का अतुलनीय योगदान रहा है। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद उन्होंने लोकतंत्र की रक्षा के लिए एक योद्धा के रूप में कार्य किया।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में भी लोहिया जी के विचारों की प्रासंगिकता को मद्देनजर रखते हुए केन्द्र सरकार ने समाज में आर्थिक समानता के लिए कई प्रकार की योजनाएं शुरू की है। जिनसे गरीब व अतिंम पंक्ति में खड़े अंतिम व्यक्ति को लाभ हुआ है। देश में सफाई कर्मियों के पुनर्वास की योजना, दिव्यांगों और अनुसूचित जाति के विकास के लिए योजनाएं शुरू की गई हैं।
श्री दत्तात्रेय ने आममन से अपील की है कि हम सब गरीबों, वंचितों व पिछड़ों की हर सम्भव सहायता के लिए कार्य करें और राष्ट्र निर्माण के लिए कार्य करते हुए देश के समग्र विकास में महत्वपूर्ण योगदान दें। यही राममनोहर लोहिया जी को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
कैप्शन-1 हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय मंगलवार को राजभवन में डा. राममनोहर लोहिया जी की 54वीं पुण्यतिथि के अवसर पर उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए।
चण्डीगढ़ 12 अक्तूबर – हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग एक सक्षम, जवाबदेह और आधिकारिक संस्था है, जो मानव अधिकारों के लिए प्रतिबद्ध है।
श्री दत्तात्रेय ने राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग स्थापना दिवस के अवसर पर सोशल मीडिया पर किए गए टवीट् सन्देश में आमजन से अपील की है कि वे समानता, न्याय, स्वतंत्रता के रास्ते पर चलकर अपने अधिकारों का संरक्षण करे और दूसरे व्यक्ति के अधिकारों में बाधा न पहुंचाए। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग स्थापना के 28 वर्ष के कार्यकाल में मानव अधिकारों की सुरक्षा व संवर्धन को बखुबी निभाया है। उन्होंने कहा कि आयोग द्वारा नागरिक समिति मीडिया, संबंधित नागरिकों या विशेषज्ञ सलाहकारों द्वारा सूचित मानव अधिकारों से जुड़े महत्त्वपूर्ण विषयों को उठाया। उन्होंने कहा कि आयोग अपने क्षेत्राधिकार के अन्तर्गत विभिन्न कार्यों को पूरा करने के लिए आयोग निरन्तर स्वास्थ्य, भोजन, शिक्षा से संबंधित अधिकारों, अनुसूचित जाति एवं जनजाति समुदायों से संबंधित व्यक्तियों के अधिकारों के संबंध में कार्य करने के साथ-साथ अन्य कमजोर वर्गों जैसे महिलाएं, बच्चे, अशक्त एवं वृद्ध व्यक्तियों के अधिकारों, मानव अधिकार शिक्षा एवं प्रशिक्षण तथा जागरुकता फैला रहा है।