चण्डीगढ़ 28 सितम्बर – हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने कहा है श्रीमद्भगवद्गीता एक पवित्र ग्रंथ है, जो हमें समानता, न्याय, बंधुत्व और स्वतंत्रता के लक्ष्य को प्राप्त करने और मानवता को उल्लासित रखने और स्वयं को दमन और भेदभाव के चंगुल से मुक्त करने की शिक्षा देती है। श्री दत्तात्रेय मंगलवार को चैधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय जीन्द और भारतीय शिक्षणमण्डल द्वारा संयुक्त रूप से ‘‘श्रीमद्भगवद्गीता में नैतिकता और दर्शन- मानवीय जीवन की चुनौतियों के लिए विषहर औषधि’’ नामक विषय पर आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन को वर्चूअल रूप से सम्बोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि सुखी एवं समावेशी जीवन ही हमारा लक्ष्य है इसी लक्ष्य को हासिल करने के लिए श्रीमद्भगवद्गीता मानवता की मार्गदर्शक और शिक्षक श्रीमद्भगवद्गीता ग्रन्थ मानवमात्र के लिये प्रेरणादायक और मनुष्य को हर कठिन परिस्थिति से बाहर निकालने की एक राम-बाण औषधि है। गीता मनुष्य को जीवन जीने की कला सिखाती है। इसलिए गीता के उपदेश को मानवीय जीवन की कठिनाइयों के लिए एक विषहर औषधि माना जाता है और यह विश्वव्यापी सत्य भी है।
श्री दत्तात्रेय ने कहा कि श्रीमद्भगवद्गीता मनुष्य के जीवन में आने वाली हर कठिनाई और बाधा का डटकर मुकाबला करने के लिए तैयार करती है। मनुष्य के जीवन में आत्मविश्वास का निर्माण करती है। उन्होंने कहा कि गीता की शुरुआत ‘धर्म’ शब्द से होती है-धर्मक्षेत्रे कुरुक्षेत्रे समवेता युयुत्सवः। यहां धर्म शब्द किसी सम्प्रदाय या त्मसपहपवद का वाचक नहीं है, अपितु यहाँ धर्म शब्द का अर्थ कर्तव्य, न्यायपूर्ण कर्म, नैतिक मूल्य और सामाजिक व्यवस्था, बेहतर जीवन प्रबंधन है। गीता के 700 श्लोक जीवन के 700 सूत्र प्रतिपादित करते हैं। सच यह है कि गीता मानव जीवन की समस्याओं के समाधान व मानव प्रबन्धन का सबसे उत्तम मार्ग दर्शन है।
उन्होंने कहा कि गीता का सन्देश विश्व के लोग समझ लें तो सारे झगड़े ही मिट जाएं, सारी समस्याएं ही खत्म हो जाएं और सारा संसार एक वसुधैव कुटुम्बकम में बदल जाएगा। गीता के इसी अमर सन्देश के आगे सारा संसार युगों-युगों से नतमस्तक है। गीता सारे विश्व को समता और ममता का पाठ पढ़ाती है।
उन्होंने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर गीता से सम्बन्धित कार्यक्रम व सम्मेलन युवाओं को राष्ट्र निर्माण और मानवता की रक्षा में रचनात्मक योगदान के लिए प्रेरित करेंगे। उन्होंने युवाओं व विद्यार्थियों से अपील की कि सभी गीता का अध्ययन करें तो जीवन में किसी भी कठिनाई का मुकाबलों करने के लिए तैयार होंगे।
इस सम्मेलन को गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद जी, चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय जीन्द के कुलपति प्रो0 सोमनाथ सचदेवा, श्री शंकरानंद जी सह संगठन मंत्री भारतीय शिक्षण मण्डल, प्रान्त मंत्री श्री सुनील शर्मा व अन्य विदों व विद्वानों ने सम्मेलन में विचार रखे।
कैप्शन-1- हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय जीन्द और भारतीय शिक्षण मण्डल द्वारा संयुक्त रूप से ‘‘श्रीमद्भगवद्गीता में नैतिकता और दर्शन- मानवीय जीवन की चुनौतियों के लिए विषहर औषधि’’ नामक विषय पर आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन को वर्चुअल रूप से सम्बोधित करते हुए।
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Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020