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Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020

शिक्षण संस्थान अपने संस्थानों में गरीब, पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति व वंचित परिवारों के बच्चों को सरकारी नियमों के अनुसार शिक्षा सुविधाएं उपलब्ध करवाएं।

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चण्डीगढ़ 11 अगस्तः- हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि सभी निजी क्षेत्र के शिक्षण संस्थान अपने संस्थानों में गरीब, पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति व वंचित परिवारों के बच्चों को सरकारी नियमों के अनुसार शिक्षा सुविधाएं उपलब्ध करवाएं। ये बात उन्होंने शनिवार को चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में आयोजित ‘‘फैप स्टेट अवार्ड-2021‘‘ कार्यक्रम में बोलते हुए कही। इस कार्यक्रम में उन्होंने ‘‘फैडरेशन आफ प्राईवेट स्कूल एंड एसोसिएशन आफ पंजाब स्टेट अवार्ड-2021‘‘ से जुड़ी शिक्षण संस्थाओं और शिक्षकों को सम्मानित किया।
उन्होंने कहा कि शिक्षक दिवस के उपलक्ष में आयोजित इस सम्मान समारोह में आज शिक्षकों को सम्मानित किया जा रहा है। यह सम्मान समारोह शिक्षकों को आत्मनिरीक्षण एवं स्वयं की समीक्षा करने का भी अवसर प्रदान करता है। शिक्षक पूरी प्रतिबद्धता व जवाबदेही के साथ कार्य करते हैं तो सम्मान और अधिक बढ़ जाता है।
उन्होंने कहा कि शिक्षक निस्वार्थ व समाज सेवा की भावना से युवा पीढ़ी को शिक्षा प्रदान करें। आज पूरा देश व समाज शिक्षक वर्ग की तरफ देख रहा है। निश्चित रूप से आपके इस महत्ती योगदान से देश व समाज तरक्की करेगा। देश में इसी वर्ष राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 लागू की गई है। इस नीति को देश में प्रभावी रूप से लागू करने के लिए सरकारी व निजी क्षेत्र के शिक्षकों, विश्वविद्यालयों और शिक्षण संस्थानों की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। इस ऐसोसिएशन से 6500 से भी अधिक शिक्षण संस्थाएं जुड़ी हुई हैं। इसलिए आपसे राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन में और अधिक योगदान की अपेक्षा रहेगी। नई शिक्षा नीति जहां युवाओं के लिए रोजगार के नए द्वार खोलेगी, वहीं वर्तमान मांग के अनुसार उच्च गुणवत्ता के शिक्षक तैयार करने में कारगर होगी।
श्री दत्तात्रेय ने कहा कि शिक्षा नीति के तहत अनुसंधान व रिसर्च के आधार पर नए रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रम लागू किए जाने चाहिए। इसलिए मेरा विश्वविद्यालय प्रशासन से आग्रह है कि रिसर्च व शोध के कार्य केवल प्रयोगशाला तक न सीमित रहें बल्कि शोध कार्यों का प्रयोग मानव और समाज कल्याण के लिए होना चाहिए। इस अवसर पर चण्डीगढ़ यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति श्री सरदार सतनाम सिंह संधू जी, डा0 जगजीत सिंह धूरी जी, प्रेजिडेंट, प्रो0 आर.एस. बावा जी, प्रो चांसलर तथा प्रो0 एच.बी. राघवेन्द्रा, कुलपति सहित अन्य संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित थे।