निगमायुक्त के आश्वासन के बाद कर्मचारियों का धरना प्रदर्शन हुआ स्थगित
– निगमायुक्त मुकेश कुमार आहुजा तथा धरनारत यूनियन के प्रतिनिधियों के बीच हुई तीन दौर की वार्ता के बाद लिया गया प्रदर्शन को स्थगित करने का निर्णय
– कर्मचारियों की मांगों के समाधान के लिए बुधवार तक का दिया गया समय
गुरूग्राम, 10 सितम्बर। नगर निगम गुरूग्राम के आयुक्त मुकेश कुमार आहुजा के आश्वासन के बाद नगर निगम गुरूग्राम के कार्यालय प्रांगण में चल रहा कर्मचारियों का धरना-प्रदर्शन स्थगित कर दिया गया है। निगमायुक्त ने धरना स्थल पर जाकर बुधवार शाम तक उनकी मांगों का समाधान करने का आश्वासन दिया है।
शुक्रवार को निगमायुक्त तथा कर्मचारी यूनियनों के प्रतिनिधियों के बीच तीन दौर की वार्ता हुई तथा निगमायुक्त के आश्वासन के बाद कर्मचारियों ने धरना प्रदर्शन को स्थगित करने का निर्णय लिया। धरना स्थल पर जाकर निगमायुक्त ने सबसे पहले सभी कर्मचारियों को गणेश चतुर्थी की शुभकामनाएं दी तथा बुधवार शाम तक कर्मचारियों की मांगों का समाधान करने का आश्वासन दिया।
इससे पूर्व चली तीन दौर की वार्ता में नगर निगम गुरूग्राम के आयुक्त मुकेश कुमार आहुजा ने कहा कि नगर निगम का दायित्व आमजन को सुविधाएं मुहैया करवाना है तथा हमारा यही प्रयास होना चाहिए कि नागरिकों को किसी भी प्रकार की असुविधा ना हो। उन्होंने एसोसिएशनों के प्रतिनिधियों का पक्ष जाना। निगमायुक्त ने कहा कि उन्होंने वीरवार को ही आदेश जारी कर दिए हंैं कि नगर निगम गुरूग्राम की बैठकों में हरियाणा नगर निगम अधिनियम-1994 के प्रावधानों के अनुसार सदस्यों की सहभागिता होनी चाहिए। इसके साथ ही अधिकारियों एवं कर्मचारियों से भी कहा गया है कि वे कार्यालयों में मर्यादा बनाए रखें तथा जनप्रतिनिधियों को पूरा मान-सम्मान दें। उन्होंने कहा कि सभी एक परिवार की तरह साथ मिलकर कार्य करें।
निगमायुक्त ने कहा कि यूनियनों के प्रतिनिधि अपना पक्ष लिखित में उन्हें दें। इसके साथ ही बैठक में मौजूद निगम पार्षदों से भी अनुरोध किया कि वे भी अपना पक्ष लिखित में दें। इसे वे अपने कमेंट के साथ सरकार को भेजेंगे। निगमायुक्त ने जनहित को ध्यान में रखते हुए कार्यों को सुचारू रखनेे बारे भी बैठक में बात कही।
बैठक में निगम पार्षद अश्विनी शर्मा, अनूप सिंह एवं अश्विनी शर्मा ने कहा कि नगर निगम गुरूग्राम एक परिवार है तथा परिवार के सभी सदस्यों को साथ मिलकर शहर के विकास में अपनी भूमिका अदा करनी है। किसी भी सदस्य को एक-दूसरे के खिलाफ अमर्यादित भाषा का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।