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Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020

हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने कहा है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020, शिक्षा में गुणवत्ता सुधार के साथ-साथ सर्वांगीण विकास में सहायक सिद्ध होगी।

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  चंडीगढ़, 09 सितंबर। हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने कहा है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020, शिक्षा में गुणवत्ता सुधार के साथ-साथ सर्वांगीण विकास में सहायक सिद्ध होगी। राज्यपाल आज यहां हरियाणा राजभवन में प्रदेशभर के निजी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों एवं कुलसचिवों की एक दिवसीय कार्यशाला के उद्घाटन सत्र को संबोधित रहे थे। इस अवसर पर हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल, शिक्षा मंत्री श्री कंवरपाल और हरियाणा उच्च शिक्षा परिषद के चेयरमैन प्रोफेसर बीके कुठियाला भी उपस्थित रहे।
राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि राष्ट्र निर्माण में शिक्षाविदों की अहम भूमिका है। उन्होंने कार्यशाला में उपस्थित शिक्षाविदों का आह्वान किया कि वे शिक्षा में गुणवत्ता सुधार के लिए काम करें। शिक्षा ही सर्वांगीण विकास का माध्यम है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 दूरदर्शी सोच के तहत तैयार की गई है। इस नीति से आत्मनिर्भर भारत का लक्ष्य साकार होगा और उस लक्ष्य की प्राप्ति में शिक्षण संस्थानों की अहम भूमिका होगी। नई शिक्षा नीति में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में अनुसंधान और विकास पर जोर दिया गया है। निजी क्षेत्र के शिक्षण संस्थान भी इस संबंध में अपना योगदान दें।
हरियाणा सरकार कर रही शिक्षा के क्षेत्र में बेहतरीन काम
राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि युवाओं को वर्तमान और भविष्य के लिए तैयार करने के लिए शिक्षा नीति 2020 लागू की गई है। यह हर्ष का विषय है कि हरियाणा सरकार इस नीति को 2025 तक पूरी तरह लागू कर देगी। 2025 तक शिक्षा नीति को लागू करने वाला हरियाणा पहला प्रदेश होगा। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्ता सुधार के लिए बेहतरीन कार्य कर रही है। शिक्षा को रोजगारोन्मुख बनाने के लिए तकनीकी शिक्षा के साथ-साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस शिक्षा पर भी जोर दिया जा रहा है।
शिक्षा से ही मिटेगी गरीबी
राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि शिक्षा से ही गरीबी मिटाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि संस्थानों की कमी के कारण बहुत से ओबीसी, एससी, एसटी और अल्पसंख्यक समाज के गरीब परिवारों के विद्यार्थी निजी क्षेत्र के संस्थानों में पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि छात्रवृति आदि अनेक प्रावधान इन वर्गों के लिए हैं लेकिन अभी भी इन वंचित वर्गों के लिए बहुत कुछ करने की जरुरत है। उन्होंने कार्यशाला में उपस्थित शिक्षाविदों से आह्वान किया कि निजी विश्वविद्यालयों को न केवल ऐसे गरीब छात्रों को दाखिला देना चाहिए बल्कि उनके समग्र विकास के लिए भी प्रयास करना चाहिए।
राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि सभी निजी संस्थान नई एजुकेशन पॉलिसी को अच्छे तरीके से लागू करें। यह शिक्षा नीति भविष्य का रोड मैप है जो देश को एक नई दशा और दिशा देगी।