सिक्ख संगत भाईचारे ने अफगानिस्तान से श्री गुरु ग्रंथ साहब के स्वरूपों को सम्मान पूर्वक भारत लाने के लिए अरुण सूद के माध्यम से प्रधानमंत्री का किया धन्यवाद
प्रधान मंत्री व भाजपा की केंद्र सरकार गुरुओ के हुक्म के अनुसार संगत भलाई के सभी काम करेंगे हमेशा सिक्ख समुदाय का सम्मान किया है —- आर.पी.सिंह
चंडीगढ़ 7 सितम्बर।
अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के उपरांत और अफरातफरी के माहौल के चलते वहां से श्री गुरु ग्रंथ साहब के तीन पवित्र स्वरूपों को विशेष विमान द्वारा सम्मान पूर्वक भारत लाकर मर्यादा के साथ गुरुद्वारा श्री काबली साहब तिलक नगर नई दिल्ली में स्थापित करवाए जाने पर चंडीगढ़ के समूह सिख भाईचारे ने भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता आरपी सिंह की उपस्थिति में प्रदेश अध्यक्ष अरुण सूद के माध्यम से प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी व केंद्र सरकार का धन्यवाद किया।
उक्त जानकारी देते हुए प्रदेश प्रवक्ता कैलाश चंद जैन ने बताया कि श्री गुरु ग्रंथ साहब के पहले प्रकाशोत्सव दिवस के पावन अवसर पर श्री गुरुद्वारा साहब पीजीआई सेक्टर 12 में कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें सिख संगत द्वारा कीर्तन दरबार सजाए गए तथा लंगर का आयोजन किया गया । इस कार्यक्रम में चंडीगढ़ के भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण सूद व भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता आरपी सिंह ने भी हाजरी लगवाई।
इस अवसर पर सिख भाईचारे द्वारा अफगानिस्तान से श्री गुरु ग्रंथ साहब के स्वरूप को सम्मान सहित भारत लाकर गुरुद्वारे में स्थापित करवाए जाने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद करने हेतु भाजपा प्रदेशाध्यक्ष अरुण सूद को प्रतीकात्मक रूप से श्री दरबार साहब के मॉडल का स्मृति चिन्ह भेंट किया जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक पहुंचाने का आग्रह किया ।
गुरुद्वारा कमेटी की तरफ से कहा गया कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने सिक्खों की भावनाओं का सम्मान करते हुए पवित्र स्वरूपों की रक्षा करके सुरक्षित और सम्मान पूर्वक भारत लाने का जो काम किया है उस के लिये सारा सिख समुदाय उनका धन्यवादी है तथा सिख समुदाय में प्रधानमंत्री के प्रति सम्मान बढ़ा है । हम प्रधानमंत्री का धन्यवाद करते हैं।
इस मौके पर बोलते हुए भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता आर.पी. सिंह ने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने हमेशा गुरूसाहबो के हुक्म पर चलते हुए काम किये है सिक्ख समुदाय को हमेशा सम्मान दिया गया है। केंद्र में भाजपा की सरकार बनने के बाद ही सिक्खों की ब्लैक लिस्ट समाप्त की गई , 1984 के दंगो के मुख्य आरोपी सज्जन कुमार को सलाखों के पीछे भेजा गया व दंगा पीड़ितों को 127 करोड़ रुपए की राशि दी गईं। इतना ही नही गुरु नानक देव जी के 550वें गुरुपर्व को दुनियाभर के सभी भारतीय दूतावासों व देशभर के सभी राजभवनों में सम्मानपूर्वक मनाया गया। गुरु की वाणी का अनुवाद हिंदुस्तान की हर भाषा में किया जा रहा है । ये सब कार्य प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार द्वारा किए जा रहे हैं जिससे यह स्पष्ट होता है की श्री नरेंद्र मोदी सिक्ख समाज का बहुत सम्मान करते हैं । उन्होंने
बताया कि भारत सरकार के विदेश मंत्रालय द्वारा विशेष मिशन के तहत इन स्वरूपों को अफगानिस्तान से विशेष विमान के द्वारा भारत लाया गया है जिन्हे अमेरिकी फौज ने एस्कॉर्ट करके काबुल एयरपोर्ट तक पहुंचाया , तत्पश्चात भारत लाया गया और भारत आने पर केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी, राष्ट्रीय महामंत्री दुष्यंत कुमार गौतम एवम स्वयं उन्होंने अपने सिर पर धारण कर इनका भारत में स्वागत किया।
प्रदेश अध्यक्ष अरुण सूद ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने हमेशा भारत वासियों की चिंता की है भारत के प्रत्येक समुदाय के बारे में उनको चिंता रहती है और यह पावन स्वरूप भारत मंगवा कर उन्होंने साबित कर दिया है कि सिख धर्म के प्रति उनकी गहरी आस्था है । अरुण सूद ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की दूरदर्शिता के चलते सी.ए.ए. के तहत अफगानिस्तान, पाकिस्तान में रह रहे अल्पसंख्यक सिक्ख , हिंदु भाईयों को नागरिकता देने की जो बात कही थी उसका परिणाम आज हमारे सामने आ रहा है जिसकी वजह से अफगानिस्तान से विस्थापित हो रहे भारतीय मूल के इन निवासीयो को भारत की नागरिकता मिलने के रास्ते खुल रहे है। उन्होंने विश्वास दिलाया कि चंडीगढ़ के सिक्खों की भावनाएं प्रधानमंत्री तक पहुंचाई जाएंगी ।
इस अवसर पर अफगानिस्तान में शांति की बहाली के लिए , वहां रह रहे भारतीय मूल के नागरिकों की सुरक्षा के लिए तथा सभी की धार्मिक भावनाओं को के सम्मान हेतु अरदास भी की गई।
इस मौके सिक्ख भाईचारे की तरफ से कुलमीत सिंह , भरपूर सिंह, हरदेव सिंह, कुलराज सिंह, जसजोत सिंह, हरमनदीप सिंह, मुख्तयार सिंह छाबड़ा, दीपक कुमार व लख्खी शाह बंजारा गुरुद्वारा के प्रधान गुरनाम सिंह, सहित बड़ी संख्या में सिक्ख संगत उपस्थित थी।