चण्डीगढ़ : स्वर सप्तक सोसाइटी, चण्डीगढ़ के छात्र-छात्राओं ने मिलकर आज शिक्षक दिवस के अवसर पर ऑनलाइन संगीतमयी कार्यक्रम का आयोजन किया व सोसायटी की अध्यक्ष एवं संगीत शिक्षिका डॉ. संगीता चौधरी को स्टूडेंट्स ने सम्मानित किया। डॉ. संगीता चौधरी अंग्रेजी एवं संगीत गायन विषय में स्नातकोत्तर है व पंजाब विश्वविद्यालय, चण्डीगढ़ से संगीत पर शोध कार्य कर चुकी हैं। डॉ. संगीता चौधरी अंग्रेजी एवं संगीत गायन के विद्यार्थियों को पिछले 18 वर्षों से शिक्षा देती आ रही हैं जिनमें कई विदेशी छात्र भी शामिल है। मूक एवं बधिर छात्र-छात्राएं भी इनसे बहुत उत्साह से संगीत की तालीम ले रहे हैं व दक्षिण अफ्रीका से भी इनके स्टूडेंट्स हैं। डॉ. संगीता ने अब तक 4 पुस्तकें भी लिखी हैं व देश-विदेश से ढेरों पुरस्कारों से भी सम्मानित की जा चुकी हैं। उनके स्वर्गीय पिता निर्मल इंदु चौधरी भी एक शास्त्रीय संगीत गायक रह चुके हैं व स्वर सप्तक सोसाइटी के संस्थापक भी वोही थे।
आज के कार्यक्रम की शुरुआत छात्राओं द्वारा गुरु वंदना -मोहे लागी लगन गुरु चरणन की- से की गई। अर्धदीप चौधरी (कोलकाता) ने अपने मधुर आवाज में गुरु हमारे अंतर्यामी तथा आहना रॉय (यूएसए) ने भजन गुरु बिना कैसे गुण आते भजन सुनाया। इसी तरह अंजलि सूरी (दिल्ली) ने गुरु बिन कोनू संभारे भजन अपनी मधुर आवाज में पेश किया जबकि चण्डीगढ़ से सुनीता कौशल ने अपना भजन राम तजूं गुरु को विसारूं, सुमन चड्ढा ने मन मस्त हुआ, तब क्यों बोले तथा रूमा सोनी ने भजन नमन करूं मैं सतगुरु चरण पेश किया। कृष्णा भट्टाचार्य, ममता गोयल व तृप्ति गुप्ता ने भी अपने-अपने गीतों से सबका मन जीत लिया। दक्षिण अफ्रीका से लियम परयेल, जो मूक और बधिर हैं, ने सारेगामापा सुनाकर सभी को मुग्ध कर दिया। अंजलि सूरी ने बहुत ही सुचारु ढंग से पूरे कार्यक्रम का संचालन किया। आखिर में शिक्षिका डॉक्टर संगीता ने सभी छात्र-छात्राओं का उत्साह बढ़ाते हुए संगीत यात्राको आगे बढ़ाने की प्रेरणा दी।