Chandigarh Today

Dear Friends, Chandigarh Today launches new logo animation for its web identity. Please view, LIKE and share. Best Regards http://chandigarhtoday.org

Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020

भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को विश्वास में लेकर किसानों के लिए लागू किए गए तीनों काले कानूनों को वापिस लेने के बारे में केन्द्र सरकार को सलाह देनी चाहिए

0
61

पंचकूला 31अगस्त- हरियाणा के पूर्व उपमुख्यमंत्री चंद्रमोहन ने, मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर को सुझाव दिया कि पंजाब सरकार को हरियाणा में दी जा रही सुविधाओं का  उल्लेख करने की बजाय    भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को विश्वास में लेकर किसानों के लिए लागू किए गए तीनों काले कानूनों को वापिस लेने के बारे में केन्द्र सरकार को सलाह देनी चाहिए अन्यथा भारतीय जनता पार्टी की आने वाले विधानसभा में जो दुर्गति होगी उसका सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है।                       ‌  ‌                                    उन्होंने मुख्यमंत्री को सलाह दी है कि वह पंजाब से हरियाणा की तुलना ना करें, क्योंकि प्रत्येक प्रदेश की परिस्थितियां भिन्न-भिन्न हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा  देश की विरोधी पार्टियों के नेताओं की  बात तो नहीं सुन रही है, कम से कम अपने भाजपा नेताओं के दिल से निकली आवाज  को तो सुन ही सकते हैं।‌ मेघवाल के राज्यपाल  सतपाल मलिक ने तो यहां तक कहा है कि मुख्यमंत्री को इस कृत्य के लिए माफी मांगनी चाहिए और इसी प्रकार की आवाज भाजपा के कद्दावर नेता चौधरी बीरेंद्र सिंह ने भी बुलन्द की है और मुख्यमंत्री को सुझाव दिए हैं वरिष्ठ नेताओं से सलाह करने के साथ साथ किसान आन्दोलन को दबाने के  लिए औच्छे हथकंडे ना अपनाए जाएं और इस मामले की तह तक जाने के लिए तथ्यों की पूरी जांच की जाए।                                ‌                     पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले 9 महीने से किसानों का आंदोलन चल रहा है उनकी वेदना पीड़ा और दर्द को सुनने वाला कोई नहीं है। केन्द्र सरकार की अकर्मण्यता और असंवेदनहीनता  और हठधर्मिता के कारण ही इस समस्या का समाधान नहीं निकल पा रहा है।                         ‌              करनाल में किसानों पर की गई बर्बता, अंग्रेजी हुकूमत की याद दिलाती है। उन्होंने कहा कि किसानों का सिर फोड़ने का आदेश देने वाले एस डी एम आशीष सिन्हा का मुख्य मंत्री कुछ भी नहीं बिगाड़ सकते हैं क्योंकि एस डी एम के तार सीधे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े हुए हैं। इस लिए जांच के नाम पर केवल लीपा पोती ही की जायेगी और बाद में इस अधिकारी को क्लीन चिट दे दी जाएगी।                           ‌                   चन्द्र मोहन ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि इस लाठीचार्ज की न्यायिक जांच करवाने के साथ- साथ  मृतक किसान के आश्रित  परिवार को 25 लाख रुपए की वित्तीय सहायता और घायलों को 2-2 लाख रुपए की राशि प्रदान की जाए। क्योंकि लाठीचार्ज की यह कार्रवाई, केवल मुख्यमंत्री के इशारे पर ही की गई है। इस लिए  इस लाठीचार्ज का आरोप पंजाब के किसानों  पर लगा कर  मुख्यमंत्री अपनी जिम्मेदारी से आसानी से नहीं  बच सकते हैं।                          ‌******************