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Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020

आर्टेमिस हॉस्पिटल्स गुरुग्राम ने मनाया विश्व हेपेटाइटिस दिवस 2021

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आर्टेमिस हॉस्पिटल्स गुरुग्राम ने मनाया विश्व हेपेटाइटिस दिवस 2021


गुरुग्राम, 28 जुलाई, 2021: आर्टेमिस हॉस्पिटल्स ने आज विश्व हेपेटाइटिस दिवस के अवसर पर गुरुग्राम सेक्टर 51 स्थित अपने परिसर में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया, जिसका उद्देश्य गैस्ट्रो और लिवर रोगों के बारे में लोगों के बीच जागरूकता फैलाना था। इस दिन के महत्व को दर्शाने के लिए, कार्यक्रम के दौरान प्रतीकात्मक गुब्बारे हवा में छोड़े गए। इस कार्यक्रम के दौरान लाइव चर्चा, रेडियो वार्ता और वेबिनार का आयोजन किया गया जिसमें कई विशेषज्ञों और गणमान्य व्यक्तियों की भागीदारी देखी गई, उन्होंने गैस्ट्रो और यकृत रोगों को लेकर आवश्यक सुझाव दिए और लोगों की जागरूकता बढ़ाई।

“विश्व हेपेटाइटिस दिवस सभी के लिए एक साथ आने और कोविड -19 के दौरान भी हेपेटाइटिस जैसी वैश्विक चुनौती को लेकर जागरूकता बढ़ाने का एक अवसर है। यह समझना अत्यंत महत्वपूर्ण है कि हेपेटाइटिस, जैसे गैस्ट्रो और लिवर रोगों का रोकथाम और उपचार संभव है। शीघ्र निदान और उचित उपचार से स्थिति में काफी सुधार हो सकता है और मरीज की जान बचाई जा सकती है, ” डॉ पवन रावल, प्रमुख, यूनिट-I, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, डाइजेस्टीव एंड लिवर डिजीज, आर्टेमिस हॉस्पिटल्स ने कहा।

कार्यक्रम के दौरान कई विशेषज्ञ डॉक्टर और गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे, जिनमें प्रमुख रूप से- डॉ पवन रावल (प्रमुख, यूनिट-I, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, डाइजेस्टीव एंड लिवर डिजीज), डॉ कपिल देव जामवाल (प्रमुख, यूनिट-II, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, डाइजेस्टीव एंड लिवर डिजीज), डॉ. अतुल शर्मा (सीनियर कंसल्टेंट एंड क्लिनिकल लीड इन मोटिलिटी, आईबीडी एंड थर्ड स्पेस एंडोस्कोपी, यूनिट- II), डॉ राजेश कुमार (Padhan) पाधान (सीनियर कंसल्टेंट एंड क्लिनिकल लीड इन हेपेटोलॉजी एंड पैनक्रियाज, यूनिट- II), डॉ अभिनंदन मिश्रा (कंसल्टेंट गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, यूनिट I) शामिल हैं।

हेपेटाइटिस एक प्रकार की लीवर की सूजन है जिसके कई कारण हो सकते हैं। क्रोनिक हेपेटाइटिस के सबसे आम कारणों में से एक वायरल संक्रमण है। वायरल हेपेटाइटिस के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 28 जुलाई को विश्व हेपेटाइटिस दिवस मनाया जाता है। वर्ल्ड हेपेटाइटिस एलायंस के अनुसार, वर्तमान में लगभग 500 मिलियन लोग क्रोनिक हेपेटाइटिस-बी/सी से संक्रमित हैं, और 3 में से 1 व्यक्ति एक या दोनों ही वायरस के संपर्क में आए। ये चुनौतियाँ लिवर की गंभीर बीमारी और हेपैटोसेलुलर कैंसर का कारण बन सकती हैं। कार्यक्रम के दौरान, आर्टेमिस ने प्रयासों में तेजी लाने और हेपेटाइटिस को सार्वजनिक रूप से खत्म करने के वैश्विक मिशन में शामिल होने का भी आग्रह किया।

“हम इस दिशा में काम करने के लिए इंतजार नहीं कर सकते क्योंकि चुनौती बहुत गंभीर है, हर 30 सेकंड में एक व्यक्ति हेपेटाइटिस से संबंधित बीमारी से मर रहा है। अनुमान है कि भारत में 4 करोड़ लोग हेपेटाइटिस-बी से और 0.6-1.2 करोड़ लोग हेपेटाइटिस-सी से पीड़ित हैं। वायरल हेपेटाइटिस से पीड़ित लोगों को टेस्ट और उपचार के लिए प्रतीक्षा नहीं करनी चाहिए। इसके अलावा, गर्भवती माताओं को हेपेटाइटिस की जांच के लिए जाना चाहिए और नवजात शिशुओं को बर्थ डोज के टीके दिए जाने चाहिए। इस बीमारी से जुड़े पूर्वाग्रहों और भेदभाव को समाप्त करने के लिए और ज्यादा प्रयासों की आवश्यकता है। सभी हितधारकों और निर्णयकर्ताओं को इस वैश्विक खतरे से लड़ने के लिए एक साथ आना चाहिए,” डॉ रावल ने आगे कहा।