चंडीगढ़ में लगाई गई धारा 144 का चंडीगढ़ टेरिटोरियल कांग्रेस कमेटी जमकर विरोध कर रही है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि ऐसा सिर्फ और सिर्फ उनकी आवाज दबाने के लिए किया जा रहा है। ये चुनावी चाल है क्योंकि 6 महीने में नगर निगम चुनाव हैं और हम लगातार भाजपा की क्रूर नीतियों के खिलाफ अपनी आवाज उठा रहे हैं।
बहरहाल बुधवार को चंडीगढ़ प्रेस क्लब में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में चंडीगढ़ कांग्रेस के प्रेसिडेंट सुभाष चावला, चीफ स्पोक्सपर्सन HS लक्की और नगर निगम में लीडर ऑफ अपोजिशन देविंदर सिंह बबला ने चंडीगढ़ प्रशासन से मांग की कि धारा 144 को तुरंत प्रभाव से हटाया जाए ताकि जो भी राजनीतिक पार्टियां नुक्कड़ नाटक या प्रोटेस्ट के माध्यम से जनता की आवाज उठाना चाहती हैं, वो उठा पाएं।
सुभाष चावला ने कहा कि दो महीने के लिए इस धारा को लगाकर जो पब्लिक प्रोटेस्ट बैन किए गए हैं, ये भाजपा के दबाव में किए गए हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि कांग्रेस लगातार पेट्रोल-डीजल की बढ़ी कीमतों, महंगाई, पानी के बढ़े रेटों को लेकर प्रदर्शन कर रही है। बरसात ने नगर निगम की पोल खोलकर रख दी है। पिछले दो साल से निगम में कोई काम नहीं हुआ, कोरोना का बहाना बनाकर वे बचते आ रहे हैं। इन दिनों किसान भी सरगर्म हैं। भाजपा को लगता है कि अब अवाम ही उनके खिलाफ हो रही है।
उस पर सेक्टर 48 में पिछले हफ्ते जो घटना हुई, इससे भाजपा को और मौका मिल गया और प्रशासन के साथ सेटिंग कर धारा 144 लगवा दी। वे बोले- चंडीगढ़ में ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी के संवैधानिक अधिकारों का हनन हुआ हो। चंडीगढ़ कांग्रेस ने मांग की कि सेक्टर 48 में हुई घटना के जो लोग जिम्मेदार हैं, उनके खिलाफ एक्शन लिया जाना चाहिए, न कि सब कुछ बंद कर देना चाहिए। चावला ने आगे कहा- हमें रोककर प्रशासन सीधे तौर पर भाजपा को फायदा दे रही है। हमें पहले भी कभी कोरोना की गाइडलाइंस तो कभी पुलिस का प्रेशर डालकर रोकने की कोशिश की गई है।