– नागरिक समूह, एनजीओ, सोशल इंटरप्राईजेज तथा शैक्षणिक एवं अनुसंधान संस्थानों से चैलेंज में सहयोग की अपील
इस बारे में जानकारी देते हुए नगर निगम गुरूग्राम के अतिरिक्त आयुक्त सुरेन्द्र सिंह ने बताया कि नागरिक समूह, एनजीओ, सोशल इंटरप्राईजेज तथा शैक्षणिक एवं अनुसंधान संस्थान विशेष रूप से कमजोर समूहों की गतिशीलता की समस्याओं को सर्वेक्षण के माध्यम से प्रकाश में लाकर, नागरिकों की जरूरतों को पूरा करने वाले समाधान विकसित करने के लिए नगर निगम और स्टार्टअप का मार्गदर्शन करके, मीडिया आऊटरीच और इवैंट के माध्यम से सार्वजनिक परिवहन के लिए नागरिक डिमांड का निर्माण करके तथा नागरिकों के साथ परीक्षण करने के बाद समाधानों के प्रभाव का मूल्याकंन करके ट्रांसपोट फॉर ऑल चैलेंज में सहयोग करें।
क्या है ट्रांसपोर्ट फॉर ऑल चैलेंज : केन्द्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय की पहल ट्रांसपोर्ट फॉर ऑल चैलेंज सभी नागरिकों की गतिशीलता की जरूरतों को पूरा करने के लिए विशेषकर इस महामारी के दौरान और बाद में सार्वजनिक परिवहन में सुधार करने की पहल है। इस चुनौतीपूर्ण समय में हमारा शहर बहादुरी दिखा रहा है। हम अपनी बसों, ट्रेनों और अन्य परिवहन सेवाओं जैसे सांझा ऑटो, ई-रिक्शा को कोविड सुरक्षित बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
अब सार्वजनिक परिवहन में सुधार क्यों करें : कोविड-19 ने शहर को लगभग ठप कर दिया, लेकिन फिर भी बसों, ट्रेनों, सांझा ऑटो और ई-रिक्शा ने जरूरतमंदों की सेवा करना जारी रखा। इससे सरकारी अधिकारियों, नर्सों, डॉक्टरों, रख-रखाव कर्मचारियों और ग्रोसरी स्टोर्स के कर्मचारियों को मदद मिली। ट्रांसपोर्ट फॉर ऑल चुनौती के माध्यम से सबसे महत्वपूर्ण समस्याओं को हल करने की दिशा में काम किया जाएगा। बेहतर पब्लिक ट्रांसपोर्ट महामारी के दौरान सभी नागरिकों को सुरक्षित रूप से आगे बढऩे में मदद करेगा और भविष्य में इस तरह के प्रकोप के लिए सिस्टम को अधिक लचीला बनाएगा।
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