भारत के प्रत्येक नागरिक के तन और मन की बात (खुला खत)
श्रीमान आप प्रधान सेवक है, चौकीदार है, हमारे प्रधानमंत्री है। हमारी परेशानी आपकी परेशानी है हमारे दिल का दर्द आपको लिख रहे हैं । कोविड-19 महामारी का हम सब सामना कर रहे हैं, फरवरी 2020 से ही हमारे व्यवसाय पर आर्थिक संकट आ गया है लगभग तीन करोड़ लोग हेयर और ब्यूटी व्यवसाय से देश व जनहित में काम कर रहे हैं। हम असंगठित मजदूर कलाकार हैं। लॉकडाउन और कोरोना महामारी के डर से हमारा व्यवसाय पुर्ण रूप से खत्म होता जा रहा है, हम बेरोजगार हो गए हैं । महामारी ने चिकित्सा व्यवसाय की बुनियाद को हिला दिया है। वैक्सीन,दवा, बेड,ऑक्सीजन और एंबुलेंस की कमी से कालाबाजारी बड़ी है। चिकित्सालय लूट का केंद्र बन गए है। इलाज कराना आम जनता के लिए आसान नहीं रहा है। दाह संस्कार के लिए एडवांस बुकिंग हो रही हैं, श्मशान में जमीन व लकड़ियो की कमी हो गई है। हम भारत के नागरिक जिंदा रहना चाहते हैं, भूख या बीमारी से मरना नहीं चाहते हैं, इसलिए कृपया शीघ्र ही जनहित में घोषणा करें, एवम समस्त राज्यो के मुख्यमंत्री को दिशा -निर्देश देवें ताकि हम फिर से ताली और थाली बजाएं और घरों में दिए जलाएं । निम्नलिखित मांगों को हम आपके सामने रख रहे है:
गरीब परिवारो की बैंक किश्त माफ की जाए । बैंक किस्तों की भुगतान समय अवधि बढ़ाई जाए। बैंक की किस्तों को ब्याज मुक्त किया जाए । बिजली और पानी के बिल माफ किए जाएं ।
बेरोजगारों और अर्ध बेरोजगारों को आर्थिक सहायता दी जाए ।
प्रत्येक भारतवासी के लिए मुफ्त शिक्षा और मुफ्त चिकित्सा की नीति बनाई जाए ।
हमारे संवैधानिक अधिकार व आपके द्वारा किए गए चुनावी वादों को पूरा किया जाए जनता की सेवा करें, क्योंकि जनता आपकी है और आप हमारे प्रधानमंत्री हैं।