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Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020

श्री चन्द्र मोहन ने कहा कि हरियाणा प्रदेश में आक्सीजन और दवाइयों की कमी का खामियाजा प्रदेश के लोगों को और विशेषकर गरीबों को भुगतना पड़ रहा है।

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पंचकूला 2 मई- हरियाणा के पूर्व उपमुख्यमंत्री श्री चंद्रमोहन मोहन ने आरोप लगाया है कि हरियाणा सरकार की असंवेदनशीलता का ही परिणाम है कि प्रदेश का मिलेनियम सीटी के नाम से मशहूर और हरियाणा की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले गुरुग्राम में स्वास्थ्य सेवाओं की दयनीय हालत हो गई है, उसके लिए हरियाणा सरकार और मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर की जन विरोधी नीतियों को ही जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। ‌ श्री चन्द्र मोहन ने कहा कि हरियाणा प्रदेश में आक्सीजन और दवाइयों की कमी का खामियाजा प्रदेश के लोगों को और विशेषकर गरीबों को भुगतना पड़ रहा है। इस महामारी की चपेट में आए परिवारों के लोगों की चित्कार और पुकार सुनकर किसी का भी दिल सहज रूप से ही पसीजने लगता है। लोग मानेसर में आक्सीजन लेने के लिए दो दिन से लाइनों में खड़े हुए हैं और जब उनकी बारी आती है तो उन्हें यह कह कर भगा दिया जाता है कि जो बीमार व्यक्ति घर में हैं उनके लिए आक्सीजन नहीं मिलेगी। केवल अस्पतालों को ही आक्सीजन मिलेगी । यह कौन-सा न्याय है। ‌ उन्होंने सवाल किया कि मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर ने विधानसभा के चुनाव के दौरान वोट लेने के समय तो यह शर्त नहीं रखी थी कि गरीब व्यक्ति , जो पैसे के अभाव में प्राइवेट अस्पताल में अपने मरीज को दाखिल नहीं करवा सकता है ,उसको मरीज की जान बचाने के लिए घर में आक्सीजन का सिलैंडर नहीं दिया जायेगा। उन्होंने सवाल किया कि क्या वह असहाय व्यक्ति आक्सीजन की कमी के चलते अपने परिवार के सदस्य को अपनी आंखों के सामने मरते हुए देख सकता है। उन्होंने कहा कि गुरुग्राम में आज भी कालाबाजारी में रेमडीशवियर का टीका 45000 रुपए में बेचा जा रहा था। इससे सिद्ध होता है कि यह कालाबाजारी अधिकारियों और अस्पतालों की मिली भगत के कारण ही हो रही है, जिसने अमानवीयता की सभी सीमाएं पार कर दी हैं। ‌ श्री चन्द्र मोहन ने मुख्यमंत्री से सवाल किया कि जब वह प्रदेश का आक्सीजन का कोटा बढ़ाने का श्रेय खुद लेने के लिए लालायित रहते हैं तो उन्हें इस बात का भी श्रेय लेने में कोई हिचकिचाहट नहीं होनी चाहिए कि हरियाणा प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं की जो लचर और चरमरा रही हालत की जिम्मेदारी भी खुद लेने के साथ-साथ प्रभावित परिवारों को 5 पांच-पांच लाख रुपए की वित्तीय सहायता तुरंत प्रदान की जाए। ‌ पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री केवल अधिकारियों को वातानुकूलित कमरे में बैठ कर आदेश दे सकते हैं और उसी का यह परिणाम हुआ है कि यह महामारी सुरसा की तरह प्रदेश में इस दूसरी लहर में पैर फैलाए जा रही है। उन्होंने सुझाव दिया कि मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री दोनों को मिलकर प्रदेश के सर्वाधिक प्रभावित जिलों में खुद बैठ कर स्थिति पर पैनी नजर रखनी चाहिए इसके साथ ही विपक्षी पार्टियों के नेताओं की भी तत्काल बैठक बुलाकर उन्हें विश्वास में लेकर, उनसे सहयोग का आग्रह करना चाहिए तभी इस मीशन में पूर्ण रूप से सफलता मिल सकती है। पचकुलां मै आज 551 कोरोना पोजीटीव आये है यह बहुत बड जायेगा यही हालत रहै तो