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Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020

मंडियों में बारदाना नहीं, किसानों को भुगतान नहीं : सैलजा

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चंडीगढ़, 15 अप्रैल।

हरियाणा की मंडियों में गेहूं व सरसों खरीद के सरकार के सभी दावे खोखले साबित हुए हैं। मंडियों में न तो किसानों की फसलों की खरीद हो रही है और न ही उठान का कोई प्रबंध है। बारदाना नहीं होने की वजह से अधिकांश मंडियों में अव्यवस्था का आलम है। यह कहना है कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष व पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी सैलजा का। बृहस्पतिवार को चंडीगढ़ से जारी एक बयान में सैलजा ने कहा कि बारदाना व तिरपाल की कमी से किसानों की फसल भी सुरक्षित नहीं है।

उन्होंने कहा कि सरकार ने दावा तो किया था कि किसानों की फसलों का ‘जे-फार्म’ कटने के 72 घंटों के भीतर भुगतान होगा, लेकिन स्थिति यह है कि प्रदेश के हजारों किसानों को पिछले सप्ताहभर से पेमेंट नहीं मिली है। मंडियों में व्यापक प्रबंध नहीं होने की वजह से सरकार डेढ़ दर्जन से अधिक मंडियों को बंद कर चुकी है। उन्होंने कहा कि हरियाणा की सभी मंडियों में किसान अपनी फसल लेकर तो पहुंच रहे हैं, लेकिन उनकी खरीद नहीं हो रही।

कुमारी सैलजा ने कहा कि आढ़तियों और सरकार के बीच चल रहे तनाव का असर भी मंडियों में खरीद पर पड़ा है। आढ़तियों की समस्याओं का समाधान करने की बजाय सरकार उन्हें भी तंग करने पर आमदा है। उन्होंने कहा कि सीएम मनोहर लाल खट्टर व डिप्टी सीएम दुष्यंत सिंह चौटाला ने बड़े-बड़े बयान देते हुए कहा था कि पेमेंट में देरी होने पर ब्याज भी दिया जाएगा। यहां ब्याज तो दूर की बात, किसानों को उनकी फसलों की कीमत ही नहीं मिल रही।

एक ओर जहां केंद्र सरकार के तीन काले कानूनों के खिलाफ किसान पिछले करीब पांच महीनों से दिल्ली बार्डर पर आंदोलनरत हैं, वहीं अब मंडियों में भी किसानों को अपनी फसल बेचने के लिए जद्दोजहद करनी पड़ रही है। किसानों का लाखों टन गेहूं मंडियों में पड़ा है। अब मौसम में आ रहे बदलाव ने भी किसानों की चिंता बढ़ा दी है। मौसम वैज्ञानिकों ने बारिश की संभावना जताई है। अगर ऐसा होता है तो मंडियों में पड़ा किसानों का अनाज भीगेगा और फिर सरकार नमी के नाम पर किसानों के साथ ठगी करेगी।

कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि खुद मुख्यमंत्री के निर्वाचन क्षेत्र करनाल की मंडियों में बारदाने की कमी की वजह से अनाज का उठान नहीं हो पा रहा। सरकार ने अगर समय रहते बारदाने व तिरपाल आदि का प्रबंध किया होता तो आज यह स्थिति नहीं होती। सैलजा ने कहा कि राज्य की भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार पूरी तरह से किसानों के खिलाफ है। न तो बार्डर पर बैठे किसानों की सुनवाई हो रही है और न ही मंडियों में किसानों को उनकी फसलों के दाम मिल रहे हैं। 2022 तक फसलों की आय दोगुणा करने का सरकार का दावा पूरी तरह से जुमला है।

कुमारी सैलजा ने राज्य सरकार से मांग की है कि किसानों को उनकी फसलों का तुरंत भुगतान किया जाए। साथ ही, जिन किसानों की फसलों का भुगतान अभी तक नहीं हुआ है, उन्हें ब्याज के साथ पैसा दिया जाए। सरकार मंडियों में बारदाने का उचित प्रबंध करे। साथ ही, बारिश की संभावना को देखते हुए मंडियों में किसानों की फसलों को भीगने से बचाने के प्रबंध किए जायें। सैलजा ने मांग की है कि सरकार मंडियों में फसल लेकर आने वाले किसानों की फसलों की तुरंत खरीद करे। उन्होंने आढ़तियों की मांगों को भी मानने का आग्रह सरकार से किया है।