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Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020

विज्ञान के साथ अध्यात्म कोजोड़कर सुखमय जीवनबना सकते हैं: अमरनाथ भाई

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चंडीगढ़ सुनीता शास्त्री : गांधी स्मारक निधिपंजाब, हरियाणा वहिमाचल की ओरसे एक गोष्ठी‘‘गांधी दर्शन एवंयुवा’’ विषय परगांधी स्मारक भवनसैक्टर 16 चंडीगढ़ मेंकी गई। इसगोष्ठी में मुख्यवक्ता वाराणसी सेआये अखिल भारतसर्व सेवा संघके पूर्व अध्यक्ष, प्रसिद्ध गांधीवादी विचारकतथा स्वतंत्रता सेनानीअमरनाथ भाई थे।कार्यक्रम की अध्यक्षता देवराजत्यागी निदेशक गांधीस्मारक भवन चंडीगढ़ने की।

93 वर्षीय गांधीवादी विचारकअमरनाथ भाई नेयुवा शक्ति केआगे अपना व्याख्यान रखतेहुए कहा किआज हमारे सामनेबहुत सी चुनौतियां हैं।उनका सामना आजके युवा कोकरना है। उन्होंने अपनेरहने लायक समाजका निर्माण स्वयंकरना है। आजविज्ञान ने दुनिया कोछोटा कर दियाहै। हमारे समाजको एक बहुतबड़ी देन हैविज्ञान। इसी विज्ञान औरटैक्नोलाॅजी ने माचिस याचाकू बनाया। इनकाप्रयोग रसोई मेंखाना बनाने केलिये आग जलानेतथा सब्जी काटनेमें हो सकताहै तथा इसकादुरूपयोग घर जलाने तथाकिसी को मारनेमें भी होसकता है। विज्ञान केसाथ अध्यात्म कोजोड़कर हम एकसुखमय समाज बनासकते हैं। इसलियेइनका समन्वय आवश्यकहै।

आज मनुष्य तोदिख रहा हैपर उसमें मनुष्यता नहींदिखती। यदि हमारेआचरण में मनुष्यता नहींहोगी तो समाजकैसे चलेगा। समाजमें बड़ी बड़ीबातें कही गईपर यदि उन्हेंहम अपने जीवनमें नहीं उतारतेतो उसका क्यालाभ। आज धर्मके नाम परलड़ाईयां चल रही हैं।हम एक दूसरेके धर्म परलड़ते हैं तथाफिर स्वयं भीअपने को बाँटकरउसमें भी लड़तेहैं। धर्म मेंतंत्र और तत्वदोनों ही समाहितहैं परंतु आजहम तत्व कोभूल गये हैंऔर केवल तंत्रमें ही फंसकर रह गयेहैं। सभी धर्मोंने मानवता कोऊँचा उठाने कीबात की हैऔर जिसे हमनेप्रायः भुला दियाहै। आज समाजमें ‘‘और चाहिये, और चाहिये’’ कीदौड़ कई बीमारियां पैदाकर रही हैजैसे अनिदा्र, अकेलापन, डिप्रेशन, अविश्वास तथानकारात्मक सोच है औरहम इन सबसेगांधी दर्शन कोअपना कर उबरसकते हैं।

देवराज त्यागी नेअध्यक्षता करते हुए कहाकि गांधी एवंविनोबा जी केविचार समाज कोआईना दिखाते हैं।हमें उनको दिलसे अपनाना चाहिए।डाॅ. एम. पी. डोगरा ने सभीलोगों का धन्यवाद कियातथा कहा किआज के युवाको नकली दौड़में न पड़कर सच्चा जीवनजीना चाहिए उसीमें जीवन काआनंद है।

गोष्ठी में डाॅ. सरिता मेहता, पापियाचक्रवर्ती, कंचन त्यागी, आनंदराव एवं पुस्तकालय मेंपढ़ने वाले समस्तछात्रों ने भाग लिया। -\