जनपद भदोही के वरिष्ठ पत्रकार जयशंकर दुबे की महीने भर पूर्व सड़क हादसे में हुई मौत को प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने संज्ञान में लिया है। परिजनों का आरोप है कि यह सड़क हादसा नहीं था बल्कि साजिश के तहत उन्हें मारा गया।
ऑल इंडिया प्रेस रिपोर्टर वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ पत्रकार आचार्य श्रीकांत शास्त्री के पत्र पर प्रधानमंत्री कार्यालय ने उत्तर प्रदेश सरकार को कार्यवाही के लिए निर्देश पत्र भेजा है। मुख्यमंत्री सचिवालय के ज्वाइंट सेक्रेटरी अरूण कुमार दुबे के पास यह मामला पहुंच गया है। बहरहाल, पीएमओ के निर्देश के बाद इस मामले में कार्रवाई की बड़ी उम्मीद जगी है।
जयशंकर दुबे (संजय) की साजिशन हत्या के मामले में ऑल इंडिया प्रेस रिपोर्टर वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष आचार्य श्रीकांत शास्त्री ने उच्च स्तरीय जांच कराए जाने की मांग करते हुए पत्र भेजा था।
इस मामले में प्रधानमंत्री कार्यालय ने अध्यक्ष जी को अवगत कराया है कि आपके पत्र का संज्ञान में ले लिया गया है। साथ ही यूपी सरकार को कार्रवाई के लिए भेजा गया है। शास्त्री ने कहा है कि वह जल्द ही ज्वाइंट सेक्रेटरी से इस सिलसिले में संपर्क साधेंगे।
बता दें कि बीते 29 जनवरी को समाचार कवरेज को जाते समय गोपीगंज थाना क्षेत्र के छतमी कौलापुर के मध्य पत्रकार जयशंकर दुबे को एक अज्ञात कार से टक्कर मार कर घायल कर दिया गया था। उपचार के दौरान उनकी मौत हो गयी थी। परिजनों का दावा है कि पत्रकार जयशंकर औराई और ऊंज थाना क्षेत्र की दो बड़ी घटनाओं पर समाचार कवरेज कर रहे थे, जिससे अपराधियों में खलबली मची थी। मौत से पहले उन्होंने इस बात को परिजनों को भी बताया था। बाद मे वह सड़क हादसे का शिकार हो गए।
परिजनों का आरोप है कि थाने में साजिशन हत्या कि दी गयी। तहरीर की लाइनों को काट कर पुलिस ने हादसे की रिपोर्ट दर्ज की थी। इस मामले को दिवंगत पत्रकार के परिजनों ने भी आला अधिकारियों को पत्र देकर अवगत कराया था। यूपी की योगी सरकार के मंत्री जय प्रकाश निषाद भी पत्रकार के घर पहुंचे थे और स्पेशल इन्वेसिगेशन के निर्देश दिये थे। बावजूद इसके इस मामले में अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।