चंडीगढ, 25 फरवरी – हरियाणा पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) श्री मनोज यादव ने बाल यौन उत्पीड़न रोकने के लिए सभी के सहयोग से व्यापक स्तर पर प्रयासों की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि इस सामाजिक बुराई पर पूर्णतः अंकुश लगाने के लिए ’स्पीक-अप’ संस्कृति को प्रोत्साहन देकर सभी को आवाज बुलंद करनी होगी।
डीजीपी आज पंचकूला में हरियाणा राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा हरियाणा पुलिस के सहयोग से आयोजित राज्यव्यापी सामाजिक जागरूकता अभियान ’हिफाज़त’ की शुरूआत करने के उपरांत कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
सहज-सजग-सुरक्षित बचपन विषय पर आमजन को जागरूक होने का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि बाल यौन उत्पीड़न एक गंभीर अपराघ एवं अत्यंत सवेंदनशील मुद्दा है। आज बचपन को उन्हीं से सर्वाधिक खतरा है जिस पर बच्चे सबसे अधिक विश्वास करते हैं। दुर्भाग्यवश बाल यौन उत्पीड़न जैसे गंभीर मुद्दे पर समाज में खुले तौर पर चर्चा नहीं होती। अगर होती है तो लोग असहज हो जाते है। सहज-सजग-सुरक्षित बचपन तभी संभव हो सकता है जब आमजन के साथ-साथ माता-पिता इन मुद्दों को लेकर जागरूक हों। उन्होंने बाल यौन शौषण को लेकर समाज में चुप्पी की मानसिकता को तौड़ने के लिए आयोग द्वारा की गई समग्र एवं सर्वांगीण पहल के लिए आयोग की चेयरपर्सन श्रीमति ज्योति बैंदा को भी बधाई दी।
उन्होंने कहा कि बच्चे के विश्वास को तोड कर बचपन को बर्बाद करने वाली यह समस्या केवल भारत मंे ही नहीं है बल्कि समस्त संसार में इसकी चर्चा हो रही है।
चाइल्ड फ्रैंडली होंगे महिला पुलिस थाने
श्री यादव ने कहा कि हरियाणा पुलिस द्वारा सभी महिला पुलिस थानों को चाइल्ड फ्रैंडली बनाने के लिए पहल की जा रही है। इस योजना के अंतर्गत प्रदेश के सभी महिला पुलिस थानों में एक चाइल्ड फ्रैंडली रूम बनाया जाएगा जहां माता-पिता के साथ आए व अन्य सभी बच्चे खेलकूद कर अपना समय व्यतीत कर सकेंगे। इस रूम मे बच्चों के लिए खिलौने, झूले व अन्य सामान उपलब्ध रहेगा।
इस अवसर पर डीजीपी हरियाणा ने अभियान ’हिफाज़त’ से संबंधित एक पुलिस बोर्ड का भी अनावरण किया जिसे प्रदेश के सभी पुलिस थानों में लगाया जाएगा। इसके अतिरिक्त, डीजीपी ने वीडियो वैन ’हिफाज़त एक्सप्रेस’ को भी हरी झंडी दिखा कर रवाना किया। इससे पहले समाज में बाल यौन उत्पीड़न पर जागरूकता को लेकर एक नुक्कड़ नाटक का भी मंचन किया गया।
इस अवसर पर विचार व्यक्त करते हुए एडीजीपी क्राइम अगेंस्ट वूमन, हरियाणा श्रीमति कला रामचंद्रन ने कहा कि स्वस्थ समाज के लिए बच्चों को यौन उत्पीडन एवं अन्य प्रकार के शोषण से सुरक्षित रखना आवश्यक है। उन्होंने बच्चों की सुरक्षा के लिए जागरूक व संवेदनशील समाज की स्थापना को लेकर शुरू किए गए ’हिफाजत’ अभियान की सराहना की।
इससे पहले बोलते हुए महिला एवं बाल विकास विभाग के आयुक्त एवं सचिव डा0 राकेश गुप्ता ने कहा कि बाल यौन उत्पीड़न रोकने के लिए व्यापक स्तर पर प्रयास की जरूरत है। इस दिशा में हिफाजत अभियान द्वारा एक अच्छी पहल की गई है। उन्होंने हरियाणा से चलाए गए बेटी बचाओ-बेटी पढाओ अभियान का जिक्र करते हुए कहा कि इससे प्रदेश को राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय पर पहचान मिली। अब हरियाणा प्रदेश बेटियों को बचाने के लिए जाना जाता है।
कार्यक्रम में हरियाणा राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की चेयनपर्सन श्रीमती ज्योति बैंदा ने कहा कि बचपन को सुरक्षित बनाने के लिए अब हमें मिलकर जिम्मेदारी उठानी होगी। सभी हितधारक विभाग एवं एंजेसी बाल यौन उत्पीड़न की रोकथाम के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। लोग भी जागरूक हो रहे है। लोगों का सिस्टम में विश्वास भी बढ रहा है। प्रत्येक बच्चे को बिना किसी भय के बढ़ने को अधिकार है। आयोग बाल अधिकार एवं बाल संरक्षण सुनिश्चित करने के लिए कटिबद्ध है। उन्होंने पुलिस विभाग द्वारा हिफाजत अभियान को सफल बनाने के लिए दिए जा रहे सहयोग के लिए भी डीजीपी हरियाणा श्री मनोज यादव व एडीजीपी क्राइम अगेंस्ट वूमन श्रीमति कला रामचंद्रन का विशेषतौर पर धन्यवाद व्यक्त किया।
इस अवसर पर पुलिस आयुक्त पंचकूला श्री सौरभ सिंह, पुलिस उपायुक्त पंचकूला श्री मोहित हांडा, एसीपी पंचकूला श्रीमति ममता सौदा व पुलिस विभाग, हरियाणा राज्य विधि सेवा प्राधिकरण व आयोग के अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।