उन्होंने कहा – यह मोर्चा विचारधाराओं के उत्पीड़न तथा आधुनिक राजनीतिक ढांचे की उदासीनता के खिलाफ एक आंदोलन है
Û अपना भारत मोर्चा एक ऐसा मंच है जहां सकारात्मक ऊर्जाओं को संगठित किया जाएगा और युवाओं, किसानों, कामगार तबके, मध्यम वर्ग एवं महिलाओं की आकांक्षाओं को सशक्त किया जाएगा
Û यह मोर्चा सकारात्मक बदलावों का प्रतिनिधि होगा; यह मौन आवाम की आवाज बनेगा
नई दिल्ली, 25 फरवरी 2021ः आज भारत अव्यवस्था, भ्रम और अभूतपूर्व सामाजिक-राजनीतिक एवं पहचान संकट के चैराहे पर खड़ा है। ऐसे में, आज अपना भारत मोर्चा (एबीएम) के लांच के साथ एक ऐसे भारत के निर्माण की शुरुआत हो रही है जो लोचदार है और सभी पहलुओं पर समावेशी है, यहां गुरुवार को डॉ अशोक तंवर ने कहा।
सिरसा, हरियाणा के पूर्व सांसद डॉ तंवर ने कहा, “अपना भारत मोर्चा मूल्यों पर आधारित एक पहल है और इसके तीन स्तंभ हैं- संवाद, बहस और चर्चा। यह मोर्चा न केवल अनेकता में एकता के भारतीय मूल्यों को बल देगा बल्कि हमारे देश को आशाओं और पूर्तियों की धरती बनाने की दिशा में एक आधारशिला के तौर पर काम भी करेगा।“
गुरुवार को काॅन्स्टीट्यूशन क्लब में अपना भारत मोर्चा का लांच कार्यक्रम हुआ। बड़ी तादाद में युवाओं और समान सोच रखने वाले अन्य लीडरों ने इस कार्यक्रम में शिरकत की जिनमें त्रिपुरा पीसीसी के पूर्व अध्यक्ष किरीट प्रद्योत देब बर्मन भी शामिल थे। यह लांच कार्यक्रम सोशल मीडिया प्लैटफाॅम्र्स के जरिए लाइव स्ट्रीम किया गया। हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड, राजस्थान, चंडीगढ़, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, बिहार, गुजरात और ओडिशा से बड़ी संख्या में इस लांच कार्यक्रम में आॅनलाइन शामिल हुए।
अपना भारत मोर्चा के लांच की जरूरत पर प्रकाश डालते हुए डाॅ तंवर ने कहा, ’’अफसोस की बात है कि हमारा देश एक निराशा के माहौल में फंसा हुआ है। युवाओं को और उनकी आकांक्षाओं को आपराधिक तरीके से अनदेखा किया जा रहा है। सकारात्मक ऊर्जाओं को संगठित व स्पष्ट करने के लिए एक मंच की आवश्यकता थी ताकि युवाओं की आकांक्षाओं की वृद्धि एवं पूर्ति हो सके; क्योंकि युवा पीढ़ी ही राष्ट्र की रीढ़ है।’’
’’अपना भारत मोर्चा सकारात्मक बदलावों के एक प्रतिनिधि के तौर पर काम करेगा और मौन आवाम की आवाज़ बनेगा। यह एक गतिशील, मूल्य-आधारित मंच होगा, यह विविध स्वरों और दृष्टिकोणों को एकजुट करेगा, जिन्हें मुख्यधारा के राजनीतिक दलों द्वारा अनदेखा किया जा रहा है। यह मोर्चा वर्तमान नेतृत्व की उदासीनता और विचारधाराओं के उत्पीड़न के खिलाफ एक आंदोलन है,’’ डाॅ तंवर ने कहा।
पूर्व सांसद डाॅ अशोक तंवर ने यह भी कहा, ’’हम देश के समग्र एवं समावेशी विकास पर ध्यान केन्द्रित करेंगे। हमारा नारा है ’नई सोच, नई दिशा, और नई राजनीति’। मेरा दृढ़ विश्वास है कि भारत सिर्फ अपनी मिश्रित संस्कृति को अपना कर ही दूसरे देशों के लिए उदाहरण बन सकता है। हम देशभक्ति में यकीन करते हैं लेकिन संकीर्ण राष्ट्रवाद में नहीं, जो हमारे अपने ही लोगों को जाति, धर्म व प्रदेश के आधार पर विभाजित करे।’’
अपने संकल्प को दोहराते और अपना भारत मोर्चा के विज़न डाॅक्यूमेंट का विमोचन करते हुए डाॅ तंवर ने कहा कि यह प्रगतिशील, जनतांत्रिक, उदार और तार्किक स्वरों का मंच है। ’’हम कैपिटल में विश्वास करते हैं क्रोनी कैपिटलिज़्म में नहीं। हम अवसरों में यकीन करते हैं, अवसरवादिता में नहीं। हम किसी जाति के खिलाफ नहीं, जातिवाद के खिलाफ हैं। हम आत्म सम्मान एवं मर्यादा की राजनीति में विश्वास रखते हैं। राजनीति में नकारातमक तात्पर्य नहीं होने चाहिए। अपना भारत मोर्चा सभी स्टेकहोल्डरों के लिए सही मायनों में मूल्य आधारित मोर्चा होने जा रहा है, जो एक समावेशी भारत के निर्माण की कामना करते हैं और उसके लिए प्रतिबद्ध हैं,’’ डाॅ तंवर ने कहा।
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