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Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020

केंद्रीय जल शक्ति एवं सामाजिक न्याय व अधिकारिता राज्य मंत्री श्री रतनलाल कटारिया ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से कहा कि इस बार पेश किए गए बजट में पारदर्शिता और टैक्स स्थिरता पर जोर दिया गया है

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केंद्रीय जल शक्ति एवं सामाजिक न्याय व अधिकारिता राज्य मंत्री श्री रतनलाल कटारिया ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से कहा कि इस बार पेश किए गए बजट में पारदर्शिता और टैक्स स्थिरता पर जोर दिया गया है, लोगों की आकांक्षाओं के विपरीत सरकार ने कोई नया टैक्स नहीं लगाया बल्कि करोना संकट से पार पाने के लिए उधारी बढ़ाई है । सरकार ने इकोनॉमी को गति देने में पूंजीगत खर्च बढ़ाने के साथ-साथ निजी क्षेत्र के योगदान को भी बढ़ावा दिया है।
कटारिया ने कहा कि मोदी सरकार ने बड़े पैमाने पर महत्वकांक्षी आर्थिक बहाली योजनाओं के खातिर धन जुटाने के लिए कई कदम उठाए हैं । इंफ्रास्ट्रक्चर ग्रोथ को गति देने के लिए इस बार के बजट में घोषित विकास वित्त संस्थान (डीएफआई) के जरिए फंड इकट्ठा किया जाएगा, शुरुआत में सरकार इसमें 20,000 करोड रुपए लगाएगी इसमें फिर निजी क्षेत्र को शामिल किया जाएगा, इस रास्ते देश में बिजली, सड़क, बंदरगाह व हवाई अड्डों के निर्माण को नई गति मिलेगी इसकी बदौलत भारत 2025 तक 5 लाख करोड डॉलर की इकोनामी बन पाएगा ।
कटारिया जी ने कहा सरकार ने एफडीआई के जरिए रक्षा क्षेत्र में तेज विकास का रास्ता तैयार किया है, रक्षा क्षेत्र में एफडीआई का दायरा 49% से बढ़ाकर 74% कर दिया गया है । रक्षा क्षेत्र में एफडीआई विस्तार को गेमचेंजर बताते हुए कटारिया जी ने कहा कि इसमें अब निवेश की गति तेज होने वाली है, रक्षा उत्पादन बढ़ने से सामरिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण इस क्षेत्र में भारत सशक्त बनकर उभरेगा ।
कटारिया ने कहा कि श्रीमती निर्मला सीतारमण जी द्वारा प्रस्तुत किया गया बजट न्यूनतम सरकार अधिकतम राजकाज के मूल सिद्धांत पर आधारित है इसलिए बजट 2021-22 आर्थिक दिशा में भारत के एक बड़े बदलाव की ओर अग्रसर होने के लिए एक स्पष्ट आह्वान है उन्होंने कहा कि आज भारत दुनिया के उन अग्रणी देशों में है जहां कोविड-19 संक्रमण का आंकड़ा घट रहा है और अब तक 37 लाख लोगों को कोविड-19 वैक्सीन का टीका लगाया जा चुका है l
किसान आंदोलन पर बोलते हुए कटारिया जी ने कहा कि खालिस्तान समर्थकों की साजिश के तहत ही भारत के खिलाफ दुष्प्रचार की तस्वीर भी अब साफ हो गई है जब पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग की ओर से जुड़ा एक टूलकिट सामने आया है । भारत की छवि खराब करने के मकसद से यह टूलकिट तैयार की गई, इस टूलकिट में बताया गया है कि भले ही सरकार इन कानूनों को वापस ले ले, लेकिन हमें प्रदर्शन को खत्म नहीं करना है, यही नहीं देश के गणतंत्र दिवस पर लाल किले पर हुए उपद्रव की भूमिका कई दिन पहले रची जाने के प्रमाण भी टूलकिट में मिलते हैं ।
कटारिया ने कहा सरकार किसानों के साथ कोई विश्वासघात नहीं कर सकती और ये तीनो कानून किसानों की आय को दोगुना करने की दिशा में उठाया गया कदम है, सरकार ने किसानों की फसल पर लागत मूल्य का 1.5 गुना अधिक एमएसपी पर खरीद की है:
• वर्ष 2013-14 में 33,874 करोड रुपए के मुकाबले गेहूं की खरीद 2019-20 में 62,802 करोड रुपए और 2020-21 में 75,060 करोड रुपए की खरीद का प्रावधान किया है
• धान की खरीद 2013-14 में 63,928 करोड रुपए के मुकाबले 2019-20 में 1,41,930 करोड रुपए और 2020-21 में 1,72,752 करोड रुपए का प्रावधान किया गया है
दलहन की खरीद 2013-14 में 236 करोड रुपए के मुकाबले 2019-20 में 8,285 करोड रुपए और 2020-21 में 10,530 करोड रुपए का प्रावधान किया गया है l