चंडीगढ़,सुनीता शास्त्री मोहाली, डॉ.सुनीत तायल, सीनियर कंसल्टेंट (गाइनोकोलॉजिस्ट-स्त्री रोग विशेषज्ञ), फोर्टिस हॉस्पिटल, मोहाली ने कहा कि जहां तक संभव हो, फाइब्रॉएड के इलाज में लेप्रोस्कोपिक सर्जरी को ही अपनाया जाता है, क्योंकि तेजी से रिकवरी और बाद में गर्भधारण के लिए गर्भाशय पर दबाव कम होने के कारण, यह अत्याधिक लाभदायक है। हालांकि, कुछ रोगियों में सर्जरी एकमात्र विकल्प हो सकता है और उसी पर विचार करने के बाद रोगी को ये विकल्प अपनाने का सुझाव दिया जाता है।फाइब्रॉएड ट्यूमर हैं जो गर्भ में बढ़ते हैं। वे आम तौर पर सौम्य (नॉन-कैंसरीयस) हैं। वे आकार में बहुत भिन्न हो सकते हैं और 80 प्रतिशत महिलाओं को प्रभावित कर सकते हैं। फाइब्रॉएड के विकास का सटीक कारण अज्ञात है लेकिन आनुवंशिक और वंशानुगत कारण प्रमुख तौर पर जाने जाते हैं।डॉ.तायल ने कहा, सभी फाइब्रॉएड रोगसूचक नहीं होते हैं। केवल 3 में से 1 महिला किसी भी लक्षण का अनुभव करती है। लक्षण हल्के पेट दर्द से लेकर भारी मासिक धर्म, पीठ के निचले हिस्से में दर्द, कब्ज, बार-बार होने वाले संभोग और संभोग के समय दर्द होते है। अधिक गंभीर और पुरानी जटिलताओं में गर्भावस्था के दौरान समस्याएं, बार-बार गर्भपात और प्रसव संबंधित समस्याएं शामिल हैं।अधिक काश फाइब्रॉएड गैर-लक्षण आधारित होते हैं; हालांकि, गंभीर स्थानीयकृत तौर पर पेट में दर्द हो सकता है अगर एक फाइब्रॉएड तथाकथित ‘रेड डीजेनरेशन’, मरोड़, या प्रभाव से गुजरता है। गर्भावस्था में दर्द फाइब्रॉएड का सबसे आम जटिलता है और गर्भावस्था के दूसरे और तीसरे तिमाही के दौरान 5 सेमी से अधिक फाइब्रॉएड वाली महिलाओं में सबसे अधिक बार देखा जाता है। अधिक सामान्यत:, गर्भाशय में फाइब्रॉएड की उपस्थिति के कारण कई रोगियों में बांझपन की समस्या को भी देखा गया है। मेरी एक मरीज 28-वर्षीय महिला को शादी के 5 साल तब, जिसे 20 हफ्तों के बड़े गर्भाशय के साथ कई फाइब्रॉएड से प्रभावित पाया गया, जिससे उसे असामान्य गर्भाशय रक्तस्राव और बांझपन की समस्या का सामना करना पड़ा। उन्होंने ट्राइसिटी के कई विशेषज्ञों के साथ कासल्टेशन की और उनको एकमात्र संभव उपचार हिस्टेरेक्टॉमी के रूप में करवाने की सलाह दी गई, लेकिन वह बच्चे पैदा करने की इच्छुक थीं और अंतिम उपाय के रूप में मेरे पास आईं। अलग-अलग आकारों के लगभग 28 फाइब्रॉएड को मेरे और मेरी टीम द्वारा लेप्रोस्कोपिक के माध्यम से हटा दिया गया और न केवल उसे उसके लक्षणों से छुटकारा दिलाया गया था, बल्कि सर्जरी के तुरंत बाद उन्होंने गर्भ धारण कर लिया था। तय समय पर उनको एक बेटी हुई है।फाइब्रॉड के लिए उपचार का सुझाव केवल स्पष्ट लक्षणों वाले मामलों में दिया जाता है और ज्यादातर मामलों में लक्षण के आधार पर रोगी का सफल इलाज किया जाता है। उपचार के मेडिकल और सर्जीकल प्रक्रिया, दोनों प्रकार के माध्यम उपलब्ध हैं। फाइब्रॉएड और अन्य रोगी कारकों के आकार के आधार पर, मायोमेक्टोमी या हिस्टेरेक्टॉमी की सलाह दी जाती है और दोनों सर्जरीज को ओपन या लैप्रोस्कोपिक रूप से किया जा सकता है।
2-सीनियर सिटीजन्स के लिए 24 ङ्ग 7 मेडिकल हेल्पलाइन लॉन्च
चंडीगढ़,सुनीता शास्त्री।मोहाली 72वें गणतंत्र दिवस के मौके पर मैक्स अस्पताल, मोहाली ने सीनियर सिटीजन्स की मेडिकल हेल्प के लिए 24ङ्ग7 हेल्पलाइन 9872715522 शुरू करने की घोषणा की है।विवान सिंह गिल, वीपी- आपरेशन मैक्स हॉस्पिटल्स ने कहा कि हेल्पलाइन सीनियर सिटीजन्स की संपूर्ण मेडिकल हेल्प आवश्यकताओं में मदद करेगी। इसके अलावा हम दवाओं की मुफ्त होम डिलीवरी, घर से सैंपल कलेक्शन और एम्बुलेंस रेस्क्यू कॉल भी प्रदान करेंगे, जिससे सीनियर सिटीजन्स की सभी मेडिकल हेल्प ज़रूरतें कवर की जा सकेगी।इस अवसर के दौरान सीनियर सिटीजन्स के लिए एक फ्री मल्टी-स्पेशलिटी हेल्थ कैम्प भी आयोजित किया गया। मैक्स में इंटरनल मेडिसिन के एसोसिएट डायरेक्टर डॉ सचिन पांडोव ने एजिंग एंड मेडिकल साइंस पर एक हेल्थ टॉक को भी संबोधित किया।
3-व्यपारियो के मुद्दों को सलाहकार समिति की बैठक के एजेंडे में शामिल कर हल करवाने की अपील करने भाजपा अध्यक्ष से मिले व्यपारी
चंडीगढ़,सुनीता शास्त्री। शहर के व्यापारियों से संबंधित समस्याओं के हल के लिए व्यपारीयों की मांगों को प्रशासक की सलाहकार समिति की प्रस्तावित आगामी बैठक में एजेंडे के रूप में शामिल कर हल करवाने का निवेदन करने हेतु शहर के व्यापारियो के एक प्रतिनिधि मंडल ने चंडीगढ़ उद्योग व्यापार मंडल के संयोजक कैलाश चंद जैन के नेतृत्व में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष अरुण सूद से मुलाकात की। प्रतिनिधि मंडल में कैलाश चन्द जैन के साथ चंडीगढ़ स्टील फर्नीचर एसोसिएशन के प्रधान नरेश कुमार,वीरेन्द्र गुलेरिया, नरेश बंसल, लखदीप सिंह, प्रीतम ठाकुर, रमेश कुमार आदि शामिल थे।इन व्यपारियो ने अरुण सूद को बताया कि सेल्स टैक्स/ सीएसटी के पुराने केसों के निपटारे हेतु डीम्ड अससेमेंट स्कीम लाये जाना, सेल्सटैक्स के मामलों के निपटारे हेतु पंजाब सरकार की तर्ज पर ओ.टी.एस. स्कीम लागू किया जाना, ें अलॉटमेंट वाली कमर्शियल प्रॉपर्टी की ट्रांसफर के लिए इस्टेट ऑफिस द्वारा चार्ज किये जा रहे अन अरनेड प्रॉफिट को रेसिडेंशियल प्रोपर्टी की तरह खत्म किया जाना व बूथ दुकानों के ऊपर स्टोरेज के लिए ऊपरी मंजिल बनाने की मंजूरी दिए जाना आदि व्यपारियो की ऐसी मांगे है जो काफी समय से पेंडिंग चली आ रही है । व्यपारी समय समय पर इनके हल की मांग करते आ रहे है।इस अवसर पर कैलाश जैन ने यह भी बताया कि शहर के व्यापारी चंडीगढ़ उद्योग व्यपार मण्डल के माध्यम से इनके बारे प्रधानमंत्री कार्यालय तक गुहार लगा चुके है लेकिन प्रशासन के अधिकारियों के कानों पर जूं नही रेंगती, इसलिए अब इन मामलों को सलाहकार समिति की बैठक में उठा कर हल करवाया जाना चाहिए ताकि व्यपारियो को राहत मिल सके।व्यपारियो की बात को ध्यानपूर्वक सुनने के बाद भाजपा प्रदेशाध्यक्ष अरुण सूद ने आश्वासन दिया कि वे अपनी तरफ से व्यपारियो को राहत दिलाने की पूरी कोशिश करेंगे।
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Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020