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Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020

किसानों की 26 जनवरी की परेड को आम आदमी पार्टी का पूरा समर्थन : डॉक्टर सुशील गुप्ता

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बोले: कश्मीर से कन्याकुमारी तक के किसान कर रहे हैं आंदोलन, मगर देश के प्रधानमंत्री की आंखें अभी भी नहीं खुल रही

पंचकूला,24 जनवरी। आम आदमी पार्टी हरियाणा के मुख्य संयोजक एवं दिल्ली से पार्टी के राज्यसभा सांसद डॉक्टर सुशील गुप्ता का कहना है कि पार्टी 26 जनवरी को किसानों की होने वाली परेड का पूरा समर्थन कर रही है। वह उसे सफल बनाने के लिए किसानों की पूरी तरह से मदद करेगी। उन्होंने कहा कि जहां सरकार करीब 12 बैठकें होने के बाद भी अभी तक किसानों की समस्या का समाधान नहीं कर पाई है वही इससे यह भी साबित हो गया है कि सरकार किसानों की समस्याओं का समाधान करने की बजाय लटकाए रखना चाहती है । और वह अपनी इस रणनीति में पूरी तरह से फेल हो चुकी है। उन्होंने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार पूरी तरह से जनमत खो चुकी है ।
आज यहां जारी एक बयान में डॉ गुप्ता ने कहा कि एक ओर तो सरकार किसानों से बातचीत कर रही है वही दूसरी ओर इसके नेता अनर्गल बयानबाजी कर किसानों को बार-बार आतंकी बताते हैं। उन्होंने कहा कि यह सब एक सोची समझी साजिश के तहत किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भाजपा में ऐसे नेताओं की जुबान पर लगाम लगाने की बजाय उन्हें और प्रोत्साहित कर रही है क्योंकि बार-बार बयान बाजी इसी बात का सबूत ताकि किसी को भी रोका नहीं जा रहा है। उन्होंने कहा कि किसानों की परेड ऐतिहासिक होगी और उनके आंदोलन को और मजबूती प्रदान करेगी, क्योंकि इससे देश के उन हिस्सों के किसान भी जुड़ेंगे जो अभी तक किसी वजह से इसमें शामिल नहीं हो पाए। उन्होंने कहा कि इसका ताजा उदाहरण यह है कि नागपुर से लाखों की तादाद में किसानों का एक जत्था दिल्ली के लिए रवाना हो चुका है। जिससे यह बात साबित हो चुकी है कि पूरे देश के किसान एकजुट हो चुके हैं तथा धीरे-धीरे दिल्ली की ओर रुख कर रहे हैं। इससे केंद्र की भाजपा सरकार का वह दावा भी पूरी तरह से खोखला साबित हो रहा है जिसमें उसके नेता यह कहते हैं कि यह आंदोलन सिर्फ पंजाब और हरियाणा के किसान ही कर रहे हैं बाकी किसी भी राज्य के किसान को कोई परेशानी नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान के बाद अब कन्याकुमारी तक के राज्यों के किसान दिल्ली की ओर रुखसत हो रहे हैं। ऐसे में केंद्र सरकार को भी अपना हठ छोड़कर किसानों की बात मानते हुए तीनों काले कानूनों को तुरंत रद्द करना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह कितनी ही शर्मनाक एवं हृदय विदारक बात है कि 100 से भी ज्यादा किसानों की धरना स्थल पर शहादत के बावजूद देश के प्रधानमंत्री और उनके मंत्रियों की आंखें नहीं खुल रही हैं और वे इन तीनो काले कानूनों को लेकर अपना हठ धर्म अपनाए हुए हैं।