बुढ़ापे में ब्रेन स्ट्रोक मौत या विकलांगता का आम कारण डा.अमित शंकर सिंह
चंडीगढ़,सुनीता शास्त्री।मंडी, फोर्टिस अस्पताल मोहाली ने 73 वर्षीय बुजुर्ग को पड़े दिमागी दौरे (ब्रेन स्ट्रोक) का सफल इलाज करके करिश्मा कर दिखाया है। अस्ताल के न्यूरोलॉजी विभाग के एसोसिएट कंस्लटेंट डा. अमित शंकर सिंह ने बताया कि हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले से एक 73 वर्षीय बुजुर्ग ज्ञानचंद को दिगामी दौरे (स्ट्रोक) की हालत में फोर्टिस अस्पताल मोहाली लाया गया, जिसको पिछले 4 दिनों से सिर दर्द की शिकायत थी तथा तब उसको बोलने में भी दिक्कत आ रही थी तथा उसका चेहरा भी कमजोर हो चुका था। डा. अमित ने बताया कि अस्पताल आने के बाद मरीज की हालत और गंभीर हो गई तथा उसको वेंटीलेटर पर डालना पड़ा। डा. अमित ने बताया कि तुरंत मरीज का सीटी स्केन, एमआरआई तथा अन्य टेस्ट किए गए, जिससे पता लगा कि मरीज की दिमागी नाड़ी (नस) दो जगह से फट गई है तथा इसमें खून की थक्के (कलॉट) बन चुके हैं। उन्होंने बताया कि मरीज की गंभीर हालत को देखते हुए तुरंत इलाज शुरू किया गया। डाक्टर अमित ने बताया कि अकसर ऐसे केसों में दिमाग का आप्रेशन करना पड़ता है, पर अस्पताल के डाक्टरों ने मरीज के टेस्टों की जांच करके तुरंत दवाई शुरू की तथा खून जमने से रोकने वाली दवाईयां दी गईं। डा. अमित ने बताया कि धीरे-धीरे मरीज की हालत में सुधार शुरू हो गया तथा उसके दिमाग की नाडियो की सोजिश घट गई। एक महीने के बाद एक तरह करिश्मा ही हो गया, जब मरीज ओ.पी.डी. में स्वयं पैदल चलकर आया। उसकी आवाज भी वापिस आ गई तथा वह पहले की तरह खाने-पीने लगा। उन्होंने बताया कि मरीज का परिवारपूरी तरह खुश है, खास तौर पर उसकी पोती जो कि खुद डाक्टर है। काबिले-ए-जिक्र है कि डा. अमित शंकर सिंह उत्तरी भारत विशेषकर चंडीगढ़ ट्राईसिटी के प्रसिद्ध न्यूरो माहिर हैं, जिन्होंने चोटी की मेडीकल संस्थाओं से पढ़ाई की है तथा ट्रेनिंग ली है।