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Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020

ड्राई आइस से खत्म होंगी कोल्ड चैन की चुनौती,कोविड वैक्सीन के लिए चाहिए 27,000 कोल्ड-चेन प्वाइंट

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कोविड वैक्सीन के लिए चाहिए 76.000 कोल्ड-चेन उपकरण
चंडीगढ़, सुनीता शास्त्री। कोविड वैक्सीन की इंट्री देश में होने वाली है। ऐसे में सबसे बड़ी चुनौती है वैक्सीन का रखरखाव। वजह है कि कुछ कोविड वैक्सीन को माइनस चार डिग्री सेल्सियस पर रखा जा सकता है और कुछ को चार डिग्री सेल्सियसपर। ऐसे में जरूरी हैं 27000 से ज्यादा कोल्ड चेन प्वाइंट और 76000 सेज्यादा कोल्ड चेन उपकरण। इन समस्याओं को समाधान लेकर आई है अशोक एंड कंपनी।उद्देश्य यह है कि कोल्ड चेन प्वाइंट की आवश्यकता को कम करके ड्राई आइसके माध्यम से वैक्सीन को एकदम सुरक्षित वातावरण में रखा जा सके। वैक्सीनको अल्ट्रा-लो और कम तापमान में रखने की जरूरत है। यह कंपनी इंसुलेटड आईसबाक्स और ड्राई आइस का उपयोग करके वैक्सीन को सुरक्षित रखने का दावा करतीहै। वास्तव में कोविड वैक्सीन लाने और ले जाने के लिए ड्राई आइस कीआवश्यकता सबसे ज्यादा होती है। इसका उपयोग किया जाए तो कोल्ड चेन प्वाइंटऔर कोल्ड चेन उपकरणों का काम भी कम हो सकता है।कंपनी के एक अधिकारी ने बताया कि कोविड वैक्सीन लगाने के कार्यक्रम में27,000 से ज्यादा कोल्ड-चेन प्वाइंट और 76.000 कोल्ड-चेन उपकरण हैं।इसमें से 95 फीसदी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, सामुदायिक स्वास्थ्यकेंद्रों और उप केंद्रों में हैं। वैक्सीन ले जाने के लिए ड्राइ आइस काउपयोग किया जाता है। ड्राई आइस का उपयोग प्राथमिक रूप से कुछ सौ खुराकोंसे लेकर बहुतायत ट्रक लोड तक के लिए अल्ट्रा लो टेंपरेटर बनाए रखने केलिए किया जा सकता है। यह त्वरित और बड़े पैमाने पर संचालन में भी प्रभावी है।27 मार्च 2014 को, विश्व स्वास्थ्य संगठन (ङ्ख॥ह्र) ने भारत को पोलियो मुक्त देश घोषित किया था। वर्ष 2011 में वाइल्ड पोलियो वायरस का एक भी मामला सामने नहीं आया था। पोलियो टीकाकरण अभियान की सफलता का एक प्रमुख कारण था। लॉजिस्टिक्स में ड्राई आइस का उपयोग। वर्ष 2011 में पल्स पोलियो दिवस परजन टीकाकरण की मात्रा जानने के लिए, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा 172मिलियन बच्चों का टीकाकरण किया गया था।विशेषज्ञों ने बताया है कि कोविड -19 वैक्सीन की दो लाख खुराफ को स्टोरकरने और परिवहन के लिए सिर्फ 1000 किलोग्राम ड्राई आइस की जरुरत होगी।इसके लिए जरूरी है ठीक से डिजाइन और इंसुलेटेड आकार के बाक्स। जरूरी यहहै कि बाक्स न खोला जाए। वैक्सीन परिवहन और भंडारण के लिए विश्व स्तर पर इसी तरह के बक्से का उपयोग किया जा सकता है।