Chandigarh Today

Dear Friends, Chandigarh Today launches new logo animation for its web identity. Please view, LIKE and share. Best Regards http://chandigarhtoday.org

Posted by Surinder Verma on Tuesday, June 23, 2020

जल शक्ति राज्य मंत्री श्री रतन लाल कटारिया ने राष्ट्रीय जल विकास अभिकरण की एजीएम और नदियों को आपस में जोड़ने संबंधी समिति की अध्यक्षता की।

0
71

पंचकूला, 8 दिसंबर- जल शक्ति राज्य मंत्री श्री रतन लाल कटारिया ने राष्ट्रीय जल विकास अभिकरण की एजीएम और नदियों को आपस में जोड़ने संबंधी समिति की अध्यक्षता की।
देश की जल और खाद्य सुरक्षा बढ़ाने तथा जल की कमी, सूखा प्रभावित व वर्षा आधारित कृषि क्षेत्रों को पानी उपलब्ध कराने के लिए काफी महत्वपूर्ण है नदियों को आपस में जोड़ने का कार्यक्रमः श्री रतन लाल कटारिया
जल शक्ति राज्य मंत्री श्री रतन लाल कटारिया ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से राष्ट्रीय जलविकास अभिकरण (एनडब्ल्यूडीए) सोसायटी की 34वीं वार्षिक आम बैठक (एजीएम) और नदियों को आपस में जोड़ने संबंधी विशेष समिति (एससीआईएलआर) की 18वीं बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार और राजस्थान के जल संसाधन/ जल शक्ति विभाग मंत्रियों के अलावा डीओडब्ल्यूआर, आरडी एंड जीआर सचिव और आईएलआर पर बने कार्यबल के चेयरमैन और केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री के सलाहकार और विभिन्न केन्द्रीय व राज्य सरकार के संगठनों के अन्य अधिकारियों ने भाग लिया था।
बैठक के दौरान जल शक्ति राज्य मंत्री ने जोर देकर कहा कि देश में जल और खाद्य सुरक्षा बढ़ाने के लिए नदी जोड़ने का कार्यक्रम काफी महत्वपूर्ण है और इससे जल की कमी, सूखा प्रभावित और वर्षा पर निर्भर कृषि क्षेत्रों में जल उपलब्ध कराने में सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि भारत सरकार संबंधित राज्य सरकारों की सहमति और सहयोग से आईएलआर कार्यक्रम को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है। श्री कटारिया ने इस अवसर पर पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी को याद किया और कहा कि यह परियोजना उनका विजन, सपना और व्यक्तिगत तौर पर उनके दिल के करीब है।
श्री कटारिया ने बैठक में 5 बड़ी लिंक परियोजनाओं की डीपीआर और अंतर-राज्यीय व राज्यों के भीतर नदियों से जुड़ी विभिन्न परियोजनाओं की पीएफआर/एफआर की तैयारियों में एनडब्ल्यूडीए द्वारा की गई प्रगति के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि केन-बेतवा लिंक परियोजना के लिए ज्यादातर स्वीकृतियां हासिल कर ली गई हैं और मध्य प्रदेश व उत्तर प्रदेश के साथ डीपीआर साझा कर दी गई है। उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के बीच पानी की कमी वाले मौसम में जल की साझेदारी पर सहमति जैसे कुछ छोटे फैसले लंबित है और ऐसा अनुमान है कि परामर्श और सहयोग से इनका समाधान निकाल लिया जाएगा। इसी प्रकार, पार-तापी-नर्मदा लिंक परियोजना में जल की साझेदारी पर भी विचार चल रहा है। केन्द्रीय मंत्री ने नदियों को जोड़ने के कार्यक्रम को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए सभी सदस्यों विशेष रूप से संबंधित राज्य सरकारों से सहयोग और सहायता की अपील की।
श्री कटारिया ने बताया कि मंत्रालय ने कोसी-मेची लिंक परियोजना के लिए 4,900 करोड़ रूपये की निवेश स्वीकृति हासिल कर ली है, जिससे बिहार के सीमांचल क्षेत्र को खासा फायदा होगा। इससे न सिर्फ उत्तर बिहार के बड़े इलाकों को बाढ़ से राहत मिलेगी, बल्कि 2.14 लाख हेक्टेयर से ज्यादा क्षेत्र को सिंचाई सुविधाएं भी मिलेंगी।
जल शक्ति राज्य मंत्री ने भरोसा दिलाया कि विभिन् आईएलआर परियोजनाओं पर राज्यों दवारा आगे बढ़ाई गई चिंताओं का समाधान निकाला जाएगा और उम्मीद जताई कि आईएलआर कार्यक्रम को सभी संबंधित राज्य. के साथ सहयोग से आगे बढ़ाया जाएगा।
बैठक के दौरान, एनडब्ल्यूडीए के महानिदेश ने एजेंडे के बिंदुओं पर विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया और आईएलआर परियोजनाओं की स्थिति व लंबित मुद्दों/ बाधाओं आदि पर केन्द्र और राज्य सरकारों के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा की गई। बिहार के डब्ल्यूआरडी मंत्री श्री विजय कुमार चैधरी, उत्तर प्रदेश के जल शक्ति मंत्री डॉ. महेंद्र सिंह, मध्य प्रदेश के डब्ल्यूआरडी मंत्री श्री राम किशोर कावरे और राजस्थान के आईजीएनपी मंत्री श्री उदय लाल आंजना ने भी आईएलआर परियोजनाओं पर अपने विचार व्यक्त किए।