भाषा विभाग, पंजाब प्रतिवर्ष भाषाओं के विकास व प्रोत्साहन के लिए पंजाब के साहित्यकारों को पुरस्कृत करता है। वर्ष 2015 -20 तक के साहित्य शिरोमणि पुरस्कारों की घोषणा की गई है। संस्कृत विभाग, पी.यू. के अध्यक्ष प्रो. वीरेन्द्र कुमार अलंकार का वर्ष 2019 के साहित्य शिरोमणि पुरस्कार के लिए चयन हुआ है। प्रो. अलंकार ने विगत 30 वर्षों में पी.यू. चण्डीगढ में सेवारत रहते हुए वेद, व्याकरण, दर्शन, साहित्य, पालि जैसे विषयों पर 15 से अधिक ग्रन्थ लिखे हैं। आपकी गिनती भारत के प्रसिद्ध संस्कृत कवियों में होती है। पिछले महीने ही प्रो. अलंकार का एक नया काव्य ‘वाल्मीकिप्रशस्तिकाव्यम्’ भी प्रकाशित हुआ है। पंजाब और पंजाब की संस्कृति व सभ्यता पर आपके कई लेख हैं। वर्ष 2015 में थाईलैण्ड में वर्ल्ड संस्कृत कांफ्रेंस में आपने पंजाब के लेखन पर अपना शोधपत्र प्रस्तुत किया था और 2018 में वैंकुअर, कनाडा में वर्ल्ड संस्कृत कांफ्रेंस में एक सत्र का संचालन तथा पंजाब का वैदिक साहित्य को योगदान विषय पर पत्र पढा था। वर्ष जनवरी, 2022 में ऑस्ट्रोलिया में होने वाली वर्ल्ड संस्कृत कांफ्रेंस के लिए भी प्रो. अलंकार का गुरुनानक देव पर शोधपत्र स्वीकृत हो चुका है। मौलिक लेखन के लिए प्रो. अलंकार हरियाणा, दिल्ली, चण्डीगढ व मुम्बई आदि अनेक अकादमियों व संस्थाओं द्वारा सम्मानित हो चुके हैं।
संस्कृत विभाग, पी.यू. के लिए यह बड़े गौरव की बात है कि 2015 के लिए संस्कृत के पूर्व प्रोफेसर डॉ. रमाकान्त आंगिरस तथा 2016 के लिए .यह साहित्य शिरोमणि पुरस्कार डॉ. वेद प्रकाश उपाध्याय का चयन किया गया है।