हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने कहा कि कृषि विरोधी काले कानूनों को लेकर जब किसान अपनी बात कहना चाहते हैं, शांतिपूर्ण आंदोलन करना चाहते हैं, तो उनकी बात सुनने की बजाय भाजपा सरकार किसानों को जेलों में डाल रही है। किसानों पर वाटर कैनन चला रही है, लाठियां बरसा रही है। सरकार ऐसी दमनकारी नीतियों से बाज आए। सरकार इन काले कानूनों को वापस ले और किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य देने का कानून बनाए।
यह बातें हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने यहां जारी बयान में कहीं।
कुमारी सैलजा ने कहा कि भाजपा सरकार ने तीन कृषि विरोधी काले कानून बनाकर हमारे अन्नदाता की रीढ़ की हड्डी तोड़ने की कोशिश की है। बजाय इसके कि सरकार किसान को उसकी उपज के उचित दाम दे, न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद हो। सरकार ने ऐसा तुगलकी फरमान जारी कर दिया है, जिसने किसानों को निजी हाथों में बेच डाला है। अब जब किसान अपनी बात कहना चाहते हैं, शांतिपूर्ण आंदोलन करना चाहते हैं, तो उसकी भी उन्हें इजाजत नहीं दी जा रही है। इस सरकार का बातचीत में कोई विश्वास नहीं है। सरकार हमेशा किसानों को बरगलाती है और आज सरकार उनको अपनी बात रखने का मौका भी नहीं दे रही है। उलटा उनको जेलों में डाल रही है, उनपर वाटर कैनन चलाए जा रहे हैं, उनपर लाठियां बरसाई जा रही हैं। किसानों के खून पसीने की उपज देश खाता है। आज किसानों का खून बह रहा है। भाजपा सरकार को किसानों की बात सुनना होगी, उचित कानून लाना होगा, किसान को उसका न्यूनतम समर्थन मूल्य देना होगा।
कुमारी सैलजा ने कहा कि भाजपा सरकार किसानों को अपनी बात कहने का मौका दे। यह लोकतंत्र है। किसानों को अपनी बात रखने का पूरा मौका मिलना चाहिए। सरकार ने किसानों को जगह-जगह रोका है। किसानों को बाध्य किया जा रहा है। सरकार ने यदि किसानों की बात सुनी होती तो वह दिल्ली क्यों आते? किसानों को सरकार ने बाध्य किया है कि वह दिल्ली आएं।
कुमारी सैलजा ने कहा कि सरकार ऐसी दमनकारी नीतियों से बाज आए और सभी की बात सुने। सरकार उचित कदम उठाए। सरकार इन काले कानूनों को वापस ले और किसानों को उनकी फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य देने का कानून बनाए।